भाजपा की जीत, कांग्रेस भी राजी:सदन में बहुमत के बाद भाजपा नहीं बनवा पाई पसंद का डिप्टी मेयर, पार्टी का पार्षद बगावत कर जीता23 में से 21 वोट थे भाजपा के पास, लेकिन 12 पार्षदों ने भाजपा आलाकमान के फैसले का किया विरोध, 2 कांग्रेसियों का भी मिला साथ
राजकमल सर्वसम्मति से सी. डिप्टी मेयर बने, अनिल कांग्रेस के समर्थन से वोटिंग में जीते डिप्टी मेयर पद परनिर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा में शामिल हुए पार्षदों की कांग्रेसियाें के साथ मिलकर की गई जुगलबंदी भाजपा आलाकमान की इच्छा पर भारी पड़ गई। भाजपा संगठन की ओर से तय डिप्टी मेयर पद के उम्मीदवार धर्मेंद्र गुलिया पप्पन के नाम पर सर्वसम्मति नहीं बनी और बागी व कांग्रेसी खेमे की ओर से चुनाव करवाया गया।
विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए पार्षद अनिल कुमार ने चुनौती दी और 14 पार्षदों का समर्थन हासिल करते हुए भाजपा की पसंद के प्रत्याशी पप्पन गुलिया काे हरा दिया। पप्पन काे मेयर समेत केवल 9 ही वाेट मिले, जबकि भाजपा सदन में 22 में से 20 पार्षद अपने हाेने का दावा करती है। ऐसे में भाजपा आलाकमान के फैसले का उनकी पार्टी के ही 12 पार्षदों ने विरोध किया।
कांग्रेस ने एक दिन पहले ही कह दिया था कि उनके पास 14 पार्षद हैं। इसके बावजूद भाजपा अपने पार्षदों को नहीं मना पाई। कांग्रेस ने इसे अपने गेम प्लान की जीत बताया। वहीं, भाजपा अब यह कहकर खुश हो रही है कि डिप्टी मेयर का चुनाव तो फ्रेंडली मैच था। अनिल कुमार भी हमारे अपने ही पार्षद हैं। दोनों पदों पर उनके प्रत्याशी जीते हैं। इससे पहले सीनियर डिप्टी मेयर पद पर भाजपा पार्षद राजकमल सहगल को सर्वसम्मति से चुन लिया गया। विरोधी खेमे ने जो प्रत्याशी तय किए थे, उन्होंने ऐन मौके पर चुनाव लड़ने से मना कर दिया। यदि इसमें भी वोटिंग होती तो सहगल की राह आसान नहीं होती।
भाजपा गफलत में रही, कांग्रेसियों ने गुप्त बैठकें कर जमाई फील्डिंग
निगम चुनाव में भाजपा के चुनाव चिह्न पर 22 में से केवल 8 पार्षद जीते थे। बाद में कदम सिंह अहलावत व गुलशन ईशपुनियानी को छोड़कर बाकी सभी 12 पार्षद भाजपा में शामिल हो गए। इनमें कई कांग्रेसी थे। भाजपा के पास 20 पार्षद होने की वजह से उन्हें पूरा यकीन था कि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में बिना किसी रुकावट वे निर्विरोध जीत जाएंगे। इसके विपरीत कांग्रेसी केवल दो पार्षद होने के बावजूद नए बने भाजपाइयों व नाराज पार्षदों को एकजुट करते गए। कई बैठकों के दौर के बाद मंगलवार को कांग्रेसी खेमे ने दावा किया कि उनके पास 14 पार्षद हैं और उन्होंने अपने प्रत्याशी तय कर लिए हैं। इसके बावजूद भाजपा संगठन सक्रिय नहीं हुआ और आलाकमान की पसंद के प्रत्याशी पप्पन गुलिया को डिप्टी मेयर पद पर जीत नहीं मिली। विरोधी खेमे की पसंद के अनिल कुमार विजयी हुए। पप्पन गुलिया ने एक बार चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत भी की, लेकिन उसे वापस ले लिया।
चुनाव से ऐन पहले मीटिंग में दिए निर्देश नहीं आए काम
चुनाव से पहले भाजपा के 20 पार्षदों के साथ पर्यवेक्षक महीपाल ढांडा, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर व मेयर मनमोहन गोयल ने भाजपा कार्यालय में बैठक की। सभी को भाजपा आलाकमान का फरमान मानने को कहा गया था। इसके बाद जिला विकास भवन में 11 बजे से 10 मिनट पहले मेयर को दोनों प्रत्याशियों के नामों की पर्ची दी गई। इसके बाद डिप्टी मेयर पद पर पप्पन के नाम का विरोध हो गया। कृष्ण सहरावत ने अनिल कुमार के नाम का प्रस्ताव रख दिया। इस पर बैलेट पेपर से चुनाव हुआ।
जातीय समीकरण के तहत दिए थे पंजाबी व जाट पार्षद को पद
रोहतक नगर निगम में मेयर पद पर बनिया समुदाय से मनमोहन गोयल विराजमान हैं। ऐसे में शहर में पंजाबी व जाट समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के लिए राजू सहगल व पप्पन गुलिया का नाम भाजपा ने आगे किया था। पप्पन गुलिया मनीष ग्रोवर के नजदीक माने जाते हैं। विजयी हुए अनिल भी जाट हैं। हालांकि अनुसूचित जाति से भी डिप्टी मेयर बनाने की चर्चा थी। वहीं, शुरू से पार्षद जयभगवान सीनियर डिप्टी मेयर पद पर अपनी दावेदारी जता रहे थे। अब कहा कि उन्होंने अनिल के लिए दावेदारी छोड़ दी। हालांकि दक्ष प्रजापति धर्मशाला विवाद में उन पर आरोप लगे रहे थे।
पार्टी उम्मीदवार को जिताने-हराने की बात नहीं है। यह अनिल और पप्पन के बीच फ्रेंडली मैच था। जीत के बाद खुद अनिल कुमार ने भी यह कहा है कि वह भाजपा के पार्षद हैं।