आरटीए कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर चोट:250 बिचौलियों के आरटीए कार्यालय में घुसने पर बैन, चलते वाहनों के लोड का पोर्टेबल धर्मकांटे से होगा तोल, इंस्पेक्टर की बॉडी पर लगेंगे कैमरेबिचौलियों की लिस्ट डीटीओ को दी जाएगी, जरूरत पर नाम भी देंगे
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मीडिया के सामने विभाग की पूरी प्लानिंग रखीआरटीए में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने अपनी योजना बना ली है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मीडिया के सामने विभाग की पूरी प्लानिंग रखी। जिसके अनुसार आईटी से लेकर अधिकारियों की नियुक्तियां और विभाग में स्टाफ में बढ़ोतरी आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि आरटीए कार्यालयों में 250 बिचौलियों को चिह्नित किया गया है।
इनकी लिस्ट हर डीटीओ भेजी जाएगी, ताकि इनकी ऑफिस में एंट्री बैन की जा सके। जरूरत हुई तो इन बिचौलियों के नाम भी उजागर किए जाएंगे। कॉमर्शियल वाहनों की ओवरलोडिंग में भी भ्रष्टाचार है। इस पर अंकुश लगाने के लिए सड़कों पर पोर्टेबल धर्मकांटे लगाए जाएंगे। इससे वाहन चालक को भी पता नहीं लगेगा कि कब उसके वाहन के वजन का तोल हो चुका है।
सीएम ने बताया कि इसके लिए 45 पोर्टेबल धर्मकांटे खरीदे हैं। यदि ये सफल रहे तो ऐसे और धर्मकांटे खरीदे जाएंगे। यह सड़कों पर लगाए जाएंगे। जैसे वाहन इनके उपर से गुजरेगा, उसका तोल हो जाएगा। ओवरलोड होने पर इसकी सूचना टीम को दे दी जाएगी। इसके अलावा अधिकारियों द्वारा भी गड़बड़ी नहीं हो सकेगा। चेकिंग व पासिंग करने वाले वाहन निरीक्षक पर बॉडी कैमरे लगाए जाएंगे।
आरटीए का नाम होगा डीटीओ, स्वतंत्र रहेंगे
अब विभाग में रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी पद का नाम बदलकर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर कर दिया गया है। हर जिले में अब किसी अधिकारी को बजाए अतिरिक्त जिम्मेदारी देने के लिए स्वतंत्र डीटीओ लगाए जाएंगे। डीटीओ के पद पर आईएएस, आईपीएस से लेकर एचसीएस, एचपीएस या अन्य किसी भी विभाग का क्लास-1 अफसर हो सकता है। डीटीओ की नियुक्ति दो दिन में कर दी जाएगी। ये 22 अफसर चयन कर सरकार लगाएगी।
सरकार ने ये किए बदलाव, जिनसे बिचौलियों का दखल होगा खत्म
वाहनों की फिटनेस के लिए खुलेंगे केंद्र माल ढोने वाले वाहनों की फिटनेस की जांच के लिए रोहतक के बाद अम्बाला, करनाल, हिसार, गुड़गांव, फरीदाबाद एवं रेवाड़ी में वाहनों के इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन केंद्र खोले जाएंगे।
अब कंप्यूटरीकृत मशीनों के जरिए बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस: कैथल, झज्जर के बाद बहादुरगढ़, रोहतक, फरीदाबाद, नूंह, भिवानी, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत, पलवल और यमुनानगर में ओटोमेटिड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक लगाए जाएंगे। कंप्यूटरीकृत मशीनों के जरिए ड्राइविंग स्किल्स का टेस्ट होगा। केंद्र एक साल के अंदर-अंदर खोल दिए जाएंगे।
वॉट्सएप ग्रुप पर होगी कार्रवाई: आरटीए कार्यालयों की सूचना बताने वाले वॉट्सएप ग्रुप को लेकर भी कार्रवाई की जाएगी। इनमें विभागीय कर्मचारियों से लेकर ट्रांसपोर्टर तक शामिल होते हैं।
ई-रवाना सॉफ्टवेयर वाहन से जुड़ेगा: खनन वाहनों में ओवरलोडिंग की शिकायतें मिलती हैं। इसके लिए ई-रवाना सॉफ्टवेयर पहले ही तैयार है। अब इसको परिवहन विभाग के वाहन सॉफ्टवेयर के साथ जाेड़ा जाएगा।
पार्किंग और ट्रांसपोर्ट नगर आएंगे डीटीओ के अधीन: नगर निकायों के अधीन आने वाले शहरों के पार्किंग स्थल भी डीटीओ के अधीन किए जाएंगे। शहरों में ट्रांसपोर्ट नगर इसी विभाग के अधीन आएंगे। सड़क किनारे खड़े होने वालों पर यही विभाग कार्रवाई करेगा।
भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश
परिवर्तन का मुख्य मकसद भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। आरटीए के बाद किसी और विभाग का भी चयन करेंगे, जहां पर भ्रष्टाचार की अधिक संभावना है। उस पर भी अंकुश लगाया जाएगा।