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छात्रों की मजबूरी:बिना किताब गुजरा साल, पढ़ाई छोड़कर करने लगे मजदूरी

छात्रों की मजबूरी:बिना किताब गुजरा साल, पढ़ाई छोड़कर करने लगे मजदूरी; 38 में से 4 जिलों के प्रारंभिक स्कूलों के छात्रों को ही मिल पाईं सरकारी किताबेपटना के 3152, सारण के 2560, गया के 3065, प.चंपारण के 2398, भागलपुर के 1800 प्रारंभिक स्कूलों के छात्रों को है पुस्तक का इंतजार
हर साल राज्य सरकार की ओर से कक्षा 1 से 5 वीं तक के छात्रों को 250 रुपए और कक्षा 6 से 8 तक बच्चों को 400 रुपए की राशि किताब के लिए दी जाती रही है। इस साल 24 जिलों के छात्रों के खाते में किताब खरीदने के लिए राशि भेजी गई है, जबकि 27 जिलों में पुस्तक बिक्री के लिए शिविर तक नहीं लगाए गए। ऐसे में राज्य के नौनिहालों की पढ़ाई का हाल क्या है, हमने सभी जिलों में शिक्षा विभाग के अफसरों से इसकी पड़ताल की। पेश है समग्र रिपोर्ट…

मध्य विद्यालय महेशपुर अलीगंज, भागलपुर में चौथी कक्षा में पढ़ने वाला छात्र मुस्कान कुमार इन दिनों फल की दुकान में संतरा बेच रहा है। इसी तरह मध्य विद्यालय पुलिस लाइन, भागलपुर के पांचवीं का छात्र रमण इन दिनों सब्जी बेच रहा है। यह बच्चों का शौक नहीं, मजबूरी है।

कारण कि कोरोना के कारण पिछले आठ माह से ज्यादा समय से इनके स्कूल बंद हैं। दावे भले किए जा रहे हैं कि बच्चों को दूरदर्शन समेत कई ऑनलाइन माध्यमों से पढ़ाया जा रहा है। सबसे बड़ी बात है कि ये पढ़ें कैसे, इनके पास तो किताब ही नहीं हैं। पढ़ाई का सत्र शुरू होने के महीने मार्च में ही लॉकडाउन लग गया। इस कारण सरकार की ओर से दी जानेवाली किताबों के लिए अधिकतर जिलों में स्टॉल नहीं लगाए जा सके। केवल चार जिले मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, नालंदा और शेखपुरा के छात्रों को ही पुस्तकें मिल सकीं। बाकी 34 जिलों के छात्रों की स्थिति समझी जा सकती है।

लॉकडाउन में किसी-किसी के घर के गार्जियन की नौकरी तक चली गई। ऐसे में छात्र पढ़ाई छोड़ कर कमाई में लग गए हैं। भले ही शिक्षा विभाग के पास यह आंकड़ा नहीं हो कि स्कूल बंद रहने के दौरान कई बच्चे मजबूरी में मजदूरी कर रहे और कूड़ा तक बिन रहे हैं। सारण के एकमा प्रखंड समेत कई और जिलों के ग्रामीणों अंचलों से ऐसी तस्वीरें मुझे मिलीं।

ये हैं कुछ महत्वपूर्ण बातें, जिन पर सरकार व शिक्षा विभाग को देना होगा ध्यान

24 जिलों के छात्रों के खाते में किताब खरीदने के लिए राशि भेजी गई है।
6990 स्कूलों के विद्यार्थियों को किताब की राशि अब तक नहीं भेजी गई है।
7211 विद्यालयों के छात्र ही मिली राशि से पुस्तकों की खरीद कर पाए हैं। सरकार की ओर से केवल चार जिले मुजफ्फरपुर , बेगूसराय , नालंदा और शेखपुरा में ही पुस्तक स्टॉल लगाए गए।
3768 विद्यालयों के छात्रों को राशि भेजने की प्रक्रिया अभी जारी है।
27 जिलों में पुस्तक बिक्री के लिए शिविर नहीं लगाया। जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुसार जमुई में किताब बिक्री जारी है, समस्तीपुर में 15 दिसंबर से शिविर लगाया जाएगा। आधा दर्जन जिले नवादा, भोजपुर, अरवल, कटिहार, लखीसराय और खगड़िया के प्रारंभिक स्कूलों के विद्यार्थियों को किताब की राशि नहीं भेजी है। जबकि 3 जिले गोपालगंज, जहानाबाद और बक्सर में भेज रहे हैं।
पड़ताल के दौरान हैरानी की बात सामने आई कि तीन जिले मधुबनी, सुपौल तथा कैमूर के शिक्षा विभाग के अफसरों ने कहा कि उन्हें बच्चों को किताब देने या उसकी राशि के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।
दोषियों पर कार्रवाई होगी

बच्चों के खाते में किताब की राशि भेज दी गई है। 55 प्रकाशकों को कक्षा 1 से 8 तक के लिए निर्धारित पाठ्य पुस्तक छाप कर जिलों में भेजने और बिक्री की जिम्मेदारी दी गई थी। बच्चों को यदि किताब नहीं मिल रही है तो इसके लिए दोषियों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -संजय कुमार, प्रधान सचिव, शिक्षा विभाग

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पटना जिले में प्रारंभिक स्कूलों की संख्या 3152 है। इन स्कूलों के बच्चों के खाते में सरकार की ओर किताब की राशि तो भेज दी गई है, पर पुस्तक की खरीद अबतक नहीं हो सकी है। पटना के डीपीओ मनोज कुमार ने कहा कि स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई में मात्र 30 फीसदी बच्चे ही सफल हो पाए हैं। यानि हम 70 प्रतिशत बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई नहीं करवा पा रहे हैं।

वहीं सारण में कुल 2560 प्रारंभिक विद्यालय हैं। इनमें करीब सात लाख बच्चे नामांकित हैं। इनमें 40 फीसदी बच्चों के खाते में राशि मिल भी चुकी है। बाकी राशि रिलीज हो गई है, उसे राज्य शिक्षा विभाग से भेजा जा रहा है। नालंदा जिले में 2180 प्रारंभिक विद्यालय हैं। इनके बच्चों को राज्य से ही डीबीटी के माध्यम से राशि भेज दी गई है।

डीईओ मनोज कुमार ने बताया कि पाठ्यपुस्तक के लिए कक्षा 1 से 5 वीं तक के लिए 250 रुपए और कक्षा 6 से 8 तक के लिए 400 रुपए की राशि स्टेट से ही डीबीटी के माध्यम से भेज दी गई है। 1 से 20 सितंबर तक जिले के सभी बीआरसी और सीआरसी में स्टॉल लगाए गए थे। मुजफ्फरपुर जिले में पहली से आठवीं कक्षाओं के 7 लाख 47 हजार 841 छात्र-छात्राओं के खाते में किताबों की खरीद के लिए डीबीटी के माध्यम से राज्य स्तर से राशि भेजी जा चुकी है। बच्चे किताबें खरीद सकें, इसके लिए बीआरपी व सीआरसी स्तर पर प्रखंडों में कैंप लगाए गए थे जहां से 1 लाख 78 हजार स्टूडेंट्स ने किताबें खरीदीं।

मुजफ्फरपुर के जिला शिक्षा अधिकारी अब्दुस सलाम अंसारी ने बताया कि कोरोना संकट के कारण बच्चों की पढ़ाई में काफी परेशानी हो रही है। लेकिन, उन्हें कैंप लगाकर किताबें उपलब्ध कराई गई हैं। वहीं भागलपुर जिले में करीब तीन लाख छात्रों के खाते में राशि भेजी गई है।

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