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उइगरों युवाओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चीन ले रहा है डेटा का सहारा

मुसलमानों पर चीन की नजर:उइगरों युवाओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चीन ले रहा है डेटा का सहारा; 1980 के बाद जन्में लोग निशाने परचीन के नजरबंदी कैंप से लीक हुई कैदियों की एक दुर्लभ सूची से पता चला है कि किस प्रकार उइगर मुस्लिम एक सरकारी डेटा प्रोग्राम का निशाना बन रहे हैं। इसके जरिए उन्हें ऐसे अपराधों के लिए हिरासत में लिया जा रहा है जिनमें महज युवा होना या दूसरे देश में रह रहे अपने भाई या बहन से बात करना शामिल है। ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) को मिले डेटाबेस से खुलासा हुआ है कि किस प्रकार शिनजियांग प्रांत में चीनी अधिकारी डेटा आधारित पुलिसिंग नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो लोगों के व्यक्तिगत नेटवर्क, उनकी ऑनलाइन गतिविधियां और दैनिक जीवन को ट्रैक करता है।

दो साल हिरासत में रखे गए लोग निशाने पर

इस लिस्ट में 2000 से ज्यादा उइगर मुसलमानों का डेटाबेस है जिन्हें अक्सू प्रांत में 2016 से 2018 के बीच नजरबंदी कैंपों में हिरासत में रखा गया है। अधिकांश लोग महज इसलिए हिरासत में लिए गए हैं क्योंकि उन्हें इंटीग्रेटेड जॉइंट ऑपरेशन प्लेटफार्म (IJOP) द्वारा संदिग्ध माना गया है।

IJOP एक व्यापक डेटाबेस है जिसमें स्वचालित ऑनलाइन निगरानी से प्राप्त डेटा शामिल है और ये जानकारी अधिकारियों द्वारा मैनुअल रूप से एक खास ऐप में दर्ज की जाती है। इसमें किसी व्यक्ति के शारीरिक विशेषताओं से लेकर उसकी कार के रंग और घर के सामने या पीछे के दरवाजे से आने-जाने की आदत के अलावा उनके द्वारा ऑनलाइन उपयोग किए जाने वाले सॉफ्टवेयर और उनके नियमित संपर्क की जानकारी शामिल है।

शोधकर्ता माया वांग कहती हैं कि लिस्ट बताती है कि किस प्रकार चीन शिनजियांग के तुर्क मुसलमानों का दमन करने के लिए प्रौद्योगिकी का सहारा लिया जा रहा है। हिरासत में लेने के कारणों में “आमतौर पर गैर-भरोसेमेंद” या “1980 के बाद पैदाइश” जैसे कारण शामिल हैं।

उइगरों की पहचान के लिए हुवावे बना रही है फेशियल रिकग्निशन सिस्टम
चीनी कंपनी हुवावे एक अन्य कंपनी मेगवी के साथ मिलकर एक फेशियल रिकग्निशन सिस्टम (चेहरा पहचानने की प्रणाली) पर काम कर रही है जिससे चीन के उइगर मुसलमानों की निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। ये जानकारी प्रमुख वीडियो सर्विलांस इन्फॉर्मेशन स्रोत IPVM ने अपनी नई रिपोर्ट में दी है।

जोकि हुवावे कंपनी की यूरोपीय वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से होस्ट की गई एक “गोपनीय” रिपोर्ट पर आधारित है। IPVM के शोधकर्ताओं के मुताबिक हुवावे ने मेगवी फेस रिकग्निशन का परीक्षण कंपनी के वीडियो क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर पर किया है। उइगर मुसलमानों को पहचानने और पुलिस को अलर्ट करने वाला एक सिस्टम कथित तौर पर परीक्षण में पास हुआ है।

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