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पीक की ओर चला इंडस्ट्री का चक्काकोरोना काल में पटरी पर लौटी अर्थव्यवस्था,

अप्रैल में 33.52% घटी बिजली डिमांड सितंबर में 0.84 प्रतिशत बढ़ी, पीक की ओर चला इंडस्ट्री का चक्काकोरोना काल में पटरी पर लौटी अर्थव्यवस्था, सरकार की जीएसटी से बढ़ेगी आयकोरोना वायरस की वजह से प्रदेश और देश में लगे लॉकडाउन की वजह से हरियाणा में हर दुकान से लेकर इंडस्ट्री तक बंद होने से 33 फीसदी तक घटी बिजली की डिमांड में सितंबर में पहली बार बढ़ोतरी हुई है। इससे यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि कोरोना संक्रमण के बीच प्रदेश के लोगों ने रहना और काम करना सीख लिया है। दुकान से लेकर इंडस्ट्री तक ने अपनी गति पकड़ ली है। क्योंकि बिजली से ही सबकुछ चल रहा है।

ऐसे में माना जा रहा है कि जब बिजली डिमांड बढ़ने से प्रदेश की अर्थवयवस्था भी पटरी पर आ गई है। यानि सभी उद्योगों का चक्का चलने के साथ व्यापार, दुकान, कंस्ट्रक्शन आदि सभी क्षेत्र में काम अपनी गति पकड़ चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि इंडस्ट्री अपने पीक पर है और अभी प्रोडक्शन में और इजाफा होना है। इससे न केवल बिजली की डिमांड बढ़ेगी बल्कि सरकार का जीएसटी कलेक्शन भी पिछले रिकाॅर्ड तोड़ सकता है। इससे इंडस्ट्री के साथ सरकार को भी वित्तीय फायदा होगा। प्रदेश में मार्च के आखिरी सप्ताह में लॉकडाउन लगा था।

इसके बाद अप्रैल में पिछले साल की अपेक्षा बिजली की डिामंड में 33.52 प्रतिशत की कमी आ गई थी। मई में 20 तो जून में 10 फीसदी तक की कमी रही। लाॅकडाउन खत्म होने के बाद जुलाई-अगस्त में 2 फीसदी तक की डिमांड घटी रही, लेकिन त्योहारों के करीब आने के साथ ही सितंबर में यह पिछले साल के मुकाबले 0.84 प्रतिशत ज्यादा हो गई। बिजली मंत्री रणजीत सिंह का कहना है कि यह सही है कि बिजली की खपत बढ़ गई है। क्योंकि सभी बाजार, इंडस्ट्री खुल चुके हैं।

हरियाणा में इंडस्ट्री पूरी तरह चल चुकी है: एक्सपर्ट
आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव चावला कहते हैं कि हरियाणा में इंडस्ट्री पूरी तरह चल चुकी है। 80 प्रतिशत तक प्रोडक्शन हो रहा है। प्रदेश में ऑटो मोबाइल से जुड़े उद्योग ज्यादा हैं। कोरोना की वजह से इस क्षेत्र में ज्यादा डिमांड बढ़ी है। लोग अब ट्रेन, बस आदि में सफर करने की बजाए खुद की छोटी कार, बाइक या साइकिल पर जाना पसंद कर रहें हैं। इसलिए अभी इंडस्ट्री अपने पीक की ओर से जा रही है। इसके मार्च तक चलने की संभावना है। यही वजह है कि बिजली की खपत बढ़ रही है। जब इंडस्ट्री में प्रोडक्शन बढ़ेगा तो सरकार का जीएसटी कलेक्शन पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ सकता है।

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