पीएम की रैलियों का स्ट्राइक रेट:पिछले चुनाव में मोदी ने जहां सभा की,
October 29, 2020
2020 में ISRO का पहला मिशन:‘EOS-01’ सैटेलाइट 7 नवंबर को लॉन्च किया जाएगा
October 29, 2020

अनिल अंबानी के सभी मामलों को एक जगह ट्रांसफर करने के बाद सुनाया जाएगा फैसलाअधिकांश

कॉर्पोरेट कर्जदारों का मामला अब एक जगह होगा:अनिल अंबानी के सभी मामलों को एक जगह ट्रांसफर करने के बाद सुनाया जाएगा फैसलाअधिकांश व्यक्तिगत गारंटर्स के लिए वकीलों ने मामलों के तबादले का विरोध किया है। आज इस मामले में कोई आदेश भी आ सकता है
ईज ऑफ बिज़नेस सुनिश्चित करने के लिए उचित समय सीमा के भीतर फैसला किया जाना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी जैसे कॉर्पोरेट कर्जदारों के व्यक्तिगत गारंटर के मामलों को एक जगह ट्रांसफर किया जाएगा। इसके बाद ही इस पर फैसला सुनाया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि जो भी दिवालियापन की कार्यवाही को चुनौती देने वाले विभिन्न हाई कोर्ट में मामले दर्ज हैं, उन्हें एक जगह ट्रांसफर करने की जरूरत है।

सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग

जज एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली बेंच ने ऐसे सभी मामलों को टॉप कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड विकास मेहता के माध्यम से भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (Insolvency and Bankruptcy Board of India ) की ओर से दायर याचिका पर यह फैसला लिया है। संकट के दौर से गुजर रहे कॉर्पोरेट देनदारों के व्यक्तिगत गारंटर के रूप में दिवालियापन की कार्यवाही का सामना कर रहे हाई-प्रोफाइल लोगों में ललित जैन, योगेश मेहरा, अतुल पुंज, बाला छाबड़ा, राम मेहर गर्ग, महेंद्र कुमार राजपाल, अजय मेहरा, संजय और आरती सिंघल शामिल हैं ।

मध्यप्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली हाई कोर्ट में हैं मामले

बता दें कि कॉर्पोरेट देनदारों को व्यक्तिगत गारंटर से संबंधित आईबीसी का पार्ट 3 लागू हो गया है। उनके खिलाफ मध्य प्रदेश, तेलंगाना और दिल्ली के हाई कोर्ट में मामले लंबित हैं। हाई कोर्ट (High Court) ने अंतिम सुनवाई लंबित होने तक आईबीसी की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये अंतरिम आदेश फिलहाल जारी रहेंगे। दिवालियापन बोर्ड का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने बेंच को बताया कि इन मामलों को एक जगह लाया जाना चाहिए।

ईज ऑफ बिज़नेस सुनिश्चित करने के लिए उचित समय सीमा के भीतर फैसला किया जाना चाहिए।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा हाई कोर्ट में जल्दी फैसला होने की उम्मीद कम

आरकॉम को कर्ज देनेवाले प्रमुख भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चिंता इस बात की है कि इस मुद्दे पर हाई कोर्ट में जल्दी फैसला नहीं किया जाएगा। अधिकांश व्यक्तिगत गारंटर्स के लिए वकीलों ने तबादले का विरोध किया। आज इस मामले में कोई आदेश आ सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES