कामयाबी:ऑक्सीजन की कमी से सांसें फूल रहीं थीं, पत्थरों से घुटने छिल गए, 12 साल की अनु ने नहीं मानी हार, फ्रेंडशिप पीक पर पहुंचने वाली यंगेस्ट माउंटेनियर बनी माउंटेनियर रोहताश खिलेरी के साथ हिमाचल के 5242 मीटर ऊंचे फ्रेंडशिप पर्वत की समिट की चढ़ाई को किया पूराविद्युत नगर वासी 12 साल की अनु यादव ने हिमाचल के मनाली स्थित 5242 मीटर ऊंचे फ्रेंडशिप पर्वत पर तिरंगा फहराया कर मिसाल पेश की है। इस समिट को पूरा कर अनु ने सबसे कम उम्र में इस चोटी पर पहुंचकर तिरंगा फहराने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। अनु ने बताया कि जैसे-जैसे कदम आगे बढ़ रहे थे और हम ऊंचाई की तरफ पहुंच रहे थे तो ऑक्सीजन की कमी के कारण सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगी थी। वहीं इतनी ऊंचाई में दूसरी सबसे बड़ी दिक्कत खाने को लेकर थी, हर बार बर्फ को पिघलाकर पहले पानी बनाते और फिर उसमें मैगी उबाल कर खाते थे।
इस उबली हुई मैगी को खाकर हर बार घर के खाने की याद आ जाती थी। पर्वत के नुकीले पत्थरों को पार करते-करते घुटने छिल चुके थे मगर जेहन में केवल पीक का टारगेट दिखाई दे रहा था। वहीं कुछ अलग करने की चाहत कदमों को मजबूती देती दिखाई दे रही थी। इस समिट में माउंटेनियर रोहताश खिलेरी की गाइडेंस और पिता ओमबीर यादव का अहम रोल रहा।
2018 में रोहताश के एवरेस्ट समिट के बाद मिली प्रेरणा
फ्रेंडशिप की चोटी को फतेह करने का सपना अनु की आंखों में सन् 2018 से पल रहा था। उस समय रोहताश खिलेरी और शिवांगी पाठक ने माउंट एवरेस्ट फतेह किया था। अनु बताती है कि उन दिनों जगह-जगह दोनों माउंटेनियर के लिए स्वागत समारोह आयोजित किए जा रहे थे। जब भी किसी अखबार में इन दोनों की सक्सेस स्टोरी पढ़ती तो मन में खुद भी किसी ऊंची चोटी पर ही देखती थी। बस तभी खुद को उन ऊंचाइयों तक पहुंचाने की ठान ली थी।
रोज 4 घंटे की प्रैक्टिस की, छोड़ा सोशल मीडिया और फास्ट फूड
अनु ने बताया कि लक्ष्य के लिए रोज करीब 4 घंटे की कड़ी प्रैक्टिस की। खुुद को फिट और फाइन रखने के लिए फास्ट-फूड छोड़ दिया। वहीं रोहताश खिलेरी भी उसे समय-समय पर वर्कआउट से जुड़े वीडियो भेजते रहते थे। वहीं मां सुलोचना यादव पहले रस्साकशी के खेल से जुड़ी थी। जिसकी वजह से उन्होंने भी एक मोटिवेशनल गुरु की भूमिका निभाई। इन्हीं प्रयासों के कारण अनु 9 अक्टूबर को 11 बजकर 25 मिनट पर फ्रेंडशिप पर्वत की चोटी पर तिरंगा फहराने में कामयाब रही।