कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन:हुड्डा बोले- सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे, सीएम का जवाब- खुद बिलों की सिफारिश कर अब मुकरेडिप्टी सीएम के निवास पर हुई कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक, कृषि कानूनों का मुद्दा छाया रहा
किसान संगठन ने की दिल्ली दंगा और भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपियों को रिहा करने की मांग
कृषि कानूनों को लेकर सीएम मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच बयानबाजी तेज होती जा रही है। गुरुवार को रोहतक में हुड्डा ने सरकार को घेरा तो सत्ता पक्ष ने भी डटकर जवाब दिया है। हुड्डा ने कहा कि राज्यपाल से विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, उसमें अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। इसके जवाब में सीएम ने कहा कि कांग्रेसी तो बात करने को तैयार नहीं हैं।
किसान आंदोलन के दौरान उनका व्यवहार प्रदेश व देश की जनता ने देखा है। ये सभी विषय कांग्रेस के समय के ही खड़े हैं। यूपीए सरकार में कृषि मंत्री रहे शरद पंवार भी इसके समर्थन में थे। सीएम ने कहा कि हुड्डा के नेतृत्व में बने मुख्यमंत्रियों के समूह ने भी इसकी सिफारिश की थी। अब वे किस मुंह से इसका विरोध कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि कांग्रेस किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम कर रही है। दूसरी ओर हुड्डा ने कहा कि तीन नए कानूनों को हमारी कमेटी की सिफारिश बताकर जनता को गुमराह कर रही है।
उनके नेतृत्व में बनी मुख्यमंत्रियों की कमेटी ने मंडियों के विस्तार की सिफारिश की थी, ना कि उन्हें खत्म करने की। पूर्व सीएम ने कहा कि किसानों को जुबानी आश्वासन नहीं, एमएसपी की गारंटी का कानून दिया जाए। कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जब तक किसानों की फसलों पर एमएसपी है, तब तक वे पद बैठे हैं और जिस दिन एमएसपी आंच आएगी, उसी दिन वे अपना इस्तीफा दे देंगे।
उन्होंने कांग्रेस नेताओं से कहा कि अगर इसके बाद भी किसी को कोई कन्फ्यूजन है तो वे हरियाणा में हुई बाजरे की ऐतिहासिक खरीद को देखें। मंत्रिमंडल की अनौपचारिक बैठक डिप्टी सीएम के निवास पर हुई। सीएम ने आंदोलन पर मंत्रियों से उनके जिलों एवं हलकों को लेकर फीडबैक लिया। सरकार इस बार 55 हजार एमटी बाजरे की खरीद करेगी।
विपक्ष को केवल जेजेपी की चिंता: दुष्यंत
दुष्यंत ने कहा कि विपक्षी नेताओं को जननायक जनता पार्टी की चिंता है। उन्होंने कहा कि किसानों की बात रखने के लिए वे निरंतर केंद्र सरकार के संपर्क में हैं और उनकी केंद्रीय मंत्रियों जो कि किसानों की बात सुनने के लिए कमेटी में शामिल हैं, उनसे बातचीत भी हुई है। पड़ोसी राज्य पंजाब व राजस्थान में ऐसा नहीं है। वहां बाजरा सड़कों पर बिक रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने किसानों को प्रताड़ित किया है। बिजाई के लिए पंजाब के किसानों के पास न खाद पहुंच पाई और न बीज। पंजाब सरकार ने किसानों को परेशान कर दिया।
अब रोटियां सेंक रहा विपक्ष: धनखड़
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर विपक्ष राजनीतिक रोटियां सेक रहा है, कुछ लोगों की संवेदनशील मुद्दों पर राजनीतिक रोटियां सेंकने की आदत हो गई है। किसानों के मुद्दों को सरकार ने संवेदनशीलता से सुना है और किसान जत्थेबंदियों के जो भी सुझाव थे, उन सभी सुझावों को सरकार ने स्वीकार कर लिया है। गुरुवार काे धनखड़ रोहतक में पहुंचे थे। वहीं, धनखड़ ने कहा कि हुड्डा का बेटा कभी धरनों पर जाकर चढ़े तवे पर राजनीतिक रोटियां सेंकता हैं और वे रोटियां जल जाती हैं। कभी सैलजा रोटियां सेंकने जाती हैं।
केएमपी से 200 मीटर अंतराल पर लगने लगे किसानों के पंडाल, पुलिस टीमों ने गश्त बढ़ाई
किसानों के पंडाल सिंघु बाॅर्डर से बढ़ते हुए केएमपी के नजदीक पहुंच गए हैं। केएमपी से 200 मीटर के अंतराल पर पंडाल लगने लगे हैं। इस रास्ते की सुरक्षा पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। पुलिस ने केएमपी की सुरक्षा के लिए दिन व रात को गश्त के लिए दो पुलिस टीमें लगाई हैं। यह टीमें निगरानी रखने के साथ कुछ भी हरकत होते ही प्रशासन को सूचना देंगी। केएमपी गोल चक्र के पास, अंसल प्लाजा सहित आसपास के गांवों के लिंक मार्गों पर सात नाके लगा दिए गए हैं। यहां सिवल ड्रेस व वर्दी में करीब 100 से ज्यादा पुलिस कर्मचारी लगाए गए हैं।
12 दिसंबर से सभी टोल नाकों पर नहीं वसूलने दिया जाएगा टैक्स
दिल्ली में कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के चलते किसान सभा ने प्रदेश के टाेल नाकाें पर शनिवार 12 दिसम्बर काे सभी वाहन बिना टैक्स दिए निकालने का ऐलान किया है। गुरुवार काे किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष फूलसिंह श्योकंद ने कहा कि तीन काले कानून, बिजली विधेयक व पराली जलाने पर किसान को कैद व भारी जुर्माने आदि किसान विरोधी फैसले वापस लेने की मांग को लेकर किसान निर्णायक लड़ाई लड़ेगा। टोल नाके पर शनिवार को वाहनाें काे फ्री निकालना इसी कड़ी का हिस्सा है।