बंद का बंदोबस्त:भारत बंद को लेकर तीन हजार से अधिक पुलिसकर्मी सड़कों पर, अफसर बोले; बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को नहीं पहुंचने दिया जाएगाभारत बंद को लेकर फरीदाबाद/पलवल पुलिस पूरी तरह अलर्ट है। तीन हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को सड़कों पर उतार कर प्रदर्शन में शामिल होने वालों पर नजर रखने की योजना बनाई है। सभी चौक चौराहों और बाजारों पर विशेष नजर रखी जा रही है। पुलिस के उच्चाधिकारी पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसी भी प्रदर्शनकारी को बार्डर तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा।
अधिकारियों का कहना है कि हर व्यक्ति को शांतिपूर्वक अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन यदि कानून व्यवस्था प्रभावित करने की कोशिश की गई तो पुलिस सख्ती से निपटेगी। उधर सोमवार को बड़खल से बदरपुर बॉर्डर जाने का प्रयास कर रहे तीन-चार किसान नेताओं को पुलिस ने सुबह ही हिरासत में ले लिया। बॉर्डर पर दिल्ली जाने वाले सभी वाहनों की सघन जांच की जा रही थी।
पलवल के किसानों को रोकने के लिए कैली गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। पूरे दिन फरीदाबाद पुलिस किसानों की तलाश में जुटी रही लेकिन कोई हाथ नहीं आया। उधर पलवल के केएमपी व केजीपी चौक के पास मध्यप्रदेश व राजस्थान के किसानों ने हाईवे पर डेरा डाले रखा।
कहीं लंगर पर रोटियां पकाई जा रही हैं तो कहीं चाय व दूध उबाला जा रहा है। मंगलवार को भारत बंद में कई श्रमिक व कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन देने का निर्णय लिया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को प्रस्तावित भारत बंद को देखते हुए पूरे जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
तीन हजार के करीब पुलिसकर्मियों को सड़कों पर उतारा गया है। इनकी मदद के लिए रैपिड एक्शन फोर्स भी लगाई गई है। इसके अलावा सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों को रोकने की जिम्मेदारी दी गई है। जो भी बंद की आड़ में गड़बड़ी करने का प्रयास करेगा उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सोमवार को बदरपुर बॉर्डर की ओर जा रहे किसानों को पुलिस ने लिया हिरासत में, दिनभर किसानों को खोजती रही पुलिस
पलवल में एमपी व राजस्थान के किसानों ने हाइवे पर डाल रखा है डेरा, लंगर में कहीं रोटी पक रही तो कहीं चाय व दूध उबल रहा
सभी प्रमुख बाजारों व मंडियों पर पुलिस की पैनी नजर
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार जिले के सभी प्रमुख बाजारों एवं मंडियों पर पुलिस की पैनी नजर है। कोई भी व्यक्ति जबरन कोई दुकान नहीं बंद करा सकता। पुलिस प्रवक्ता ने कहाकि किसान अपनी बात को शांतिपूर्वक तरीके से रख सकते हैं। लेकिन किसी को कानून अपने हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।
किसानों और बंद समर्थकों की निगरानी के लिए सभी जोन के डीसीपी और एसीपी को लगाया गया है। पुलिस प्रदर्शनकारियों से हर स्थिति में निपटने के लिए तैयार है। उधर सोमवार काे बार्डर की ओर जा रहे किसान नेता रतन सिंह सौरोत, सुरेंद्र चौहान, जगन डागर आदि को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद किसान अलग-अलग गुटों में बंटकर पूरे दिन पुलिस को छकाते रहे।
पलवल में नेशनल हाईवे दोनों ओर से बंद
केजीपी-केएमपी चौक के पास जमे किसानों के कारण नेशनल हाईवे दोनों ओर से बंद है। आगरा से दिल्ली और दिल्ली से आगरा की ओर आने जाने वालों को पुलिस पलवल वाया हथीन होडल के रास्ते निकाल रही है। धरना स्थल पर ही किसान लंगर चला रहे हैं।
दूध, बादाम और किशमिश बांटे जा रहे हैं। किसानों के धरने का तीसरा दिन है। कई गुरुद्वारों से लंगर पार्टियां यहां पहुंच चुकी हैं। ट्रैक्टर ट्रॉलियां किसानों के अस्थायी घर बन गए हैं। इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम मौके पर है।
क्या कहते हैं आंदोलनकारी किसान
मध्यप्रदेश से आए किसान सुरेंद्र सिंह सिंधु, बुंदेलखंड के किसान विमल कुमार शर्मा, मध्यप्रदेश के किसान निहाल सिंह गुर्जर कहते हैं कि ये आंदोलन जितना पंजाब के लिए महत्वपूर्ण है उतना ही हमारे लिए भी है। हम सभी किसान एक साथ एकजुट होकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। सरकार को झुकाए बिना हम वापस नहीं लौटेंगे।
भारत बंद में संगठन व पार्टियां भी उतरीं
किसानों के भारत बंद को सफल बनाने के लिए कई कर्मचारी व श्रमिक संगठनों के अलावा कांग्रेस, इनेलो, सपा समेत अन्य राजनीतिक पार्टियां भी मैदान में उतर आई हैं। लोगों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए बंद में शामिल होने का निर्णय लिया है।
सीआईटीयू, नगरपालिका कर्मचारी संघ, सर्व कर्मचारी संघ समेत अन्य श्रमिक यूनियनों ने भी आंदोलन का समर्थन करते हुए कंपनियों में काम करने वाले श्रमिकों से साथ देने की अपील की है।