सरकार बचाने की कोशिश:पाकिस्तान के गुजरांवाला में विपक्षी दलों की मेगा रैली आज; आंदोलन को कुचलने के लिए फौज और सरकार साथ आए पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब के गुजरांवाला शहर में विपक्षी दलों की संयुक्त रैली हो रही है
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लंदन से संबोधित करेंगेपाकिस्तान में फौज की मदद से सत्ता पाने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। आज यहां विपक्षी दलों का संगठन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएम) रैली करने जा रहा है। यह रैली देश के सबसे बड़े राज्य पंजाब के गुजरांवाला में हो रही है। विपक्ष के आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार और फौज साथ आ गए हैं। 400 से ज्यादा नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। यहां लोगों के जुटने पर रोक लगा दी गई है। सड़कों पर कंटेनर और बैरिकेड लगा दिए गए हैं।
गुजरांवाला में क्या हालात हैं
शुक्रवार सुबह से विपक्षी दलों के समर्थक और नेता जिन्ना स्टेडियम पहुंचने लगे हैं। रैली यहीं होनी है। इमरान सरकार में मंत्री शिबली फराज ने इस बारे में कहा- विपक्षी दलों को मैं चैलेंज करता हूं कि वे स्टेडियम को भरकर दिखाएं। यहां पांच से ज्यादा लोगों के जुटने पर पाबंदी है। लेकिन, सरकार के कई मंत्री पहले ये मान चुके हैं कि अगर भीड़ को रोका गया तो हालात बिगड़ सकते हैं और हिंसा हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह इमरान के साथ फौज के लिए भी दिक्कत होगी।
हर राज्य में आंदोलन
पंजाब के कई शहरों के बाद विपक्षी दल पीओके, सिंध, गिलगिट-बाल्टिस्तान और कराची में रैली करेंगे। इमरान सरकार और फौज की दिक्कत ये है कि तमाम विपक्षी दल एकजुट हैं। इसके अलावा पीडीएम का प्रमुख धार्मिक और सियानी नेता मौलाना फजल-उर-रहमान को बनाया गया है। उनके लाखों समर्थक हैं। लिहाजा, सरकार या फौज को कोई भी सख्त कदम उठाने से पहले दस बार सोचना होगा।
फौज की तैनाती के आदेश
रैली से दो दिन पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने पंजाब सरकार के सिक्योरिटी चीफ को लेटर लिखा। इसमें कहा- रैली के लिए सुरक्षा प्रबंध करना जरूरी है। इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाएं ताकि किसी प्रकार की हिंसा या भगदड़ न हो। माना जा रहा है कि गुजरांवाला के जिन्ना स्टेडियम में विपक्ष के कार्यकर्ता 20 अक्टूबर तक जमे रह सकते हैं।
सभी बड़े नेताओं का भाषण होगा
नवाज शरीफ इस रैली को लंदन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे। रैली में विपक्ष के वे तमाम बड़े नेता हिस्सा लेंगे जो इस वक्त जेल से बाहर हैं। मौलाना फजल-उर-रहमान के अलावा बिलावल भुट्टो जरदारी, मरियम नवाज, पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी और यूसुफ रजा गिलानी इसमें शामिल होंगे।