कोरोना वैक्सीन पर संकट:ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ने मैन्युफैक्चरिंग एरर मानी, ट्रायल के अलग-अलग रिजल्ट पर उठ रहे थे सवालयूके और ब्राजील में किए गए परीक्षणों में आधी डोज दिए जाने पर वैक्सीन 90% तक इफेक्टिव मिली थी
दूसरे महीने में फुल डोज दिए जाने पर 62% असरदार देखी गई, जो बाद में बढ़कर 70% तक पहुंच गईकोरोना वैक्सीन की उम्मीदों के बीच एक बुरी खबर आ रही है। एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड ने वैक्सीन में मैन्युफैक्चरिंग एरर की बात स्वीकार कर ली है, जिससे वैक्सीन के स्टडी रिजल्ट पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हाल ही में वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल के परिणाम जारी किए गए थे, जिसमें अलग-अलग नतीजे सामने आए थे। इसके बाद से ही एक्सपर्ट इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे थे।
इसलिए उठ रहे सवाल
न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (कोवीशील्ड) के काफी हद तक असरदार होने के दावे के बीच बुधवार को इस गलती से जुडा बयान सामने आया। दावे में यह भी नहीं बताया गया था कि पहले दो शॉट्स में वॉलंटियर्स को उम्मीद के मुताबिक डोस क्यो नहीं दिए गए। रिजल्ट की तुलना भी उनसे की गई, जिन्हें अलग-अलग वैक्सीन के कॉम्बिनेशन के साथ डोज दिए गए।
अलग-अलग रिजल्ट सामने आए
ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका ने 23 नवंबर को बयान जारी कर बताया था कि यूके और ब्राजील में किए गए परीक्षणों में वैक्सीन (AZD1222) काफी असरदार पाई गई। आधी डोज दिए जाने पर वैक्सीन 90% तक इफेक्टिव मिली। इसके बाद दूसरे महीने में फुल डोज दिए जाने पर 62% असरदार देखी गई। इसके एक महीने बाद दो फुल डोज देने पर वैक्सीन का असर 70% देखा गया। भारत में यह वैक्सीन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रहा है।
पूनावाला ने कहा था कि फरवरी अंतिम हफ्ते तक 10 करोड़ डोज तैयार कर लेंगे
दुनिया की प्रमुख वैक्सीन प्रोडक्शन कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने कहा था कि फरवरी अंतिम हफ्ते तक इस कोवीशील्ड की कम से कम 10 करोड़ डोज तैयार कर लेंगे। उन्होंने कहा था कि अब तक 40 लाख डोज तैयार हो चुके हैं और केंद्र सरकार इसे 250 रुपए या इससे कम दाम में खरीदने के लिए तैयार है। पूनावाला ने कहा कि प्राइवेट मार्केट में कोवीशील्ड को 500 से 600 रुपए में दी जा सकती है। इससे डिस्ट्रीब्यूटर्स को फायदा भी होगा।