बरोदा उपचुनाव:भाजपा-कांग्रेस के दो-दो नाम फाइनल, अपनों को छोड़ बाहरी नेताओं को दे सकते हैं टिकट आज तीनों पार्टी करेंगी अपने उम्मीदवारों का एलान
जातीय समीकरण साधने के लिए एक-दूसरे के एलान का इंतजारबरोदा उपचुनाव के लिए नामांकन करने के दो दिन ही शेष हैं। टिकट को लेकर दावेदारों की लड़ाई अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। अभी तक प्रत्याशियों की तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं हुई है, लेकिन गुरूवार 15 अक्टूबर को तीनों बड़ी पार्टियों अपने-अपने उम्मीदवारों का एलान कर देंगी। लेकिन इससे पहले कई बड़े उल्ट फेर देखने को मिल सकते हैं।
क्योंकि तीनो ही पार्टियां अपनों की बजाए दूसरे दलों के नेताओं पर ज्यादा विश्वास दिखा रही हैं। ऐसे में टिकट की स्थिति के अनुसार कुछ नेता इन दो दिनों में अचानक दल बदल सकते हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा और कांग्रेस ने अपने दो-दो नाम फाइनल कर लिए हैं लेकिन दोनों पार्टियां एक दूसरे का इंतजार कर रही हैं।
जिससे देख सकें कि सामने वाली पार्टी ने किस जाति का उम्मीदवार उतारा है और उसी के अनुसार वो अपने जातीय समीकरण साध सकें। इस उपचुनाव में सभी पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ऐसे में इनकी तरफ से चुनाव में पूरा जोर लगाया जाएगा इसलिए मैदान में प्रत्याशी जाने-माने और पुराने चेहरे ही होंगे लेकिन उनका झंडा दूसरा हो सकता है।
कांग्रेस: गुटबाजी में फंसा टिकट का खेल
क्यों जातीय समीकरण जरूरी
बरोदा हलका जाट बहुल क्षेत्र है। हलके में करीब 178250 मतदाता हैं। करीब 94 हजार जाट मतदाता हैं। वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गैर जाट कार्ड खेलते हुए पहलवान योगेश्वर दत्त को चुनाव मैदान में उतारा था। बड़ा चेहरा होने और मुकाबला त्रिकोणीय हाेने से कांग्रेस जीत गई।
भाजपा: जाट-नॉन जाट में उलझी पार्टी
भाजपा ने पहले रोहतक फिर दिल्ली में की चर्चा
भाजपा ने बुधवार रात दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की। इससे पहले दिन में रोहतक सर्किट हाउस में वरिष्ठ नेताओं की मीटिंग हुई। इसमें जजपा से केसी बांगड़ा व भूपेंद्र मलिक और भाजपा की ओर से महेंद्र मलिक और रणधीर लठवाल को लेकर बनाए गए पैनल के नामाें पर चर्चा हुई।