धुएं से लोगों का जीना दूभर:आबादी से महज 500 मीटर दूर दस दिन से 8 एकड़ में सुलग रहा कचरा, एक्यूआई 182 परचार साल में दो बार बदली जगह, अब सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की फाइल चंडीगढ़ में फांक रही धूल
दादरी रोड पर बने डंपिंग स्टेशन में लगी आग बुझाने के लिए रोज फायर ब्रिगेड की 5-6 गाड़ियों से पानी डालने का दावादादरी रोड पर आबादी से महज 500 मीटर दूर आठ एकड़ भूमि पर बने डंपिंग स्टेशन पर पिछले दस दिन से आग लगी हुई। इससे आसपास के इलाके में धुआं फैलने से सांस लेना तो दूभर हो ही गया है, शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 182 पर पहुंच गया है, जोकि मॉडरेट है यानि इसके अनुसार शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर फेफड़े व हार्ट के मरीजों के लिए खतरनाक है। जबकि 50 एक्यूआई ही अच्छा माना जाता है।
दूसरी ओर संज्ञान में होने के बावजूद अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे। अधिकारियों का दावा है कि रोज फायर ब्रिगेड की 5-6 गाड़ियां सुलगते कचरे पर पानी डालती हैं, लेकिन कमाल की बात यह है कि 8 दिन में भी यह आग बुझ नहीं पाई है। नप चेयरमैन रणसिंह यादव ने कहा कि आग बुझाने के लिए लगातार पानी डलवाया जाएगा।
आग पर काबू पाने के लिए कर रहे हैं प्रयास
नगर परिषद ईओ संजय यादव ने बताया कि कूड़े में आग लगी हुई और उनके संज्ञान में मामला है। हर रोज 5 से 6 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पानी डालती हैं, लेकिन हवा चलने के कारण आग फिर सुलग जाती है। आग पर काबू नहीं पाया जा रहा है। लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
हर रोज डाला जा रहा है 100 टन कचरा
भिवानी के अलावा बवानीखेड़ा, तोशाम और लोहारू से निकलने वाले कचरे के स्थायी निस्तारण के लिए चार साल पहले बवानीखेड़ा में प्लांट बनाने की योजना थी। कस्बावासियों के विरोध के चलते प्लांट निर्माण ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसके बाद दादरी रोड पर कूड़ा निस्तारण केंद्र में ही प्लांट बनाने की योजना बनी, लेकिन यह भी रद्द हो गई। अब फिर बवानीखेड़ा में ही प्लांट बनाने की योजना है, लेकिन अभी तक प्लांट की फाइल चंडीगढ़ में ही धूल फांक रही है। तीन साल पहले प्रशासन ने दादरी रोड क्षेत्र में नप की 8 एकड़ जमीन पर 10 लाख रुपये की लागत से दीवार खींच कर ठोस कूड़ा निस्तारण केंद्र बना दिया था।
यहां शहर से प्रतिदिन निकलने वाला 100 टन कचरा डाला जा रहा है। इस कूड़े की दुर्गंध से आस-पास रह रहे लोगों का जीना दूभर हो गया है। उधर, आग लगने के बाद कचरे से कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाइ ऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें निकलती हैं, जो मनुष्य के साथ प्राकृति के लिए भी नुकसानदायक है। डिप्टी सीएमओ डाॅ. कृष्ण कुमार ने बताया कि कचरा जलने से श्वास रोग, एलर्जी व आंखों में जलन से संबंधित रोग होते हैं। ऐसे में जहां कचरा जल रहा हो उसके पास से गुजरना भी स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।