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पराली जलाने के मामले बढ़े:हवा में 76 फीसद नमी के कारण शहर में छायी स्माॅग की चादर,

पराली जलाने के मामले बढ़े:हवा में 76 फीसद नमी के कारण शहर में छायी स्माॅग की चादर, आंखों में जलन और सांस के राेगियों काे दिक्कत {एयर क्वालिटी इंडेक्स पर हिसार की हवा कमजोर : दाे दिन से लगातार बढ़ रहा पीएम 2.5 का लेवल
दिन में पीएम 2.5 का स्तर रहा 427 तो शाम को 130 पर पहुंचापड़ाेसी राज्याें व आसपास के जिलाें में पराली जलाने के मामले बढ़ने से शहर की आबाेहवा खराब हाे रही है। जहरीला धुआं वातावरण में नमी के कारण आसमान में छाया रहा। हवा में नमी की मात्रा 76 फीसद रही। सुबह के वक्त आसमान में स्माॅग यानी धुआं-सा दिखता रहा। इसके कारण आंखाें में जलन की समस्या रही। श्वास के राेगियाें की परेशानी भी जहरीले धुएं से बढ़ गई उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई।

एयर क्वालिटी इंडेक्स पर हिसार की हवा पुअर रही। दिन में पीएम 2.5 ताे 427 तक पहुंच गया। हालांकि शाम काे यह 130 पर आ गया। इसी तरह पीएम 10 भी 441 तक जा पहुंचा। दिन में स्थिति और भी ज्यादा खराब हाे गई। कुछ पाॅल्यूशन फसल अवशेष जलाने से ताे कुछ वाहनाें के धुएं ने शहरवासियाें के आंखाें में खूब जलन की।पाॅल्यूशन की वजह से और कुछ सर्दी के कारण इन दिनाें मरीजाें की संख्या बढ़नी शुरू हाे जाती है। ऐसे माैसम में श्वास के राेगियाें काे ज्यादा दिक्कत हाेने लगती है। पाॅल्यूशन के कई तरह के साइड इफैक्ट्स हाेते हैं जिनमें श्वास की समस्या, आंखाें में जलन, चमड़ी के राेग, जुकाम, नजला व अलर्जी की समस्या हाेती है। एहतियात के ताैर पर चेहरे पर मास्क रखें ।-डाॅ. अजीत लाठर, फिजिशियन, सिविल अस्पताल।

क्या है पीएम 10 और पीएम 2.5

  1. पहले पीएम काे समझिए: पीएम को पार्टिकुलेट मेटर कहा जाता है। यह वातावरण में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण है। 2. पीएम 10 : इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास होता है। इसमें धूल, गर्दा और धातु के सूक्ष्म कण शामिल होते हैं। 3. पीएम 2.5 : इन कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। पीएम 2.5 का स्तर ज्यादा होने पर ही धुंध बढ़ती है।

रेडक्रॉस भवन परिसर में ही जलाया जा रहा कचरा

जहां खेतों में पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, वहीं रेडक्रॉस भवन में कचरा में आग लगाने पर जिम्मेदाराें का ध्यान क्यों नहीं। हिसार के रेडक्रॉस भवन परिसर में कचरे के ढेर में लगाई गई आग से उठता धुआं।

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