2 शिक्षकाें की गलती से एक स्कूल के 10वीं कक्षा के 58 विद्यार्थियों का परिणाम बदलादो शिक्षकों की गलती का खामियाजा हिसार के गांव दौलतपुर के राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल के दसवीं कक्षा के 58 बच्चों को भुगतना पड़ा। पहले पास किए गए बच्चों में अधिकांश अब फेल हो गए हैं व पहले फेल रहे बच्चों में से अधिकांश पास हो गए हैं। बोर्ड सचिव ने कहा कि जो बच्चों का परिणाम था वह दिया गया है। कोरोना के चलते इस बार बोर्ड परीक्षाओं की मार्किंग निर्धारित केंद्रों पर न हो कर घरों में अध्यापकों द्वारा की गई थी।
इसी के चलते हिसार के दौलतपुर गांव स्थित राजकीय स्कूल के दसवीं बच्चों के सोशल साइंस विषय की आंसर सीट गुड़गांव सोहना के दो शिक्षकों के पास भेजी गई। उन शिक्षकों ने पेपर चेक कर अवार्ड लिस्ट बोर्ड मुख्यालय में भेज दी। अवार्ड लिस्ट के आधार पर बोर्ड ने परिणाम तैयार कर घोषित कर दिया। परिणाम देखकर स्कूल के मेधावी बच्चों में से कुछ फेल दिखा दिए, जबकि कुछ कमजोर बच्चे पास दिखा दिए। बच्चों ने बोर्ड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था। एक बच्चे ने सोशल साइंस विषय में 13 अंक थे ने रिवैल्यूएशन फार्म भरा।
रिवैल्यूएशन के बाद परिणाम में बच्चे के 55 अंक दिखाए गए। इस पर बोर्ड प्रशासन सकते में आ गया। उन्होंने आंसर सीट चेक करवाई तो यह मामला पकड़ में आ गया। इस पर बोर्ड प्रशासन ने सोहना के रणजोद सिंह प्रवक्ता सामाजिक अध्यन्न व दिनेश कुमार प्रवक्ता भूगोल को कारण बताओ नोटिस दिया। इस पर दोनों ने माफी मांगी जिस पर बोर्ड प्रशासन ने दोनों पर क्रमश: 3100 व 2200 रुपये जुर्माना लगाया।
इसके अतिरिक्त दोनों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए बोर्ड ने शिक्षा विभाग को लिखा है। काेरोना के चलते इस बार पेपरों की मार्किंग शिक्षकों ने घरों में ही की थी। उक्त दोनों प्रवक्ता पड़ोसी हैं। सिरियल नंबर गलत चढ़ने से यह गलती हुई। इस संंबंध में बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि हालांकि दोनों प्रवक्ताओं ने माफी मांगी है व जुर्माना भी भर दिया है लेकिन उनकी वजह से बोर्ड की गरिमा को ठेस पहुंची है। इसलिए उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए शिक्षा विभाग को लिखा है।