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आंदोलन में ट्रैक्टराें की तरह गानाें की भी कतारें:किसी में बता रहे किसान का दर्द

आंदोलन में ट्रैक्टराें की तरह गानाें की भी कतारें:किसी में बता रहे किसान का दर्द तो किसी में बड़े भाई पंजाब का साथ देने का वादाहरियाणा में पिछले 20 दिन में किसान आंदोलन से जुड़े 100 से ज्यादा गाने रिलीज हुए, लाखों व्यूज मिलेहक लेण आ रया सै किसान दिल्ली ए, लेवै न तू म्हारा इम्तिहान दिल्ली ए।
ईब नहीं लुटांगे नहीं पिटांगे, पाच्छै भी हाम नहीं हटांगें, किसान भगत सिंह होया फिरै, कमजोर ना मान्नै।
पंजाब के किसानां का हामनै साथ देणा भाई रै, पंजाब सै म्हारा बड़ा भाई रै।
दिल्ली तूं ना पंजाब नै कल्ला सोचिए, पहले हरियाणे आलां गेल्यां लड़ना पड़ेगा।
रै कर ल्यो कदर किसान की, सारे मिलकै बात करो इसके सम्मान की।
ये नए बने उन हरियाणावी गानों के बोल हैं, जाे किसान आंदोलन में जान फूंक रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में यहां पंजाबी के साथ ही हरियाणवी गानों का ट्रेंड बना है। ट्रैक्टरों में लगे बड़े-बड़े म्यूजिक सिस्टम पर बज रहे ये गाने जोश हाई कर रहे हैं। गानों से जुड़े लोग बताते हैं कि हरियाणा में पिछले 20 दिनों में किसानों और आंदोलन से जुड़े 100 से ज्यादा गाने रिलीज हुए हैं।

इनमें से कुछ वीडियो आधारित भी हैं। किसी गाने में किसान के हालात का जिक्र किया गया है तो किसी में पंजाब के किसानों का साथ देने के लिए उनसे आगे खड़े रहने की बात कही गई है। हरियाणा के सिंगर और कलाकारों की बात करें तो बिंदर दनोदा, केडी, राजू पंजाबी, अजय हुड्डा, सुरेंद्र रोमियो, अमित ढुल से लेकर महिला सिंगर भी किसानों के गाने बनाकर रिलीज कर रहे हैं। इनमें से किसी गाने को तो लाखों में व्यूज मिल रहे हैं।

कैसे-कैसे गाने हुए हैं रिलीज

हरियाणा में किसानों पर गाने बनाने की शुरुआत वैसे तो दो माह पहले कुरुक्षेत्र के पिपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के समय पर ही हो गई थी। लेकिन अब आंदोलन में ऐसे गानों की बाढ़ आ गई है। जो हरियाणवी गाने किसानों पर रिलीज हुए हैं, उनमें फार्मर, किसान दिल्ली ए, किसान बनाम मोदी, किसान एंथम, खेती, किसान बनाम नेता, किसान बनाम दिल्ली, किसान महकमा, रिस्पेक्ट ऑफ फार्मर और किसान की आवाज आदि प्रमुख हैं। इनमें से कई तो यू-ट्यूब पर ट्रेंडिंग में रहे हैं।

मुद्दा कहीं का हो हरियाणा में गाने बन जाते हैं

एक कहावत है कि चाहे कित्ते का रोला हो, चाहे कित्ते कोई बड़ा फैसला हो, हरियाणा आले टांग अड़ा ही दें सैं। देशभर में कहीं कुछ हो जाए, लेकिन गानों की होड़ हरियाणा में शुरू होती है। उत्तराखंड बाढ़, अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने पर भी गानों की झड़ी लगी थी।

फीलिंग व कमाई का है खेल

हरियाणवी सिंगरों और कलाकारों का कहना है कि कोई भी बड़ी घटना कोई कार्यक्रम होता है तो उससे लोगों की भावनाएं जुड़ी होती हैं। उससे संबंधित कुछ भी आता है तो लोग उससे जुड़ते हैं। इस तरह के गाने रिलीज होने के बाद गाने खुद वायरल हो जाते हैं। इन्हें बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता, क्योंकि पुराने गानों के म्यूजिक पर केवल शब्द बदलने होते हैं और वीडियो बनानी ही नहीं होती, केवल कुछ फोटो प्रयोग करते हैं। लोगों से जुड़े होने के कारण व्यूज अच्छे मिल जाते हैं, जिससे कमाई ठीक-ठाक हो जाती है। लोगों से इमोनशनल कनेक्शन भी जुड़ता है।

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