किसान आंदोलन:हरियाणा बॉर्डर पर हाइवे पर किसानों का कब्जा, सांसद बेनीवाल के पहुंचने के बाद लगा जामपहले सर्विस लेन पर बैठे रहे, बहरोड़, शाहजहांपुर व कोटपूतली से आते रहे किसान
चर्चा रही कि किसान रात्रि को ही दूसरे रास्तों से दिल्ली जाएंगे
कृषि कानून के विराेध शनिवार देर शाम को शाहजहांपुर से आगे हरियाणा बॉर्डर पर किसानों ने हाइवे पर कब्जा कर लिया। सांसद हनुमान बेनीवाल के पहुंचने के बाद वहां बड़ी भीड़ जुट गई। सैकड़ों वाहन पहुंचने से जाम लगा रहा। हाइवे पर कई किलोमीटर दूर तक जाम के हालात बने रहे। इसके बाद सांसद बेनीवाल वहां से चले गए।
कुछ किसान नेताओं ने कहा कि सुबह दिल्ली कूच करेंगे। यह भी चर्चा रही कि किसान दूसरे रास्तों से दिल्ली जाने के लिए शाहजहांपुर से निकल गए हैं। जबकि यहां कई दिनों से पड़ाव डाल रहे किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल चौधरी ने कहा कि सुबह दस बजे के बाद में किसान दिल्ली कूच करेंगे। रात्रि को बॉर्डर पर ही रुकेंगे।
पिछले दस दिनों से शाहजहांपुर के पास किसान पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल चौधरी के नेतृत्व में पड़ाव भी जारी है। वे भी बॉर्डर पर आ चुके हैं। अभी तक हरियाणा पुलिस ने किसानों को बॉर्डर से आगे नहीं जाने दिया है।पहले कोटपूतली में किसानों मिले
शाहजहांपुर टोल प्लाजा से निकलने से पहले सांसद हनुमान बेनीवाल कोटपूतली में किसानों से मिले। इसके बाद वे किसानों के साथ शाहजहांपुर होते हुए बॉर्डर पर पहुंचे। हालांकि, शाहजहांपुर से आगे हरियाणा बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस तैनात है। जिन्होंने पहले भी राजस्थान से आने वाले किसानों को बॉर्डर पार नहीं करने दिया। इस कारण किसानों ने आधे हाइवे पर कब्जा कर लिया। एक तरफ से ही वाहन निकलते रहे।
टोल मैनेजर बोले किसानो को नहीं रोकेंगे
शाहजहांपुर टोल प्लाजा के मैनेजर जावेद कुरैशी का कहना है कि किसानों से टोल प्लाजा नहीं लेेंगे। सामान्य तौर पर टोल शुल्क लेने वालों को मना भी नहीं किया जाएगा। वैसे यहां पर सुबह से ही हलचल बढ़ गई है। पुलिस जाब्ते के अलावा आसपास के कुछ किसान भी आए हैं।
बेनीवाल दे चुके हैं चेतावनी
कृषि कानून काे लेकर सांसद बेनीवाल कई बार सरकार को चेतावनी दे चुके हैं। अब इस कानून के विरोध में खुलकर आ चुके हैं। अलग-अलग जगहों पर किसानों से मिलने का दौर जारी है।अमराराम पहले आ चुके थे
करीब तीन दिन पहले माकपा विधायक अमराराम किसानों के साथ आए थे। लेकिन, उनको हरियाणा पुलिस ने आगे नहीं जाने दिया। इसके बाद वे उसी दिन 12 दिसम्बर को वापस आने की बात कह कर गए थे। इस कारण वे भी किसानों के साथ आ सकते हैं। दोनों किसान नेताओं के साथ बड़ी संख्या में किसानों के आने की संभावना को देखते हुए बॉर्डर पर पुलिस जाब्ता बढ़ाया गया है।