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शिक्षक ट्रांसफर विवाद:मलिकपुर गांव में हुई पंचायत ने माना राजनीति प्रेशर था, ट्रांसफर पक्ष बोला

शिक्षक ट्रांसफर विवाद:मलिकपुर गांव में हुई पंचायत ने माना राजनीति प्रेशर था, ट्रांसफर पक्ष बोला- कल कोई थारा एमएल मंत्री आजा, तुम्हें भी तो लिखकर देना पड़ेगा युवक बोला- हम लिखकर नहीं देंगे जो दबाव में होगा, वही लिखेगा
पंचायत के 2 फैसले- 12वीं तक हो स्कूल, उसकी जगह दूसरा टीचर भेजेंटीचर सतबीर गोयत के ट्रांसफर को लेकर दो दिन से चल रहे विवाद के बाद गुरुवार को गांव मलिकपुर के स्कूल में पंचायत हुई। पंचायत में गांव के दोनों पक्ष पहुंचे। एक घंटे चली पंचायत के बाद सर्वसम्मति से दो रेज्युलेशन डाले गए। पहला ये कि गांव के स्कूल को 12वीं तक अपग्रेड करवाने का प्रयास होगा, दूसरा फैसला ये हुआ कि टीचर सतबीर गोयत की जगह खाली हुई पोस्ट पर किसी अन्य शिक्षक को लाने का प्रयास किया जाए।

दोनों ही बातों पर गांव की सहमति हो गई। स्कूल में दोपहर साढ़े 12 बजे पंचायत शुरू हुई थी जिसमें हल्की नोकझोंक के बाद दोनों पक्षों ने भाईचारे से बैठकर निर्णय लिए। पंचायत में कहा गया कि टीचरों पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि बुरा हाल कर दिया लेकिन जिम्मेदारी तो गांव की भी है।

एक बुजुर्ग ने कहा कि गांव तो स्कूल का साझा है। अब प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का चलन हो गया है, नहीं पहले तो सभी सरकारी स्कूलों में ही पढ़े हैं। अब तो हमें पुरानी बातों को भूलकर भाईचारे से कोई नया शिक्षक लाने का प्रयास करना चाहिए। भविष्य में किसी मास्टर के ट्रांसफर आदि की बात होगी तो सभी को पूछा जाएगा। हमें अपना आपस का भाईचारा नहीं बिगाड़ना चाहिए, सभी को एक साथ ही रहना है। सरपंच के भाई बचाराम ने कहा कि गांव ने सर्वसम्मति से निर्णय ले लिए हैं।

पंचायत में माना गया कि ये राजनीतिक प्रेशर था

पंचायत में सरपंच द्वारा रेज्युलेशन डालने की भी बात चली। टीचर पक्ष के युवक ने कहा कि हमने सरपंच से पूछा था कि क्या आपने रेज्युलेशन डाला है तो सरपंच को जवाब था कि मैंने कोई रेज्युलेशन नहीं डाला। एक कागज पर लिखकर लाए थे तो मैंने मुहर लगा दी। इस बात का जबाव देते हुए बुजुर्ग ने कहा कि रेज्युलेशन के लिए सरपंच पर क्योड़क से बाहर से प्रेशर बनता रहा, यह बात सही है कि सरपंच ने एक महीने तक रेज्युलेशन नहीं डाला। एप्लीकेशन लेकर क्योड़क वाला चेयरमैन गांव में आया। पहले तो वो अकेला-अकेला फिरा, फिर वो सरपंच पर गया।

बुजुर्ग ने कहा कि मेरी गोयत के साथ बहुत अच्छी बोलचाल थी, इब चारों तरफ से प्रेशर आया। पंचायत में माना गया कि ये राजनीतिक प्रेशर था। पंचायत में मौजूद एक व्यक्ति ने कहा कि कल तुम्हारा कोई बंदा आजा, एमएलए मिनिस्टर तुम्हें भी तो लिखकर देना पड़ेगा। युवकों ने कहा कि हम नहीं लिखकर देंगे। जो दबाव में होगा, वो देगा। हमारा एमएलए ईश्वर है, हमारा ही है, जे वो गलत बात के लिए कहेगा तो घर से बाहर निकाल देंगे। जब सारे गांव का अच्छा करेगा तब हम साथ लगेंगे।

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