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विभागों की प्रशासकीय रिपोर्ट पर सरकार की नजर:विभागों की सालाना प्रगति का होगा विश्लेषण,

विभागों की प्रशासकीय रिपोर्ट पर सरकार की नजर:विभागों की सालाना प्रगति का होगा विश्लेषण, पहले सचिवों की समिति करेगी बिंदुवार मंथन, फिर मंत्री मुख्य सचिव विजय वर्धन की अध्यक्षता वाली समिति सचिवों की पहले प्रशासकीय रिपोर्ट का पूरा विश्लेषण करेगी
रिपोर्ट ससंदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर की अध्यक्षता वाली स्थाई परिषद समिति को सौंपी जाएगीसरकारी विभागों की सालाना पेश की जाने वाली प्रशासकीय रिपोर्ट का अब गहन अध्ययन होगा। क्योंकि अब यह रिपोर्ट दो कमेटियों की आंखों के सामने से गुजरेगी। इसलिए एक-एक बिंदु का विश्लेषण किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए एक स्थाई परिषद समिति व दूसरी सचिवों की समिति का गठन किया है। मुख्य सचिव विजय वर्धन की अध्यक्षता वाली समिति सचिवों की पहले प्रशासकीय रिपोर्ट का पूरा विश्लेषण करेगी।

इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट ससंदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर की अध्यक्षता वाली स्थाई परिषद समिति को सौंपेंगी। इस परिषद को जांच कर निर्णय लेने का अधिकार है। परिषद समिति में संसदीय कार्य मंत्री के अलावा खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह और पुरातत्व एवं संग्राहलय विभाग के मंत्री अनूप धानक को सदस्य बनाया गया है। जबकि इसके सदस्य सचिव संबंधित विभाग के प्रशासनिक सचिव होंगे।

सचिवों की समिति में फाइनेंशिएल कमिश्नर रेवन्यु संजीव कौशिल और एसीएस फाइनेंस एंड प्लानिंग डिपार्टमेंट टीवीएसएन प्रसाद सदस्य होंगे। विभागों की प्रशासकीय रिपोर्ट में एक-एक पैसे का संबंधित विभाग का पूरा हिसाब होता है। अब तक विभागों की इन रिपोर्टों को कभी गंभीरता से लिया ही नहीं गया। ज्यादा पेज की यह रिपोर्ट होने पर मंत्री पढ़ते भी नहीं थे। अब परिषद और समिति बनाने से इन रिपोर्ट का गहन अध्ययन होने से विभागीय अधिकारियों को भी अपने वार्षिक कार्य पूरे करने होंगे। क्योंकि ऐसा न होने पर उनसे जवाब भी मांगा जाएगा।

इसलिए बनानी पड़ी परिषद और समिति

सरकारी विभागों की हर साल प्रशासकीय रिपोर्ट बनाई जाती है। यह रिपोर्ट कैबिनेट में पेश होती है। लेकिन सामने आया कि इस रिपोर्ट पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यहां तक कि कोई पढ़ भी नहीं रहा। ऐसे में सरकार के सामने यह पूरी तरह नहीं आ रहा था कि विभाग क्या कर रहें हैं। इसलिए यह परिषद और समिति का गठन किया गया है। सरकारी विभागों की ओर से हर साल प्रशासकीय रिपोर्ट तैयार की जाती है। जिसमें संबंधित विभाग का पूरे साल का लेखा-जोखा होता है। इसी रिपोर्ट से विभाग की कार्यप्रणाली की प्रगति का पता चलता है। विभाग ने क्या नए काम किए, पुराने कौनसे काम पूरे किए। कितना पैसा, कहां से आया, कहां खर्च किया गया।

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