समस्या:किसानों के दिल्ली कूच के कारण एक्सप्रेस-वे पर चार घंटे तक बनी रही ट्रैफिक जाम की स्थिति
November 28, 2020
स्थानीय लोगों से इनपुट लिया बैरिकेड तोड़ने के लिए मैकेनिक और इलाज के लिए डॉक्टर मौजूद थे
November 28, 2020

किसानों पर हरियाणा सरकार बैकफुट पर:खट्टर पर जाट कम्युनिटी और गठबंधन की मजबूरी भारी पड़ी,

किसानों पर हरियाणा सरकार बैकफुट पर:खट्टर पर जाट कम्युनिटी और गठबंधन की मजबूरी भारी पड़ी, दुष्यंत चौटाला पर भी दबाव2019 में विधानसभा चुनाव के दौरान जाट कम्युनिटी की नाराजगी ही भाजपा को भारी पड़ी थी‌कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली जा रहे किसानों को रोकने में जुटी हरियाणा की भाजपा सरकार शुक्रवार को बैकफुट पर नजर आई। इसे हरियाणा की खट्टर सरकार पर जाट कम्युनिटी का दबाव माना जा रहा है, क्योंकि यहां ज्यादातर किसान इसी कम्युनिटी से आते हैं। पंजाब से जो किसान दिल्ली जाने के लिए हरियाणा पहुंचे थे, उन्हें भी जाट कम्युनिटी की तरफ से समर्थन मिल रहा है।

2019 में विधानसभा चुनाव के दौरान जाट कम्युनिटी की नाराजगी ही भाजपा को भारी पड़ी थी‌। तब भाजपा 40 सीटों पर ही सिमटकर रह गई थी। भाजपा सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़े 46 से 6 विधायक पीछे रह गई थी। यही वजह रही कि भाजपा को जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ मिलकर सरकार बनानी पड़ी, जिनके पास 10 विधायक हैं। कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ पिछले महीने जब हरियाणा में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किए थे तो JJP ने किसानों का समर्थन किया था।

कृषि कानून के मुद्दे को लेकर JJP नेताओं के बयान पहले भी हरियाणा सरकार की मुश्किलें बढ़ाते रहें हैं। JJP नेता लगातार भाजपा को कृषि सुधार कानूनों के बारे में किसानों को पूरी जानकारी देने का दबाव डालती रहे हैं। पहली बार चुनाव लड़ने वाली JJP का आधार जाट कम्युनिटी और किसान माने जाते हैं। ऐसे में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली JJP पर भी किसान आंदोलन को बलपूर्वक दबाने का दबाव काफी बढ़ गया था।दुष्यंत चौटाला पर दबाव ज्यादा

जननायक जनता पार्टी के अगुवाई करने वाले हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर कृषि सुधार कानूनों को लेकर काफी दबाव माना जा रहा है। पहले भी जब अकाली दल NDA सरकार में मंत्री बनी हरसिमरत कौर बादल ने कृषि सुधार कानूनों को लेकर इस्तीफा दिया तो अकाली दल ने दुष्यंत चौटाला को भी भाजपा का साथ छोड़ने को कहा था। बाद में जब अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने एनडीए छोड़ने की घोषणा की तो भी यह बात उठाई गई की किसानों के मुद्दे पर दुष्यंत चौटाला को भी हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए। हालांकि JJP हरियाणा में खट्टर सरकार में बने रहते हुए भी किसानों की मांगों का समर्थन करती आ रही है।
अकाली दल ने PM को लिया था निशाने पर

कृषि सुधार कानूनों को लेकर केंद्र सरकार में मंत्री पद व गठबंधन छोड़ने वाले अकाली दल के राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश पर पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के किसान आंदोलन के प्रति नरम रुख ने पानी फेर दिया था। इसके बाद पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए भी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर जमकर निशाना साधा था किसान आंदोलन की आड़ में इस राजनीतिक जंग में कूदे अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने बीते दिन सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया और कहा कि उनके निर्देश पर ही हरियाणा की खट्टर सरकार किसानों के विरुद्ध बल प्रयोग कर रही है। यह भी माना जा रहा है कि एक तरफ नए कृषि सुधार कानूनों के जरिए केंद्र सरकार किसानों से नजदीकी बनाना चाहती है। लेकिन हरियाणा में किसानों के खिलाफ अपना यह रवैया की वजह से केंद्र सरकार की छवि पर विपरीत असर ना पड़े इस वजह से भी हरियाणा सरकार पीछे हटने को मजबूर हुई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES