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काेराेना संकट के बीच जहरीली हुई हवा:हरियाणा के मुकाबले पंजाब में चार गुना ज्यादा जली पराली

काेराेना संकट के बीच जहरीली हुई हवा:हरियाणा के मुकाबले पंजाब में चार गुना ज्यादा जली पराली, देश में सबसे प्रदूषित हुआ पानीपत, एक्यूआई 357 पर पहुंचा प्रदेश के 11 जिलों में 80 जगह और पंजाब के 16 जिलों में 319 जगह पराली जलाई गई
दिल्ली में पीएम10 का स्तर 265 व पीएम 2.5 का स्तर 129 परहरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बहुत खराब स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली में मंगलवार काे पीएम10 का स्तर 265 व पीएम 2.5 का स्तर 129 पर दर्ज किया गया। पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा सबसे अधिक रही। वहीं, पानीपत में एक्यूआई देश में सबसे ज्यादा दर्ज किया गया। यहां शाम 8:05 बजे एक्यूआई 357 पर पहुंच गया। प्रदूषण बढ़ने की वजह हरियाणा व पंजाब में पराली जलाया जाना बताया जा रहा है।

पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (पीआरएससी), लुधियाना डिवीजन के प्रमुख एसीएम अनिल सूद ने बताया कि पिछले साल 21 सितंबर से 12 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने की 755 घटनाएं दर्ज की गई थीं। 2018 में यह आंकड़ा 510 का था, जो इस साल बढ़कर 2,873 हो गया। यानी पिछले साल से चार गुना ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं।

वहीं, हरियाणा में 25 सितंबर से अब तक 1336 जगह पराली जलाई गई है। यानी पंजाब के मुकाबले करीब आधी पराली जली। मंगलवार को हरियाणा के 11 जिलों में 80 जगह व पंजाब के 16 जिलों में 319 जगह पराली जली। यानी पंजाब में हरियाणा के मुकाबले चार गुना ज्यादा पराली जली।एक्यूआई का पैमाना

अच्छा (0-50): सबसे कम प्रभाव
संतोषजनक (50-100): जिन लोगों को पहले से बीमारी है, उन्हें सांस लेने में थोड़ी दिक्कत होती है।
मॉडरेट (100-200): जिन लोगों को पहले से बीमारी है, सांस लेने में अधिक दिक्कत।
खराब (200-300): ज्यादा देर प्रदूषित हवा में सांस लेने से दिक्कत।
बहुत खराब (300-400): ज्यादा देर हवा में रहने से सांस संबंधी बीमारी।
सिवियर (400-500): स्वस्थ लोगों पर भी प्रभाव। बीमार की हालत अधिक खराब हो जाती है।
पराली से कम्पाेस्ट खाद बनाने की याेजना लाॅन्च

प्रदूषण को कम करने की मुहिम में दिल्ली के सीएम ने हिरनकी गांव में जाकर पराली काे खाद में बदलने वाले घोल का खेताें में छिड़काव किया। पराली को कम्पाेस्ट खाद में बदलने की याेजना में दिल्ली सरकार अपने खर्च पर बायो-डीकम्पोजर घोल का छिड़काव कराएगी। उधर, माैसम विभाग ने कहा कि पंजाब, हरियाणा अाैर अासपास के खेताें में पराली जलाने, उद्याेगाें का धुअां अाैर िनर्माण सेक्टर से धूलकणाें के हवा में मिलने से प्रदूषण बढ़ा है।

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