असमंजस में किसान:किसानों की चिंता- निजी कंपनियों के आने से आढ़तियों से मिलने वाला एडवांस बंद हो जाएगा तो कहां जाएंगेपानीपत टोल टैक्स पर किसानों ने भास्कर से बातचीत में साझा किया दर्द, सबके अपने-अपने तर्क
बड़ी प्लानिंग से पहुंचे किसान बोले- जब तक बिल वापस नहीं, तब तक वे भी नहीं लौटेंगेगुरुवार रात के 11:40 बजे हैं। पंजाब की ओर से आए किसान पानीपत टोल पर जमे हैं। काफिला लंबा है। कई ट्रैक्टर-ट्राॅली दिल्ली की ओर जा रही हैं तो सैकड़ों टोल पर खड़ी हैं। कारों से भी किसान धरना देने दिल्ली जा रहे हैं। प्लानिंग बड़ी है, इसलिए गैस सिलेंडर, चूल्हा और डिस्पोजल भी ट्रॉली में भरे हैं। किसान तो 6 माह का राशन साथ लेकर चलने का दावा कर रहे हैं। जिस बिल के विरोध में वे दो दिन पहले ही घर से निकले थे, उसको लेकर अलग-अलग दावे कर रहे हैं।
किसी को चिंता है कि कृषि बिल जाने से जब निजी कंपनियां आ जाएंगी तो वक्त-बे-वक्त आढ़तियों से मिलने वाले एडवांस बंद हो जाएंगे। किसी को एमएसपी पर लिखित भरोसा नहीं मिलने की भी चिंता है। हालांकि, कई किसान ऐसे भी हैं, जो बिजली को कृषि बिल से जोड़कर अनजान है। टोल पर खड़ी इन किसानों की ट्रैक्टर-ट्रॉली कभी भी दिल्ली के लिए निकल सकती है। चलिए, जानते हैं किसानों की बातें कि आखिर वह क्यों इस तरह के धरने पर जा रहे हैं।
बिजली बिल पर किसान अनजान भी
अमृतसर के मेहताब सिंह 25 नवंबर की सुबह घर से चले थे। वे कुछ बोलते इससे पहले साथ आए परविंदर सिंह ने कृषि बिल की जो खामियां बताई वह हैरान करने वाली थीं। उन्होंने कहा कि मोदी के कानून से पंजाब में फ्री मिल रही बिजली के किसानों को पैसे देने पड़ेंगे।
एडवांस नहीं मिलेगा
गुरुदासपुर के डेराबाबा नानकपुर से आए जगरूप सिंह की चिंता अलग है। अब तक हम जरूरत में आढ़ती से एडवांस लेकर शादी-ब्याह और अन्य काम करते थे। इससे बंद हो जाएगा।
एमएसपी पर लिखित आश्वासन
जालंधर से आए दलजीत को केंद्र से लिखित में चाहिए कि एमएसपी से कम पर अनाज नहीं बिकेगा। अगर फसल नहीं बिकती है तो सरकार एमएसपी का लिखित आश्वासन दे।