किसान आंदोलन:किसानों को दिल्ली जाने से नहीं रोक सकी पलवल और फरीदाबाद की पुलिस; झड़प के बाद नाका तोड़ आगे बढ़े प्रदर्शनकारीपुलिस ने रोका तो वहीं धरने पर बैठ गए किसान
नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन करने उतरे हजारों किसान शुक्रवार को दिल्ली जाने के लिए बॉर्डर पर पहुंचे। पलवल और फरीदाबाद की पुलिस ने उन्हें रोका तो टकराव हो गया। इसके बाद किसान वहीं धरना लगाकर बैठ गए। भारतीय किसान यूनियन के सचिव एवं किसान नेता रतन सिंह सरोज का कहना है कि वह पलवल से पैदल शांतिपूर्वक मार्च करते हुए दिल्ली की ओर जाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। उनका साफ कहना है कि वह शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात रखने के लिए दिल्ली जा रहे हैं। पुलिस किसी भी सूरत में उन्हें रोक नहीं सकेगी।
उधर टिकरी बॉर्डर पर पहुंचे हजारों किसानों को फरीदाबाद की सीमा में प्रवेश करने से पुलिसबल ने रोक दिया। इससे पुलिस और किसानों के बीच काफी झड़प भी हुई। किसानों से पुलिस बार-बार समय लेती रही, लेकिन जब पुलिस अधिकारियों की तरफ से कोई फैसला नहीं हो सका तो किसान पुलिस के बैरिकेड व नाकों को तोड़ते हुए फरीदाबाद की सीमा में प्रवेश कर गए। जबकि मध्य प्रदेश के ग्वालियर से आ रहे किसानों के जत्थे को एसपी दीपक गहलावत ने केएमपी-केजीपी चौक पर रोक दिया। जिसके बाद एमपी के किसान हाईवे पर ही धरना देकर बैठ गए। जिसके बाद पुलिस ने हाईवे को वन-वे कर दिया।
KMP-KGP चौक पर रोके MP के किसान
मध्य प्रदेश के ग्वालियर से दर्जनों ट्रैक्टरों में सवार होकर दिल्ली जा रहे किसानों को SP दीपक गहलावत के नेतृत्व में पुलिस ने हाईवे पर बड़े-बड़े पत्थर लगाकर रोक दिया। किसानों व पुलिस के बीच काफी लंबी वार्ता के बाद SP ने कहा कि वे यहां से किसी भी कीमत पर किसानों को आगे नहीं बढऩे देंगे। इसके बाद किसानों ने हाईवे पर ही बैठकर धरना शुरू कर दिया। किसान नेता सुरेंद्र सिंह सिंधु, साहब सिंह, मालवेंद्र सिंह, कुलवंत सिंह, रेशम सिंह व परघट सिंह का कहना है कि उनके अन्य किसान साथी ग्वालियर से चले हुए हैं। शनिवार तक पलवल पहुंच जाएंगे और उसके बाद आगे बढ़ेंगे। यदि आगे नहीं बढऩे दिया तो उनका धरना हाईवे पर तब तक जारी रहेगा, जब तक तीनों कानूनों को सरकार रद्द नहीं कर देगी।