शिक्षक ट्रांसफर विवाद में घिरे विधायक लीलाराम:मुर्दाबाद के नारे लगाने पर शिक्षक नेता के ट्रांसफर का आरोप, विधायक लीला बाेले- आराेप बेबुनियाद, ट्रांसफर के चक्कर में जा रही राजनीति सतबीर गोयत पर विधायक लीलाराम के खिलाफ नारेबाजी करने का आरोप
विधायक के करीबियों ने पंचायत से रेजुलेशन डलवाकर शिक्षक का ट्रांसफर करवा दियासीएमओ सस्पेंशन मामले के साथ ही विधायक लीलाराम के साथ नया विवाद जुड़ गया है। अब राजनीतिक द्वेष में सरकारी स्कूल गांव मलिकपुर के मौलिक मुख्याध्यापक सतबीर गोयत की ट्रांसफर करवाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि पीटीआई के समर्थन में सतबीर गोयत ने यूनियन के साथ मिलकर विधायक लीलाराम के खिलाफ नारेबाजी की थी।
नारे लगाना विधायक के करीबियों को इतना बुरा लगा कि उन्होंने पंचायत से रेजुलेशन डलवाकर समय से पहले ट्रांसफर करवा दी। शिक्षक की ट्रांसफर के विरोध में मंगलवार को मलिकपुर के ग्रामीणों ने सरकारी स्कूल पर ताला जड़ दिया। दूसरे तरफ कर्मचारी संगठनों ने प्रदर्शन व नारेबाजी के बाद पिहोवा चौक पर विधायक और शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर के पुतले फूंके। विधायक कह रहे हैं कि मुझे मुद्दे का नहीं पता, जबकि इस मामले में दो बार शिष्टमंडल विधायक से मिल चुका है।
बच्चों की भलाई की
मैंने मलिकपुर के बच्चों के लिए हमेशा भलाई का कार्य किया। स्कूल को 12वीं तक अपग्रेड करवाने का प्रयास कर रहा था, लेकिन राजनीतिक रंजिश में ट्रांसफर करवाई है। -सतबीर गोयत, शिक्षक।
मुझे मामला पता नहीं
मुझे शिक्षक के ट्रांसफर वाले मैटर का ही नहीं पता है। मेरे को मलिकपुर के किसी आदमी ने ट्रांसफर के लिए भी नहीं बोला। अब ट्रांसफर के चक्कर में राजनीति की जा रही है। -लीलाराम गुर्जर, विधायक कैथल।
सीएमओ सस्पेंशन: विज से मिला प्रतिनिधमंडल
विधायक लीलाराम गुर्जर की शिकायत पर बिना जांच सिविल सर्जन को सस्पेंड करने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज नरम पड़ गए हैं। मंगलवार को हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसिज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल की चंडीगढ़ में अनिल विज के साथ मीटिंग हुई। मंत्री ने एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि सिविल सर्जन को जल्द ही बहाल कर दिया जाएगा।
मंत्री के आश्वासन के बाद एसोसिएशन ने बुधवार को प्रदेशभर के डॉक्टरों द्वारा काले बिल्ले लगाकर रोष जताने के आह्वान को वापस ले लिया है। एचसीएमएसए के राज्य प्रधान डॉ. जसबीर सिंह पंवार ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल की चंडीगढ़ में मंत्री के कार्यालय में मीटिंग हुई थी। सभी बातें सुनने के बाद मंत्री को लगा कि इस मामले में सीएमओ की ज्यादा गलती नहीं है।