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उद्योगों पर आंदोलन की मुसीबत:4 जिलों की इंडस्ट्री को 10 दिन में 4400 करोड़ का नुकसान,

उद्योगों पर आंदोलन की मुसीबत:4 जिलों की इंडस्ट्री को 10 दिन में 4400 करोड़ का नुकसान, रोहतक की 1500 इकाई प्रभावित6 हजार से ज्यादा ट्रक दिल्ली की सीमाओं पर फंसे
पानीपत की टैक्सटाइल समेत अन्य ईकाइयों को 2800 करोड़ का नुकसान
किसान आंदोलन में दिल्ली के चौतरफा जाम होने से प्रदेश की ज्यादात्तर इंडस्ट्रियों पर संकट छा गया है। पिछले 10 दिनों में प्रदेश के 4 जिलों की ओद्योगिक इकाइयों को करीब 4400 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है, जबकि बहादुरगढ़ में 1500 छोटी-बड़ी इकाइयों में काम प्रभावित हो रहा है, जिससे रोज 50 हजार से दो लाख रुपए तक का नुकसान हो रहा है। इसी तरह यमुनानगर की प्लाइवुड इंडस्ट्री को अब 100 करोड़ का फटका लग चुका है।

जींद में पोल्ट्री, उद्योग व ट्रांसपोर्टर को 500 करोड़ रुपए डूबने की बात कह रहे हैं। दूसरी ओर सोनीपत की फैक्ट्रियों व खाद्य इंडस्ट्री को 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा नुकसान हो गया है। अम्बाला, करनाल, हिसार समेत अन्य शहरों की छोटी-बड़ी इकाइयां प्रभावित हैं, जिनका माल दिल्ली में सप्लाई होता है या उस रास्ते से आता-जाता है।

जींद में भारत ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान राजेश कुमार बताते हैं कि दिल्ली को सील कर दिया है। रास्ते बंद होने का ट्रांसपोर्ट, पोल्ट्री व उद्योगों पर सीधा असर पड़ रहा है। जिले में ही प्रतिदिन 50 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो रहा है। ट्रक चालकों के पास काम नहीं बचा है। जिले के ही 500 से अधिक ट्रक व लोडिड वाहन बाॅर्डर पर अटक गए हैं। इनमें रखा करोड़ों के माल खराब हो रहा है। प्रतिदिन 10 करोड़ का होने वाला पोल्ट्री व्यवसाय पर भी असर पड़ा है। माल दिल्ली नहीं जा पा रहा है। प्रतिदिन 3 करोड़ के मुर्गे दिल्ली सप्लाई होते हैं। इसी प्रकार उद्योगों के पास कच्चा माल की कमी होने लगी है।

आंदोलन के चलते कई जगह ट्रैफिक डायवर्ट

किसान आंदोलन को देखते हुए ट्रैफिक के तमाम रूट डायवर्ट कर दिए हैं। इसमें टिकरी बॉर्डर, झरोदा बॉर्डर को ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद कर दिया गया है। बाडूसराय बॉर्डर हल्के वाहनों जैसे कार और दोपहिया वाहनों के लिए खुला है। हरियाणा के लिए धंसा, दौराला, कापासहेड़ा, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हुए हैं। इसके अलावा सिंघु और औचंडी प्याऊ मनियारी और सबोली बॉर्डर बंद किए हुए हैं। एनएच-4 को बंद किया गया है। मुंडका मुकरबा और जीटी करनाल रोड से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। पुलिस का कहना है कि आउटर रिंग रोड करनाल रोड और एनएच 44 पर जानें से बचें।

दिल्ली सीमा पर 45 और कंपनियां बुलाईं

दिल्ली की सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पैरामिलिट्री फोर्स की 45 और कंपनियों को बुलाया गया है। वहीं टिकरी बॉर्डर पर आरएएफ को तैनात कर दिया गया है। सीमेंट बॉक्स बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा चप्पे-चप्पे पर दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है, ताकि हर तरह की स्थिति से निपटा जा सके।

जानिए प्रदेश के 4 बड़े औद्योगिक शहरों पर दिल्ली बॉर्डर सील का कितना असर

पानीपत : टैक्सटाइल-हैंडलूम इंडस्ट्रियों का माल अटका
दिल्ली के बॉर्डरों पर करीब 6 हजार ट्रक फंसे हैं। एक्सपोर्टरों व कारोबारियों को करीब 2800 करोड़ का नुकसान हो चुका है। ट्रांसपोर्टर भी राेजाना 50 लाख रुपए के नुकसान में चल रहे हैं। पीक सीजन होने के कारण पानीपत का हैंडलूम कारोबार अधिक प्रभावित है। पानीपत से हर साल 90 हजार करोड़ का डोमेस्टिक व 12 हजार करोड़ का एक्सपोर्ट होता है। पानीपत इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान प्रीतम सिंह सचदेवा ने बताया कि सिलवासा, गुजरात से धागे, कपड़े आने थे। 3-4 दिन का बैकअप था। माल नहीं आने के कारण प्लांट बंद पड़ा है।

रोहतक : केएमपी पर ट्रांसपोर्ट महंगा, पलवल के रास्ते अब फरीदाबाद तक भेज रहे सप्लाई
राजस्थान-पंजाब के बॉर्डर खुले हैं। केएमपी पर ट्रांसपोर्ट महंगा पड़ता है। पलवल से आना पड़ता है। निजी वाहन से फरीदाबाद तक सप्लाई दी जा रही है। रोहतक से ऑटो पार्ट्स की कुल उद्योग यूनिट 3500 हैं। लघु उद्योग भारती के प्रधान अंगद कोचर बताते हैं कि रोहतक में लघु उद्योगों की 1500 से ज्यादा यूनिट हैं। रोजाना एक यूनिट को 50 हजार से दो लाख रुपए तक का नुकसान झेलना पड़ रहा है।

सोनीपत : खाद्य पदार्थ बनाने वालों के ऑर्डर रद्द
जिले की सीमा में जीटी रोड पर चल रही करीब 50 प्रतिशत कंपनियां कच्चा माल न होने से बंद हो गई है। कंटेनर जाम में फंसे हैं। प्रोडक्ट क्लाइंट तक नहीं पहुंच पा रहा है। जीटी रोड पर कुंडली से बड़ी तक 4200 फैैक्ट्रियों में 1000 करोड़ का माल तैयार है, जिसकी लिफ्टिंग नहीं हो पा रही है।

यमुनानगर : दिल्ली जाते थे 80 ट्रक, रोज 10 करोड़ का फटका
हर दिन यमुनानगर से 70 से 80 ट्रक तैयार प्लाइवुड के दिल्ली जाते थे। एक ट्रक में 10 से 15 लाख रुपए तक का माल होता है। हर दिन करीब 8 से 10 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। वहीं केमिकल के रेट 10 से 20 प्रतिशत बढ़े हैं। हरियाणा प्लाइवुड मेन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन के प्रधान जेके बिहानी ने बताया कि फेस का रेट करीब 20 प्रतिशत बढ़ा है, क्योंकि दिल्ली के रास्ते आने वाला फेस नहीं आ रहा। पहले जो 15 से 16 रुपए प्रति मीटर के हिसाब से फेस मिलता था अब वह 20 से 21 रुपए तक मिल रहा है।

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