चीन का नया पैंतरा:चीनी वैज्ञानिकों का दावा- भारत से दुनिया में फैला कोरोना; ब्रिटेन के प्रोफेसर बोले- इस दावे में दम नहींकोरोनावायरस को लेकर चीन अब नया पैंतरा आजमा रहा है। कोरोना फैलाने के लिए दुनियाभर में बदनाम होने के बाद चीनी वैज्ञानिक भारत पर आरोप लगा रहे हैं। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोनावायरस भारत में पैदा हुआ था। यहीं से वायरस पूरी दुनिया में फैला।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने चीनी दावे को फर्जी करार दिया है। ब्रिटेन के ग्लासगो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड राबर्ट्सन ने कहा कि चीनी वैज्ञानिकों के इस दावे में कोई दम नहीं है। इस रिपोर्ट में कई तरह की खामियां हैं। इससे कोरोनावायरस (SARS-CoV-2) से जुड़ी कोई नई बात पता नहीं चलती है।
उधर, वायरस के सोर्स का पता लगाने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के वैज्ञानिक भी जांच कर रहे हैं। वैज्ञानिकों की एक टीम जल्द ही इसके लिए चीन जाने वाली है।
चीनी वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
फिलोजेनेटिक एनालिसिस (वायरस के म्यूटेट होने का तरीका) से इसके कोरोना फैलाने के लिए जिम्मेदार होने का पता चला है।
रिसर्च में कहा गया कि कोरोनावायरस भारत में पिछले साल की गर्मियों में पैदा हुआ।
वायरस पहले जानवरों में फैला और गंदे पानी के जरिए इंसानों में प्रवेश कर गया।
भारत से वायरस चीन के वुहान पहुंचा और यहीं पहली बार इसकी पहचान हुई थी।
भारत में पानी की कमी से बंदर जैसे जंगली जानवर आपस में लड़ते हैं। हो सकता है कि इससे इंसान और जंगली जानवरों के बीच संपर्क बढ़ा हो।
SARS-CoV-2 का ट्रांसमिशन बहुत ज्यादा गर्मी के चलते हुआ।
भारत में खराब हेल्थकेयर सिस्टम और यंग पॉपुलेशन के चलते लोगों में इसके हल्के लक्षण दिखे और कई महीनों तक ये बिना पहचान के ही फैलता रहा।
चीन में कोरोनावायरस यूरोप के रास्ते पहुंचा।
चीन ने इटली, यूएस पर भी लगाए थे आरोप
यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने कोरोनावायरस को लेकर दूसरे देशों पर आरोप लगाया है। इसके पहले चीनी वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में दावा किया था कि कोरोना का जन्म इटली और यूएस में हुआ था। वैज्ञानिकों ने कहा कि वुहान में मिला वायरस असली कोरोनावायरस नहीं था। जांच में कोरोनावायरस के बांग्लादेश, अमेरिका, ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया, भारत, इटली, चेक रिपब्लिक, रूस और सर्बिया में पैदा होने के सबूत मिले हैं।
चीनी वैज्ञानिकों ने तर्क दिया कि भारत और बांग्लादेश में सबसे कम म्यूटेशन वाले सैंपल मिले हैं और दोनों देश चीन के पड़ोसी हैं। इसलिए, संभव है कि वायरस का पहला ट्रांसमिशन यहीं हुआ हो। सैंपल और वायरस के म्यूटेशन में लगने वाले समय को आधार मानते हुए चीनी वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया कि वायरस जुलाई या अगस्त 2019 में पैदा हुआ।
दूसरे देशों ने रिसर्च को बेकार बताया
चीन के इस नए दावे को दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने बेमतलब बताया है। ग्लासगो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर राबर्ट्सन ने डेली मेल को बताया कि चीनी रिसर्च में लीस्ट म्यूटेड वायरस की बात की गई है। यह पूरी तरह से बायस्ड लगती है। इसमें कई तरह की खामियां हैं। पहले ही रिसर्च में साफ हो चुका है कि वायरस का जन्म चीन में ही हुआ। वहीं से वायरस पूरी दुनिया में फैला।