कोरोना के चलते मानव मिशन में देरी:गगनयान मिशन की लॉन्चिंग में एक साल की देरी होगी, ISRO ने चंद्रयान-3 और शुक्रयान पर काम शुरू कियाकोरोना महामारी का असर भारत के पहले मानव मिशन गगनयान पर भी होगा। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) प्रमुख डॉ. के सिवन ने सोमवार को कहा कि अब मानव मिशन की लॉन्चिंग में तय समय से करीब एक साल की देरी होगी। गगनयान मिशन की लॉन्चिंग अब अगले साल के अंत तक या उसके एक साल बाद होने की उम्मीद है। लेकिन, इससे पहले दो मानव रहित स्पेसक्राफ्ट भेजे जाएंगे।
ISRO ने पहले दिसंबर 2021 तक गगनयान मिशन भेजने की बात कही थी। वहीं, मानव रहित मिशन के लिए दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 का समय तय किया था। हालांकि, अब इन दोनों मिशन की लॉन्चिंग में भी देरी हो सकती है।
चंद्रयान-3 और शुक्रयान पर काम चल रहा
सिवन ने कहा कि इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन पर भी काम शुरू कर दिया है। इसके लिए लैंडर और रोवर तैयार करने का काम किया जा रहा है। हालांकि, अभी इस मिशन की लॉन्चिंग की कोई तारीख तय नहीं की है। शुक्र ग्रह पर भेजे जाने वाले शुक्रयान मिशन की तैयारियां चल रही हैं, लेकिन इसके लिए इस्तेमाल होने वाले पेलोड के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है। इस मिशन के तहत अंतरिक्ष से जुड़े 20 एक्सपेरिमेंट करने की योजना है।
गगनयान पर 10 हजार करोड़ का खर्च आएगा
गगनयान मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को लालकिले से की थी। मिशन पर करीब 10 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसके लिए 2018 में ही यूनियन कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी। गगनयान प्रोजेक्ट में तीन भारतीय वैज्ञानिक भेजे जाएंगे, जो 7 दिन अंतरिक्ष में गुजारेंगे। इन्हें रूस के स्पेस सेंटर में ट्रेनिंग दी जा रही है। ISRO ने रूस की अंतरिक्ष एजेंसी ग्लावकॉस्मोस से समझौता किया है।