बिजली निगम की स्मार्ट मीटर योजना की धीमी चाल, चीन के मीटर में फंसी स्मार्ट मीटर योजना, धीमी गति पर एचईआरसी ने काम में तेजी के दिए आदेश 10 लाख स्मार्ट मीटर में अभी 2 लाख मीटर, 2018 में निगमों का ईईएसएल कंपनी के साथ हुआ था करारप्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर योजना अब चीन के फेर में फंस गई है। प्रदेश में मीटरों का स्टाॅक कम होने की वजह से ईईएसएल कंपनी का कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने इंडोनेशिया से स्मार्ट मीटर के लिए टेंडर किए। परंतु उनमें 30 प्रतिशत चाइनीज होने से काम आगे नहीं बढ़ा। हालांकि अधिकारियों का तर्क है कि कंपनी ने इंडोनेशियो से मीटर के लिए टेंडर निकाला था, लेकिन वह हुआ नहीं।
प्रदेश में जीनस कंपनी के ही मीटर लगाए जा रहें हैं। मीटर लगाने की गति कम होने पर हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलटरी कमीशन की ओर से संज्ञान लिए जाने के बाद बिजली निगम के अधिकरियों ने अगले साल जून तक मीटर लगाने का माह वार लक्ष्य सामने रखा था। लेकिन लक्ष्य के अनुसार करीब 50 फीसदी मीटर अभी कम लगे हैं। बताया गया था कि सितंबर तक 1,04,933 स्मार्ट मीटर घरों में लगा दिए जाएंगे। लेकिन सितंबर तक 55217 मीटर ही और लग पाए हैं। इसकी बड़ी वजह मीटर ही न मिलना बताया गया। अब तक करीब 2 लाख मीटर ही लगे हैं। निगम के सीटीओ संदीप कपूर ने दावा किया है कि कंपनी ने इंडोनेशिया से मीटर का टेंडर किया था। परंतु पूरा नहीं हुआ।
कमीशन को निगम ने नहीं दी पूरी जानकारी
कमीशन में 6 अक्टूबर को लेकर सुनवाई थी। जिसमें बिजली निगम के अधिकारियों ने पूरी जानकारी ही नहीं दी। इस पर कमीशन ने अधिकरियों से कहा है कि वे मामले की पूरी जानकारी के साथ दोबारा शपथ दें। साथ ही ईएसएसएल कंपनी का रिवाइज्ड टारगेट दिया जाएगा। अब इस मामले में 26 नवंबर को दोबारा सुनवाई होगी।
यह है प्रोजेक्ट
प्रदेश में करीब दस लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। इसमें सितंबर तक 2 लाख 131 स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। मीटर लगाए जाने में देरी होने एचईआरसी ने स्वत: संज्ञान लिया था। बिजली निगम का ईईएसएल कंपनी के साथ हुए करार के अनुसार 31 मार्च, 2021 तक दस लाख मीटर लगाने का लक्ष्य था। परंतु कोविड-19 की वजह से यह समय बढ़ाकर 30 जून, 2021 तक किया गया। परंतु अभी तक गति नहीं पकड़ पाया है। निगमों का ईईएसएल के साथ 11 जुलाई, 2018 को एमओयू हुआ था।
स्मार्ट मीटर का फायदा
प्री-पेड होने की वजह से खर्च के बारे में भी जानकारी रहेगी। वह अपने हिसाब से रिचार्ज कर सकेगा। साथ ही निगमों का लाइन लॉस भी घटेगा। प्रदेश में दस लाख स्मार्ट मीटर का 1600 करोड़ रुपए रुपए प्रोजेक्ट है। इनमें 780 करोड़ रुपए केंद्र और820 करोड़ रुपए राज्य सरकार खर्च करेगी। दस लाख मीटर के अलावा सरकार की बीस लाख और मीटर लगाने की योजना है।
कंपनी की प्रोग्रेस कमजोर
ईईएसएल कंपनी की प्रोग्रेस कमजोर है। इसलिए बिजली निगम के सीनियर अधिकरियों को कंपनी के एमडी से बातचीत करनी चाहिए। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को प्री-पेड मीटर की जानकारी भी दी जाए।