3 ग्रीनफील्ड कॉरिडोर पर काम तेज कराने की अपील:डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने नितिन गडकरी से मुलाकात कर मांगे कई बड़े सड़क प्रोजेक्टहरियाणा में सड़क विकास कार्यों को तेजी से करवाने के लिए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की हैं। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री के साथ प्रदेश की कई बड़ी सड़क विकास परियोजनाओं, किसान आंदोलन समेत कई विषयों पर चर्चा की।
डिप्टी सीएम ने बताया कि भारतमाला परियोजना के तहत प्रदेश में तीन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बन रहे है जिसमें पहला अमृतसर से लेकर गुजरात, दूसरा गुड़गांव से लेकर गुजरात और तीसरा एवं सबसे महत्वपूर्ण इस्माईलाबाद (कुरुक्षेत्र) को नारनौल से जोड़ने वाला कॉरिडोर शामिल है। केंद्रीय मंत्री गडकरी द्वारा कुछ माह पहले हरियाणा में करोड़ों रुपए की कई बड़ी सड़क संबंधित परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया गया था, तब राज्य सरकार के द्वारा केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष राज्य में ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर बनाने की मांग की गई थी और इससे संबंधित प्रदेश सरकार ने दो प्रपोजल केंद्र को भेजे थे। इन प्रोपजलों को एनएचएआई द्वारा जल्द टेकअप करने की मांग की गई है।
वहीं फाजिल्का से मेरठ और हिसार से रेवाड़ी को जोड़ने वाले सड़कों से संबंधित दोनों प्रपोजल पर भी चर्चा हुई है और इसको लेकर उन्होंने मांग की कि केंद्र जल्द सर्वे करवाकर इसे टेकअप करें। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इसके अतिरिक्त एनएच के कई मामले जमीन अधिग्रहण के लिए पेंडिंग पड़े हैं इस पर राज्य के संबंधित अधिकारियों ने केंद्र से तय समय पर पूरा करने का वादा किया है।
सातवें दौर की बैठक के बाद निर्णय आने की उम्मीद
डिप्टी सीएम ने किसान आंदोलन पर कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री और गृह मंत्रालय इस विषय पर निरंतर चर्चा कर रहे हैं। जल्द किसान संगठनों व केंद्र सरकार के बीच सातवें दौर की बैठक के बाद इसमें निर्णय आने की उम्मीद है। केंद्र सरकार किसानों के हित में कदम उठाने को तैयार है और कृषि क्षेत्र के फायदे को देखते हुए किसान संगठन भी कदम उठाएं क्योंकि लंबे गतिरोध से किसानी को नुकसान है।
शुरू में किसान संगठन बिलों में बदलाव की मांग करते हुए एमएसपी को लिखित तौर में शामिल करवाना चाहते थे और इस पर अब केंद्र सरकार तैयार है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि आंदोलन को लंबा न खींचकर सबके हित में चर्चा करके जल्द किसान संगठन इस विषय को खत्म करें।