बॉर्डर लॉक इंडस्ट्री डाउन:रॉ-मैटीरियल 80% खत्म, 800 ट्रक बाॅर्डर पर फंसे, 600 करोड़ का माल जाम, फूड इंडस्ट्री को एक्सपायरी की टेंशनसब्जी मंडी में बाहर की आवक नहीं, फैक्ट्रियों में 2-3 दिन का ही कच्चा माल
शहर की व्यवस्था पर भी असर, दिल्ली फसल लेकर जाने वाले किसानों और नौकरी करने वाले परेशान, कंपनियों से 30-40 फीसद स्टाफ नहीं आ पा रहाकिसान आंदोलन के कारण दिल्ली बाॅर्डर जाम होने से जिले में चल रहे चार हजार से ज्यादा उद्योगों पर बंद होने का खतरा हो गया है। यहां रॉ-मैटीरियल 80 प्रतिशत तक हो चुका है और आधा स्टाफ नहीं आ रहा है। एक दो दिन जाम और चला तो कई फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी। करोड़ों का तैयार माल बाजार में नहीं पहुंच पा रहा है।
इससे सबसे ज्यादा परेशान फूड प्रोसेसिंग, गारमेंटस जुड़ी इंडस्ट्रीज हैं। फूड प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट बहुत कम होती है। गारमेंट से जुड़े इंडस्ट्री में उलेन और दूसरे कपड़ों के लिए यही पिक टाइम होता है। इंडस्ट्री सूत्रों के अनुसार कच्चे माल से भरे 800 से अधिक ट्रक जाम में फंसे हैं। करीब 600 करोड़ रुपए का माल बनकर तैयार है, जिसकी सप्लाई नहीं हो पा रही है। अधिकांश कंपनियों के संचालक और कर्मचारी दिल्ली से आवागमन करते हैं। जो नहीं आ पा रहे हैं।
बड़ी इंडस्ट्रियल एरिया : 200 ट्रक कच्चा माल रास्ते में, जल्द न आया तो कई फैक्ट्रियां होंगी बंद
रॉ-मैटीरियल 80 प्रतिशत तक खत्म हो चुका है। औद्योगिक क्षेत्र के करीब 200 ट्रक कच्चे माल लेकर रास्ते में फंसा है। प्रतिदिन चार सौ यूनिट में 50 करोड़ का माल तैयार होता है। 10 हजार वर्कर कार्यरत हैं, 50 प्रतिशत ही आ रहे हैं। मुख्य रूप से गारमेंट की यूनिट है, जिसके लिए एक महीने का समय शेष है। अगर शीघ्र ही रास्ता नहीं खुला तो उद्योगपतियों को कम से कम 200 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। -शमशेर शर्मा, प्रधान बड़ी इंडस्ट्रियल एरिया।
कुंडली इंडस्ट्रियल एरिया : जल्द जाम नहीं खुला तो 100 करोड़ के फूड प्रोडक्ट खराब हो सकते हैं
फूड प्रोसेसिंग यूनिट अधिक है। करीब 300 फैक्ट्रियों में खाने-पीने से संबंधित चीजें बनाई जाती है। इन सभी के लिए एक सप्ताह तक का समय होता है। कुछ जूस हैं, जो एक महीने तक वैलिड होता हैं। अगर यह जाम नहीं खुला तो करीब 100 करोड़ रुपए के खाने पाने की चीजें एक्सपायर हो जाएंगी। औद्योगिक क्षेत्र में 12 हजार कर्मचारी काम करते हैं, मात्र 40 प्रतिशत आ रहे हैं। 200 करोड़ रुपए का माल की सप्लाई नहीं हो रही है। कच्चे माल के ट्रक जाम में फंसे हैं। -धीरज चौधरी, कुंडली इंडस्ट्रियल एसोसिएशन सोनीपत।
राई इंडस्ट्रियल एरिया : 200 करोड़ का दवाओं की सप्लाई रुकी, 40 फीसदी स्टाफ भी नहीं आ रहा
औद्योगिक क्षेत्र में करीब 250 यूनिट्स दवाओं की है। इस समय दवाइयों की मांग अधिक है। खरीदारों के पास नहीं पहुंचने की वजह से लोगों की सेहत पर विपरीत असर पड़ेगा। औद्योगिक क्षेत्र में 11 हजार कर्मचारी कार्य करते हैं, जिसमें 40 प्रतिशत कर्मचारी नहीं आ रहे हैं। अब तक 200 करोड़ रुपए का माल बनकर तैयार है। जिला प्रशासन को वैकल्पिक मार्ग की तलाश कर आवागमन के लिए रास्ता देना चाहिए। राकेश देवगन, प्रधान राई स्मॉल इंडस्ट्रियल एसोसिएशन सोनीपत।
हिमाचल, पंजाब से आने वाले भारी वाहन इस रूट से जाएं
उप-पुलिस अधीक्षक जोगेन्द्र सिंह राठी ने बताया कि एनएच-44 पर जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब व चण्डीगढ से आने वाले भारी वाहन दिल्ली व गुरुग्राम जाने के लिए सोनीपत की अपेक्षा पानीपत से एनएच-71ए से गोहाना, रोहतक, सांपला से होते हुए आसौदा से केएमपी पर प्रवेश कर सकते हैं।
केएमपी व केजीपी से आने वाले यह मार्ग अपनाए
केएमपी व केजीपी के जरिए मानेसर से राष्ट्रीय राजमार्ग-48 व गाजियाबाद से राष्ट्रीय राजमार्ग 34 के जरिए दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं।
हलके वाहन यहां से जाएं दिल्ली और गुरुग्राम
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब से आने वाले हलके वाहन दिल्ली व गुरुग्राम जाने के लिए एनएच-44 पर राई से केएमपी होकर बादली, फरूखनगर व मानेसर के रास्ते जा सकते हैं। राई से केजीपी का प्रयोग करते हुए खेकड़ा, शहादरा तथा गाजियाबाद से होते हुए दिल्ली जा सकते हैं। इसके अलावा सोनीपत से दिल्ली जाने वाले दोपहिया वाहन चालक लोकल रास्तों से होते हुए दिल्ली जा सकते हैं।