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कोरोना वैक्सीन का ट्रांसपोर्टेशन भी चैलेंज:ब्रिटेन मिलिट्री एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल करेगा,

कोरोना वैक्सीन का ट्रांसपोर्टेशन भी चैलेंज:ब्रिटेन मिलिट्री एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल करेगा, 14 अरब लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने में लग सकते हैं 2 सालब्रिटेन में कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है। वैक्सीनेशन मंगलवार से शुरू होने की उम्मीद है। यह वैक्सीन बेल्जियम से ब्रिटेन लाए जाएंगे। इनके ट्रांसपोर्टेशन में देरी न हो, इसलिए ब्रिटिश सरकार रॉयल एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट्स का इस्तेमाल करने जा रही है।

दूसरी तरफ, इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने कहा है कि दुनिया के हर हिस्से में अगर कुल 14 अरब लोगों तक वैक्सीन पहुंचाया जाता है तो इसमें 2 साल तक लग सकते हैं।

ब्रिटेन ने नया रास्ता निकाला
ब्रिटेन में हेल्थ और डिफेंस डिपार्टमेंट वैक्सीन को जल्द लाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। ‘द गार्डियन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन बेल्जियम में तैयार हो रही हैं और इन्हें ब्रिटेन लाया जाना है। पहली खेप में 8 लाख वैक्सीन आएंगी। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए रॉयल एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट्स का इस्तेमाल किया जाएगा। मुख्य मिशन एक जनवरी से शुरू किया जाएगा। यूरोपीय देशों के बीच दूरी कम है, लेकिन वक्त कम लगे इसलिए एयर रूट्स को ही चुना गया है।

ब्रिटेन ने यह कदम क्यों उठाया
ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन के बीच ब्रेक्जिट के मुद्दे पर तनातनी जारी है। हालांकि, सुलह की कोशिशें भी हो रही हैं। ब्रिटेन क्रिसमस के पहले अपने फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स और ओल्ड एज होम्स में वैक्सीनेशन कराना चाहता है। सड़क या समुद्र के रास्ते वक्त ज्यादा लगता है क्लीयरेंस के मामले होते हैं। जबकि, यूरोपीय यूनियन के एयरक्राफ्ट्स एक बार क्लियरेंस के उड़ान भरते हैं। खासतौर पर मिलिट्री एयरक्राफ्ट। लिहाजा, यह मिलिट्री एयरक्राफ्ट्स से ट्रांसपोर्टेशन का विकल्प चुना गया है।

सदी का सबसे बड़ा मिशन
IATA के डायरेक्टर जनरल और सीईओ एलेक्जेंडर डी‘जुनिएक ने पिछले दिनों कहा था- कोविड-19 वैक्सीन को दुनिया के हर हिस्से में पहुंचाना इस सदी का सबसे बड़ा मिशन साबित होने वाला है। इसके लिए प्लानिंग जारी है। क्योंकि, वैक्सीन की सुरक्षा सबसे बड़ा चैलेंज है। सरकारों का साथ आना होगा। यह मिशन बेहद कठिन होगा।

हर एयरलाइन का इस्तेमाल होगा
ब्लूमबर्ग ने पिछले दिनों एक रिपोर्ट में IATA के हवाले से कहा था कि वैक्सीन को दुनिया के हर देश में पहुंचाने के लिए सभी देशों की एयरलाइन्स का इस्तेमाल करना होगा। शुरुआत में वैक्सीन ट्रांसपोर्ट को हैंडल करना आसान नहीं होगा क्योंकि एयरलाइन्स कंपनियों को इसका अनुभव नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक, साल के अंत तक फाइजर 1 अरब 30 लाख वैक्सीन तैयार करेगी। मॉडर्ना करीब 50 करोड़ वैक्सीन तैयार कर लेगी। एस्ट्राजेनिका और ऑक्सफोर्ड मंजूरी मिलने के बाद दो अरब वैक्सीन तक बना सकती हैं।

अमेरिका में हर रास्ता इस्तेमाल होगा अमेरिका में ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने अक्टूबर के आखिर में ही ट्रांसपोर्टेशन प्लान तैयार कर लिया था। 2 दिसंबर को ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी एलेन चाओ ने कहा था- इस ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बनना हमारे लिए गर्व की बात है। हम वैक्सीन को सुरक्षित पहुंचाने के लिए हर रास्ते का इस्तेमाल करेंगे। हम चाहेंगे कि यह काम बहुत बड़े पैमाने पर हो। इस मामले में रफ्तार और सुरक्षा दोनों जरूरी हैं। हमने इसे Operation warp Speed नाम दिया है।

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