आज सोमवती अमावस्या:सरोवरों में स्नान पर रोक के विरोध में पुरोहित, बाेले-अनलॉक है तो क्यों लग रही पाबंदियांब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा ने तीर्थ स्नान पर पाबंदी की आलोचना की, कहा-केडीबी कोविड के नाम पर आस्था को पहुंचा रहा ठेस
पाबंदी का नहीं दिखा असर रास्ता था बंद, पार्कों से होकर डुबकी लगाने पहुंचे श्रद्धालु
अमावस्या पर तीर्थों पर स्नान-दान पर पाबंदी लगाने को लेकर शहर के तीर्थ पुरोहित खफा हो गए हैं। आरोप लगाया कि जब पूरा देश अनलॉक है और बाजारों में भीड़ तक जुटने लगी है तो जानबूझ कर सिर्फ तीर्थों को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है।
उधर, रविवार को पाबंदी के बावजूद सैकड़ों लोग सन्निहित तीर्थ पर जुटे। यह पाबंदी सोमवार को सोमवती अमावस्या के उपलक्ष्य में भी रहेगी। बता दें कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा सोमावती अमावस्या के उपलक्ष्य में चौदस के दिन 13 दिसंबर और सोमवती अमावस्या के दिन 14 दिसंबर को ब्रह्मसरोवर व सन्निहित सरोवर पर भीड़ जुटाने से रोकने के लिए स्नान आदि पर पाबंदी लगाई गई है। कोविड दौर में शुरू से अमावस्या पर पाबंदी लगाई जा रही है। वहीं लॉकडाउन के दौरान भव्य ब्रह्मसरोवर व सन्निहित कई महीने बंद रखे गए थे।
पाबंदी का औचित्य क्या
सभा के मुख्य सलाहकार जयनारायण शर्मा तथा प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा ने सभा की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि केवल हरियाणा में ही सनातन धर्म की परंपराओं पर कोविड-19 के नाम पर पाबंदी लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व एक संप्रदाय के लोगों ने विशाल शोभा यात्रा निकाली, उस पर प्रशासन ने कोई पाबंदी नहीं लगाई। हरियाणा के बरोदा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हुआ तो सभी राजनीतिक दलों ने बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियों की। इतना ही नहीं बिहार विधानसभा के चुनाव में भी सभी दलों ने कोविड-19 की गाइडलाइन की अवहेलना करके विशाल चुनावी रैलियां आयोजित कीं।
जानबूझ कर गीता महोत्सव किया सीमित
जयनारायण शर्मा व पंडित पवन शर्मा ने कहा कि सोमावती अमावस्या को श्रद्धालुओं के आने पर पाबंदी न लगाकर प्रशासन को चाहिए था कि वह कोविड की गाइडलाइन जारी करने का आदेश जारी करता। कहा कि जानबूझ कर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने गीता जयंती महोत्सव को भी बहुत छोटा कर दिया है जबकि गीता जयंती महोत्सव कुरुक्षेत्र की शान है और यह अंतरराष्ट्रीय रूप धारण कर चुका है।
बेअसर पाबंदी, जुटी भीड़
दो दिन के लिए सरोवरों पर पाबंदी है। पहले की घटना से सबक लेते हुए पुलिस ने सन्निहित के रास्ते पर बेरिकेड्स लगाए लेकिन इसके बावजूद भीड़ जुटी। चौदस पर लत्ता डालने की रस्म निभाने सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। सरोवर में स्नान भी हुआ। लोग पार्क के रास्ते से सन्निहित पर पहुंचे। हालांकि बेरिकेड्स के रास्ते से किसी को नहीं जाने दिया गया।
पुरोहितों ने पास किया प्रस्ताव
सभा की कार्यकारिणी ने प्रस्ताव पारित कर आरोप लगाया है कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड कोविड-19 के नाम पर सनातन धर्म व तीर्थ परंपरा को ठेस पहुंचा रहा है। तीर्थोद्धार सभा इसे किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगी। सभा के प्रधान पंडित पवन शास्त्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पास करके कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और जिला प्रशासन को भेजा गया है। कहा कि भविष्य में सनातन धर्म व तीर्थ परंपराओं पर इस प्रकार की पाबंदी लगाई गई तो सभा सनातन प्रेमियों व तीर्थ पुरोहितों के साथ मिलकर इस प्रकार के फैसलों का कड़ा विरोध जताएगी।