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आंदोलन का 15वां दिन:किसानों का नया ऐलान- अब देशभर में ट्रेनें भी रोकी जाएंगी,

आंदोलन का 15वां दिन:किसानों का नया ऐलान- अब देशभर में ट्रेनें भी रोकी जाएंगी, पीएम ने कहा- गुरु नानकदेवजी ने बताया है संवाद चलते रहना चाहिएसिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों के खिलाफ महामारी एक्ट व अन्य धाराओं में दिल्ली पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
एमएसपी की मांग केंद्र ने स्वीकारी, अब फैसला किसान संघों पर: दुष्यंत
किसान आंदोलन के 15 दिन पूरे हो गए हैं। गुरुवार शाम कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने प्रेसवार्ता कर आंदोलन खत्म करने की अपील की तो किसान नेताओं ने आंदोलन और तेज करने की घोषणा कर दी। सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि कानूनों को रद्द करने के संबंध में कोई फैसला नहीं हुआ, इसलिए अब प्रदर्शनकारी ट्रेनें रोकेंगे। दूसरी ओर नए संसद भवन की नींव रखने के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- ‘सिख गुरु नानकदेव जी ने बताया है- जब तक दुनिया रहे, तब तक संवाद चलते रहना चाहिए।’ मोदी ने आगे कहा कि देश में पॉलिसी में अंतर हो सकता है, लेकिन हमारा अंतिम लक्ष्य लोगों की सेवा ही है।

इधर, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि केंद्र ने एमएसपी की मांग स्वीकार ली है, अब फैसला किसान संघों पर है। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने चेतावनी दी है- केंद्र ने किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया, तो लोकपाल आंदोलन की तरह जन आंदोलन करेंगे। उधर, सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने महामारी एक्ट व अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।

आंदोलन खत्म करने की अपील पर किसानों ने विरोध तेज करने का किया ऐलान

कृषि मंत्री के तर्क

सरकार लगातार चर्चा के लिए तैयार थी। तभी 26-27 नवंबर को किसानों ने आंदोलन की घोषणा की। बातचीत का कई दौर चला। आठ तारीख की रात में भी बात हुई, लेकिन सुझाव नहीं आया।
किसानों की आपत्तियों पर हमने प्रस्ताव बनाकर भेजें हैं।
एसडीएम को पावर दिया, ताकि कोर्ट व वकील का खर्च बचे।
किसानों को किसी ने भ्रमित कर दिया है कि यह सब तो राज्य सरकार के अधीन है और केंद्र को ये कानून बनाने का अधिकार ही नहीं है। हमने केंद्र केे दायरे में रह कर ही कानून बनाए हैं।
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग नया नहीं था। कृषि भूमि को सुरक्षा दी गई है।
इन कानूनों को संसद में 4-4 घंटे की चर्चा के बाद लाया गया था।
कृषि क्षेत्र में निजी निवेश गांव तक पहुंचे, इसका देश को इंतजार था।
किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी हो, पर काम हुआ।
व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन के लिए स्थानीय कानून बनाने छूट है।
बीमारी और सर्दी को देखते हुए धरना खत्म करना चाहिए।
किसान नेताओं के जवाब

तीनों कृषि कानून रद्द हों। सरकार गंभीरता से हमारी मांगों पर विचार नहीं कर रही। केंद्र का प्रस्ताव हमने खारिज किया, उसमें कुछ भी स्वीकारने लायक नहीं था।
बीजेपी के मंत्री एकजुट होकर किसानों के पक्ष में फैसला लें।
न्याय के लिए एसडीएम का ही अंतिम फैसला जायज नहीं।
सरकार ने प्रपोजल में खुद कई बिंदुओं पर माना है कि ये तो राज्य सरकार के अधीन हैं फिर केंद्र को कानून बनाने का अधिकार किसने दिया। कृषि मंत्री में माना है कि ये कानून ट्रेडर्स के लिए हैं।
डर है कि कंपनियां किसानों को समझौता कर लूट लेंगी।
किसानों से विस्तृत चर्चा कर लाने चाहिए थे कृषि कानून।
10 तक का हमने अल्टीमेटम दिया था कि मांगे नहीं मानीं तो पंजाब में पार्क से उठकर रेलवे ट्रैक पर चले जाएंगे।
14 को जितने भी डीसी ऑफिस हैं, उनके बाहर धरने होंगे।
समाधान निकालें। पीएम व अन्य मंत्री अलग-अलग बोल रहे हैं।
दोनों पक्ष वार्ता को तैयार, पर पहल का इंतजार

कृषि मंत्री तोमर ने कहा, ‘किसी भी समय किसान चर्चा करने आएं, हम तैयार हैं। अगर किसानों को लगता है कोई बात हमारे प्रस्ताव में रह गई या शब्दावली में कमी है तो भी वो बताएं। चर्चा अभी टूटी नहीं, ऐसे में आंदोलन तेज करने की घोषणा ठीक नहीं। जो प्रस्ताव सरकार ने भेजा, उस पर विचार करें, फिर जब आप कहेंगे हम चर्चा करेंगे।’ जवाब में किसान नेताओं ने कहा, ‘हमने बातचीत का रास्ता बंद नहीं किया, सरकार हमें घुमा रही है, इसलिए आंदोलन को तेज किया। सरकार जब दूसरा प्रस्ताव भेजेगी तो हम उस पर विचार और वार्ता करेंगे।’

सोनीपत में प्रदर्शन: रिलायंस के मॉल को किसानों ने कराया बंद

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने गुरुवार को गांधी चौक स्थित रिलांयस मॉल के बाहर पहले नारेबाजी की फिर मॉल को बंद करवा दिया। मॉल के गेट पर किसानों ने ट्रैक्टर खड़ा कर धरना शुरू कर दिया। धरने पर बैठे किसानों ने कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते, वह मॉल को नहीं खुलने देंगे। मॉल के बाहर ही डटे रहेंगे। सूचना पर सिविल लाइन थाना प्रभारी दर्पण सिंह ने मौके पर पहुंचे। स्थिति को संभाला। उनका कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। रिलायंस मॉल मैनेजर चांद सिंह ने कहा कि किसानाें ने नारेबाजी कर गेट काे ताला लगा दिया। इसकी सूचना अधिकारियाें काे दे दी गई है।

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