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कैडर की पोस्टों पर दूसरे अफसर लगाए तो ब्यूरोक्रेट्स का सोशल मीडिया पर विरोध

नाराजगी:आईएएस-एचसीएस कैडर की पोस्टों पर दूसरे अफसर लगाए तो ब्यूरोक्रेट्स का सोशल मीडिया पर विरोधप्रदेश में आधा दर्जन आईएएस कैडर की पोस्टों पर दूसरे महकमों के अफसर तैनात
प्रदेश में पिछले कुछ समय से आईएएस और एचसीएस कैडर की पोस्टों पर दूसरे विभागों या कैडर के अफसरों की नियुक्ति से ब्यूरोक्रेट्स में नाराजगी है। इस पर आईएएस और एचसीएस अफसरों में सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है। सामने आई कुछ चैट्स से साफ है कि सरकार की ओर से ट्रांसफर के नए प्रयोग से ब्यूरोक्रेट्स नाराज हैं, क्योंकि कई सीनियर आईएएस हैं, जिनके पास पूरे सप्ताह में गिनी-चुनी फाइलें पहुंचती है।

पूरा दिन खाली निकलता है। जबकि कुछेक को अच्छे-खासे महकमे दिए हैं। कई अफसरों को दरकिनार कर दूसरे विभागों के अफसरों की आईएएस कैडर पर नियुक्ति से पूरी अफसर लॉबी में हलचल है। सूत्रों का कहना है कि सरकार से कई मुद्दों पर सीधे टकरा चुके सीनियर आईएएस अशोक खेमका अब सरकार को पत्र लिखने वाले हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसका जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि आईएएस अफसरों की पोस्टिंग में सिद्धांतों और नियमों को वरीयता दी जाए। बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले दिनों ही रिटायर्ड आईएएस डीएस ढेसी को अपना चीफ प्रिंसिपल सेक्रेट्री बनाया है।

आईएएस की पोस्ट पर ये अफसर लगाए

आईआरएस योगेंद्र चौधरी खेल और फॉरेन कॉपरेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेट्री हैं। जबकि आईएफएस एमडी सिन्हा को टूरिज्म का एमडी लगाया है। बिजली वितरण निगमों के सीएमडी एवं एडीजीपी शत्रूजीत कपूर को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में प्रिंसिपल सेक्रेट्री का पद दिया गया। पूर्व में आईपीएस ओपी सिंह और आईएफएस आलोक वर्मा को भी आईएएस कॉडर की पोस्ट दी थी। आईपीएस अमिताभ ढिल्लो खनन विभाग में महानिदेशक के पद पर पहले से तैनात हैं। इधर, आईपीएस रजनीश गर्ग के पास सर्व शिक्षा विभाग के निदेशक तो आईपीएस शशांक आनंद को बिजली वितरण निगम का एमडी लगाया है।

यह भी जानिए

प्रदेश में आईएएस कॉडर के 215 पद स्वीकृत हैं। इनमें चीफ सेक्रेट्री, एसीएस कम फाइनेंस कमिश्नर और पीएसटूसीएम की एक-एक पोस्ट है, जबकि 12 पोस्ट प्रिंसिपल सेक्रेट्री के लिए हैं। सरकार में अब 15 पीएस हैं। तीन पोस्ट टेंपरेरी एडिशन की गई हैं। कुल 117 पोस्ट ड्यूटी के लिए हैं, जबकि 46 सेंट्रल डेपुटेशन, 29 स्टेट डेपुटशन के लिए, जबकि 4 ट्रेनिंग और 65 अवकाश आदि के लिए रिजर्व हैं।

नाराज एचसीएस एसोसिएशन करेगी सीएम से मुलाकात

एचसीएस एसोसिएशन भी आरटीए के पदों पर पुलिस, एंप्लॉयमेंट और वन विभाग के अफसरों की तैनाती से नाराज हैं। एसोसिएशन की नवनियुक्त अध्यक्ष वंदना दिसोदिया भी यह मान रही हैं कि कैडर पोस्टों को लेकर जो घटनाक्रम हुआ है, उसे लेकर सीएम से मिला जाएगा। पहले एसोसिएशन की बॉडी का गठन करेंगे।

एक्सपर्ट-व्यू

रिटायर्ड मुख्य सचिव धर्मवीर सिंह ने कहा कि कैडर पोस्टों पर उसी विभाग के अफसर ही लगाए जाते हैं। यदि पोस्ट कैडर की नहीं है तो वहां किसी भी विभाग का अफसर लगाया जा सकता है। आईएएस के लिए 5 साल से कैडर पोस्ट तय होती है। हालांकि सरकार चाहे तो किसी को भी लगा सकती है। नियम है कि तीन माह बाद केंद्र से मंजूरी लेनी होती है। नई पोस्ट क्रिएट कर किसी भी अफसर को लगा सकते हैं।

ये हैं नियम

नियम-9 : इसके तहत आईएएस कैडर की पोस्ट पर तभी कोई दूसरे कैडर का अफसर लगा सकते हैं जब कोई उपयुक्त कैडर का अफसर न हो। यह नियुक्ति राज्य सरकार 3 माह के लिए कर सकती है। इसके बाद केंद्र और यूपीएससी से मंजूरी लेनी होगी। जैसे ही उपयुक्त अफसर मिलता है तो उसे हटा दिया जाएगा।
नियम-7 : कोई भी ट्रांसफर सिविल सर्विस बोर्ड की अनुमति पर ही होना चाहिए। बोर्ड में मुख्य सचिव, एफसीआर और पर्सनल सेक्रेट्री होते हैं। यदि इनकी सिफारिश सीएम या सरकार बदलती है तो उसे बोर्ड को लिखित में यह देना होता है कि संबंधित अपॉइंटमेंट या ट्रांसफर क्यों जरूरी है।
1965 के एक नियम में यह स्पष्ट है कि यदि सरकार टेंपरेरी एडिशनल कैडर पोस्ट बनाती है तो उस पोस्ट पर भी कैडर का ही अफसर नियुक्त किया जा सकेगा। यानी प्रिंसिपल सेक्रेट्री की नई पोस्ट क्रिएट की जाती है तो आईएएस को ही लगाया जा सकता है।

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