कोरोना काल में प्रशासन की बड़ी लापरवाही:रावण दहन; कैसे जुटा ये हुजूम, कहां थे भीड़ कंट्रोल करने के लिए लगाए 13 अफसर, इस चूक का जिम्मेदार कौन ?सवाल, व्यवस्था नहीं बना सकते थे तो दहन की अनुमति क्यों दी… करनाल, सोनीपत में प्रशासन ने नहीं दी पुतले जलाने की परमिशन
आयोजक संस्थाएं भी जिम्मेदार; बेशक चारदीवारी में पुतले फूंके, लेकिन बाहर भीड़ न जुटे इसके लिए कोई प्रबंध नहीं कियाकोरोना काल में रावण के पुतले दहन की अनुमति देने का नतीजा गलत निकल सकता है। प्रशासन ने अनुमति तो दे दी, लेकिन नियमों का पालन नहीं करा सके। दहन स्थल के बाहर जहां हजारों की भीड़ जुटी, वहीं ज्यादातर लोग बिना मास्क दिखे। जिस पुलिस पर नियम लागू कराने की जिम्मेदारी थी, वह भी बिना मास्क दिखी। कोरोना संकट खत्म नहीं हुआ है। इसलिए, ऐसी लापरवाही शहर पर फिर से भारी पड़ सकती है।
डीसी धर्मेंद्र सिंह ने इसके लिए 13 ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाए थे, लेकिन सभी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे। जबकि सोनीपत और करनाल जिले के प्रशासन ने वहां किसी को भी दहन की अनुमति नहीं दी। इसलिए वहां ऐसे हालात नहीं बने। शहर की 5 समितियाें में से श्रीराम दशहरा कमेटी बरसत राेड काे छाेड़ सभी 4 कमेटियाें ने सिर्फ रावण के पुतले का दहन किया।
लेकिन भीड़ काबू करने के लिए समितियाें ने बेशक आम लाेगाें काे दहन के वक्त माैजूद नहीं रहने दिया हाे लेकिन बाहर हजाराें लाेगाें की भीड़ माैजूद रही। सबसे ज्यादा भीड़ इस बार सेक्टर-13,17 में रही। जहां इस बार तीन पुतलाें के सहित काेराेना के पुतलाें का भी दहन किया गया। समिति ने मैदान की चार दीवारी करवाई थी, लेकिन दहन के समय हजाराें लाेगाें काे भीड़ उस चारदीवारी के बाहर थी। इसे हटाने में प्रशासन नाकाम रहा।
एक प्रयास ऐसा भी: भीड़ बढ़ी तो 33 मिनट पहले ही पुतला जलाया
महावीर आदर्श स्कूल स्कूल वार्ड-11 में पूर्व पार्षद राजीव चावला ने शाम 5 बजे ही पुतला जला दिया। हालांकि पुतले के दहन का समय शाम 5 बजकर 33 मिनट रखा गया था। हनुमान स्वरूपों को कह दिया था कि 5 बजे से पहले ही आ जाएं। क्योंकि, भीड़ बढ़ने पर पहले ही पुतला दहन कर देंगे और ऐसा ही किया।
इन अफसरों के कंधों पर थी भीड़ संभालने की जिम्मेदारी
एसडीएम पानीपत व एसडीएम समालखा अपने-अपने क्षेत्र के ओवरऑल इंचार्ज लगाए गए थे। इसके अलावा 13 अफसरों को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया था।
जिला परिषद के सीईओ विवेक चौधरी को थाना चांदनी बाग व किला एिरया।
एसडीएम समालखा विजेन्द्र हुड्डा को समालखा, बापौली और सनौली।
डीआरओ चन्द्र मोहन को सिटी,सदर और ट्रैफिक बाबरपुर।
एमडी शुगर मिल प्रदीप अहलावत को मॉडल टाउन व मतलौडा।
एटीपी सतीश कुमार को सिटी पानीपत।
प्रताप सिंह बीएओ एग्रीकल्चर को किला क्षेत्र।
एटीपी नवीन कुमार को सेक्टर-13/17
कार्यकारी अभियंता संजीव शर्मा को मॉडल टाउन।
पवन कुमार सचिव मार्किट कमेटी समालखा को समालखा।
अजय कुमार एसडीओ पंचायती राज बापौली को थाना सनौली।
एसडीओ यूएचबीवीएन अशोक शर्मा को बापौली।
बीडीपीओ इसराना जितेंद्र शर्मा को इसराना और।
मतलौडा के बीडीपीओ अशोक छिकारा को मतलौडा थाना क्षेत्र।
बाहर जुटे थे लोग : डीएसपी वत्स डीसी बोले-कार्रवाई तो बनती है
डीएसपी हेडक्वार्टर सतीश कुमार वत्स ने कहा कि दशहरा समारोह सभी जगह चार दीवारी के अंदर थे। जिन लोगों को पास दिए गए, सिर्फ उनको ही एंट्री दी गई। भीड़ पूरी तरह से कंट्राेल में थी। बाहर पब्लिक जमा हो गई थी, जो अंदर एंट्री चाहती थी। डीसी धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाए गए थे, लेकिन कहीं भी पालन नहीं हुआ। इसलिए, आयोजकों के साथ ही ड्यूटी मजिस्ट्रेट पर भी कार्रवाई बनती है। इस बारे में सभी पक्षों से जवाब मांगेंगे।