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नक्सलियों का मन बदला:दंतेवाड़ा में 6 साल पहले नक्सलियों ने तोड़ा था स्कूल,

नक्सलियों का मन बदला:दंतेवाड़ा में 6 साल पहले नक्सलियों ने तोड़ा था स्कूल, सरेंडर करने के बाद उन्हीं ने 3 महीने में इसे फिर से बनायाछत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा के मासापारा में प्राथमिक शाला की नई बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है। कोरोनाकाल के बाद बच्चे इसी इमारत में बैठकर पढ़ाई करेंगे। खास बात ये है कि इस स्कूल को 6 साल पहले जिन नक्सलियों ने तोड़ा था, उन्हीं ने सरेंडर करने के बाद 3 महीने में इसे फिर से बनाकर खड़ा कर दिया।

नक्सलियों ने 2005 के बाद दंतेवाड़ा के 10 से ज्यादा स्कूल बिल्डिंग को नुकसान पहुंचाया था। इनमें मासापारा का यह स्कूल भी शामिल था। पुलिस का लोन वर्राटू अभियान शुरू होने के बाद इलाके के 18 नक्सलियों ने दंतेवाड़ा कलेक्टर और एसपी के सामने सरेंडर कर दिया। नक्सलियों ने इलाके में स्कूल की मांग की। कलेक्टर ने तुरंत इसको मंजूरी दी। गांव के लोग और सरेंडर कर चुके नक्सली भारी बारिश के बीच भी काम में जुटे रहे।

सरेंडर कर चुके नक्सली अपने बच्चों को यहीं पढ़ाएंगे

नक्सलियों द्वारा तोड़ा गया यह पहला स्कूल भवन है, जिसे दोबारा बनाया गया। स्कूल के फिर से बन जाने से गांव के लोग बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि वे अपने बच्चों का फिर से इसी स्कूल में दाखिला कराएंगे। यहां तक कि सरेंडर कर चुके नक्सलियों ने भी अपने बच्चों को इसी स्कूल में पढ़ाने की बात कही है।

दंतेवाड़ा के जिला कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि भांसी मासापारा का स्कूल बनकर तैयार हो गया है। सरेंडर कर चुके नक्सलियों और गांव के लोगों ने खुद पूरे उत्साह से इस काम को किया है। स्कूल खुलेंगे, तो यहीं क्लासेस लगेंगी। इधर, सरेंडर कर चुके नक्सलियों ने कहा कि इस काम से उन्हें रोजगार मिला है। आगे भी ऐसे ही काम मिलते रहे, तो जिंदगी चलाना आसान हो जाएगा।

पोटाली गांव के स्कूल को भी बनाने की तैयारी

मासापारा के बाद अब पोटाली गांव के जिस स्कूल-आश्रम को नक्सलियों ने मिटा दिया था। पुलिस कैंप खुलने के बाद इसके लिए पहले भी कोशिश हुई थी। लेकिन, नक्सल इलाका होने की वजह से कोई ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं हुआ। अब सरेंडर कर चुके नक्सलियों और गांव वालों की मदद से स्कूल के साथ आश्रम को भी बनाया जा रहा है।

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