ग्रैंड चैलेंजेज एनुअल मीटिंग:मोदी ने कहा- साइंस और इनोवेशन में निवेश करने वाला समाज ही भविष्य को आकार देगा, लेकिन इसके लिए जनभागीदारी जरूरी होगीग्रैंड चैलेंजेज एनुअल मीटिंग 2020 की शुरुआत सोमवार से हो गई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाला भविष्य साइंस और इनोवेशन में निवेश करने वालों का होगा। ऐसा समाज ही दुनिया के भविष्य को नया आकार देगा। लेकिन, इसके लिए सभी का सहयोग और भागीदारी जरूरी होगी। तभी हमें इसका फायदा मिल सकेगा।
मोदी ने कहा कि इन निवेशों को पहले अच्छी तरह से प्लान करना होगा। इसे अदूरदर्शी तरीके से नहीं किया जा सकता है। पीएम ने यह भी कहा कि भारत में कोरोना के हर दिन सामने आने वाले मामलों में कमी देखी जा रही है। 88% रिकवरी रेट के साथ दुनिया में हम सबसे आगे हैं।
कोरोना के चलते वर्चुअल बैठक
मोदी ने कहा- यह मीटिंग भारत में फेस-टू-फेस होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते वर्चुअल हो रही है। एनुअल मीटिंग में दुनिया भर के साइंटिस्ट और इनोवेटर्स शामिल होते हैं, ताकि प्रमुख वैश्विक चुनौतियों को हल करने पर विचार-विमर्श किया जा सके। 19 से 21 अक्टूबर तक चलने वाली बैठक में ग्लोबल हेल्थ प्रॉब्लम जैसे मुद्दों को हल करने पर चर्चा होगी।
कोरोना को हराने में भारत का रिसर्च अहम: बिल गेट्स
बिल गेट्स ने सोमवार को कहा कि बड़े स्तर पर वैक्सीन बनाने के लिए और कोरोना से लड़ने के लिए भारत का रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग बेहद अहम होगा। ग्रैंड चैलेंज एनुअल मीटिंग 2020 को संबोधित करते हुए उन्होंने कोरोना वैक्सीन के डेवलपमेंट को लेकर आने वाली दिक्कतों पर चर्चा की। गेट्स ने कहा- भारत बेहद इंस्पायरिंग देश है, क्योंकि इसने पिछले दो दशक में अपने लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बहुत काम किया है।
गेट्स ने कहा- दुनिया भर के साइंटिस्ट अभी कोरोना महामारी को खत्म करने में लगे हुए हैं। जब से महामारी शुरू हुई है, वैज्ञानिकों ने 1,37,000 वायरल कोविड-19 जीनोमिक सीक्वेंस साझा किए हैं। यहां तक कि दवा कंपनियां प्रोडक्शन के तरीकों में सहयोग कर रही हैं. ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया था।
बैठक में महामारी से लड़ने और इससे निपटने के लिए किए जा रहे कार्यों और उनमें तेजी लाने, साथ ही आने वाले दूसरे महामारी को रोकने को लेकर नेताओं के बीच बातचीत होगी। इस बैठक में 40 देशों के 1600 लोग शामिल हो रहे हैं।
कार्यक्रम को बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, भारत सरकार, ICMR, नीति आयोग के साथ ही ग्रांड चैलेंजेज कनाडा, द यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट एंड वेलकम मिलकर होस्ट कर रहा है।
ग्रैंड चैलेंजेज इंडिया कृषि और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर काम करती है
ग्रैंड चैलेंजेज इंडिया डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ पार्टनरशिप में 2012 में शुरू किया गया था। बाद में वेलकम भी इसमें शामिल हुआ। ग्रैंड चैलेंजेज इंडिया कृषि, पोषण, स्वच्छता, मातृ और बाल स्वास्थ्य से लेकर संक्रामक रोगों तक हेल्थ और डेवलपमेंट को लेकर काम करता है।