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मौसम:ठंड बढ़ने के साथ ही सरकारी और निजी अस्पतालों में बीपी और शुगर के मरीजों की संख्या बढ़ी

मौसम:ठंड बढ़ने के साथ ही सरकारी और निजी अस्पतालों में बीपी और शुगर के मरीजों की संख्या बढ़ीठंड और शादियों के सीजन में बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है। खासकर ठंड में बीपी व शुगर पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है। थोड़ी सी लापरवाही स्वास्थ्य को खतरते में डाल सकती है। ठंड बढ़ने के साथ ही सरकारी और निजी अस्पतालों में बीपी और शुगर के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है।

एनआईटी तीन ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दो महीने पहले तक जहां रोज रोज आठ से 10 मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनकी संख्या बढ़कर 15 से 20 हो गई है। यही स्थिति निजी अस्पतालों की है। डॉक्टरों के अनुसार ठंड के मौसम में शारीरिक गतिविधियां काफी कम हो जाती हैं, जबकि खानपान काफी बढ़ जाता है।

ऐसे में बीपी और शुगर बढ़ने की आशंका काफी बढ़ जाती है। ठंड से बचने के लिए घर के अंदर भी गर्म कपड़े पहनें। गर्म कपड़ों से पूरा शरीर ढकने के बाद ही घर से बारह निकलना आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर रहेगा। लकवा एवं ब्रेन हेमरेज का खतरा: सेक्टर-16ए स्थित मेट्रो अस्पताल की वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुषमा शर्मा ने बताया कि ठंड के मौसम में बीपी की समस्या बढ़ने से लकवा, ब्रेन हेमरेज एवं हार्टअटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है।

बीपी बढ़ने पर व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए, अगर बीपी लगातार बढ़ रहा है तो चिकित्सक से संपर्क कर दवा की मात्रा बढ़वा सकते हैं। इसके साथ ही लोगों को रहन-सहन से लेकर खानपान में भी बदलाव कर जरूरत है। इस समय घर में ही करें व्यायाम: सर्वोदय अस्पताल के वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. तनुज पाल भाटिया के अनुसार कुछ लोग स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं है। लॉकडाउन के दौरान अनेक लोग पेशाब संबंधी बीमारियों को लेकर लापरवाही बरती है। उसका असर अब देखने को मिला। हालांकि इस तरह की बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है।

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