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शाह शर्त नामंजूर:किसानों ने कहा- बुराड़ी खुली जेल, वहां नहीं जाएंगे; नेता मंच से दूर रहें,

शाह शर्त नामंजूर:किसानों ने कहा- बुराड़ी खुली जेल, वहां नहीं जाएंगे; नेता मंच से दूर रहें, सोनीपत में 28 दिसंबर तक धारा 144 लागूमंत्रणा: अमित शाह ने देर रात नड्‌डा के घर रक्षा व कृषि मंत्री के साथ बैठक की
जिम्मेदारी: 7 सदस्यों का किसान मोर्चा बनाया, इसमें हरियाणा के चढ़ूनी भी
तैयारी: पांच बॉर्डरों के साथ ही एक दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन की तैयारीकृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन चौथे दिन भी जारी रहा। आंदोलनरत किसानों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का सशर्त बुराड़ी ग्राउंड जाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया। शाम साढ़े चार बजे किसान नेताओं ने प्रेस से कहा- बुराड़ी मैदान ओपन-जेल जैसा है। हम वहां नहीं जाएंगे। साथ ही ऐलान किया है कि दिल्ली से लगते सिंघु-टिकरी के साथ ही दिल्ली-जयुपर, गाजियाबाद और मथुरा सीमा को भी जाम किया जाएगा।

एक दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन किया जाएगा। बीकेयू क्रांतिकारी (पंजाब) के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि किसानों ने सरकार से वार्ता के लिए 7 सदस्यों का संयुक्त मोर्चा भी बनाया है। किसानों के इस आंदाेलन में राजनीतिक दल के नेता न आएं। उधर, हैदराबाद से लौटते ही गृहमंत्री अमित शाह ने रात 10 बजे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ मीटिंग की। सूत्रों के अनुसार सरकार कुंडली बॉर्डर पर प्रतिनिधिमंडल भेजने या किसान नेताओं को दिल्ली बुलाने पर विचार कर रही है। चर्चा यह भी हुई कि आंदोलन लंबा चला और दिल्ली के रास्ते जाम हो गए तो इससे कैसे निपटेंगे।

ये 3 मांगें न मानने पर 4 माह डटे रहने की चेतावनी

कृषि कानून रद्द होें किसानों का तर्क है कि नए कृषि कानून किसान विरोधी हैं। इससे पूंजीपतियों को फायदा और किसान को नुकसान होगा। तीनों कानून वापस हों और एमएसपी की किसानों को गारंटी मिले।
बिजली संशोधन बिल न लाएं संसद के आगामी सत्र में बिजली संशोधन बिल-2020 लाया जा रहा है। इससे पंजाब में खेती के लिए लगी मोटरों के बिल किसानों काे अदा करने पड़ेंगे। सरकार सब्सिडी खातों में डालेगी। पंजाब ने यह प्रस्ताव रद्द था। यह कानून न बनाएं।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन कानून हटे नए कानून में दिल्ली और आसपास में प्रदूषण फैलाने के दोषी पर पांच साल तक की जेल की सजा और एक करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। प्रदूषण फैलाने वालों का बिजली पानी भी बंद किया जा सकता है। यह कानून हटे।
प्रधानमंत्री बोले- किसानों को कानून से हक और मौके मिले

इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 18वें संस्करण जरिए सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, ‘बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों को नए अधिकार और नए अवसर दिए हैं। किसानों की वर्षों से कुछ मांगें थीं। उन्हें पूरा करने के लिए हर राजनीतिक दल ने वादा किया। हमने उन्हें पूरा करने की दिशा में कदम उठाया है।’

कैप्टन की हो रही निंदा, बाेलने में मर्यादा रखें: मनोहर लाल

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का रवैया अव्यवहारिक है। एक सीएम को दूसरे सीएम के प्रति बोलने में मर्यादा रखनी चाहिए। हिसार में सीएम ने कैप्टन की टिप्पणी काे लेकर कहा कि ऐसी भाषा पर प्रतिक्रिया जरूरी नहीं है। जनता पंजाब के सीएम की निंदा कर रही है।

भास्कर इनसाइड

शाह की पेशकश पर किसानों की 3 आपत्तियां और माेर्चे में विरोध

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को वैसे तो किसानों ने शनिवार रात को ही ठुकरा दिया था। बावजूद इसके अपने फैसले के औपचारिक ऐलान के लिए किसान संगठनों ने तीन घंटे लंबी मीटिंग की। मीटिंग कुंडली बॉर्डर पर सुबह 10 से सवा एक बजे तक चली। मीटिंग में केवल पंजाब के 30 जत्थों के प्रतिनिधि शामिल थेे। शाह की पेशकश पर किसान नेताओं ने 3 आपत्तियां जताई। पहला- सरकार ने र्वाता के लिए शर्त क्यों लगाई। दूसरा- दिल्ली जा रहे थे तो सरकार ने क्यों रोका। अब हम यहां बैठ गए तो बुराड़ी क्यों बुला रहे हैं। मीटिंग में संदेह जताया गया कि सरकार उन्हें भी बुराड़ी ले जाकर मैदान में बंद कर सकती है। तीसरा- निमंत्रण पत्र पत्र सिर्फ पंजाब के 30 जत्थों को संबोधित करते हुए लिखा गया है। किसानों ने इसे फूट डालने की साजिश बताई। आंदोलन अकेले पंजाब का नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों का है।

दो सदस्यों से पांच नाखुश

नए बने संयुक्त किसान मोर्चा के 7 में से 5 सदस्य 2 सदस्यों से नाराज हैं। सूत्रों के अनुसार ये दोनों कोरोना का हवाला देकर दिल्ली कूच टालना चाहते थे। वहीं दोनों बुराड़ी जाने के पक्ष में भी थे।

चेतावनी से ज्यादा तैयारी

किसानों ने ऐलान किया कि वे दिल्ली से लगते 5 सीमाएं जाम करेंगे। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली जाने वाले लोकल और हरियाणा के अंदर के कुछ रास्तों पर भी किसान जाम लगा सकते हैं।

खापों ने दिया समर्थन

किसानों को खाप पंचायतों ने समर्थन दे दिया है। रोहतक के जाट भवन में करीब तीस खाप प्रधान जुटे। बैठक में दादरी से विधायक व सांगवान खाप के प्रधान सोमबीर सांगवान भी मौजूद रहे।

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