अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई:रात को बोड़ा खेड़ी टांगरी में पहुंचीं एसडीएम, बोलीं-पंजाब और हरियाणा के अफसरों की साझा पेट्रोलिंग कराई जाएगी हरियाणा और पंजाब के बाॅर्डर का फायदा उठा टांगरी में अवैध खनन करता है माफिया, पुलिस को नाका लगाने के निर्देशअवैध खनन की शिकायत मिलने पर एसडीएम डॉ. वैशाली शर्मा शनिवार रात काे गांव बोड़ा खेड़ा टांगरी नदी में पहुंच गईं। हालांकि इस दौरान कोई खनन होता नहीं मिला। एसडीएम ने बताया कि अवैध खनन को रोकने के लिए पुलिस को नाका लगाने के निर्देश दिए हैं। डीएसपी अम्बाला सिटी और खनन अधिकारियों के साथ जल्द बैठक करके इस बारे में रणनीति बनाई जाएगी।
इसके अलावा पंजाब के संबंधित अधिकारियों से भी संपर्क करके जॉइंट पेट्रोलिंग करवाई जाएगी, ताकि अवैध खनन करने वालों पर पूर्ण रूप से अंकुश लग सके। उन्होंने कहा कि खनन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे नियमित रूप से चेकिंग करें और जो कोई खनन कार्य में संलिप्त मिले उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
उल्लेखनीय है कि यहां टांगरी नदी में बड़े पैमाने पर अवैध खनन होने की शिकायत है। क्योंकि यहां जटवाड़, बोड़ा खेड़ा (बुढा खेड़ा) हरियाणा के तो सिंहपुर पंजाब के गांव है। दो राज्यों की सीमा का फायदा माफिया उठाता है। यदि हरियाणा में सख्ती होती दिखती है तो पंजाब के रकबे से निकलने लगते हैं और पंजाब में सख्ती होने पर हरियाणा का रास्ता लेते हैं। यहां पंजाब का हंडेसरा तो हरियाणा का पंजोखरा थाने की सीमा पड़ती है। आरोप है कि खनन विभाग और पुलिस सही कार्रवाई नहीं करते, जिसकी वजह से टांगरी का बंध भी कमजोर हो गया है। यहां कई जगह बंध के बीच में से ही ट्रैक्टर-ट्रॉली व ट्रक निकालने के रास्ते बना लिए गए हैं।
मैं प्रशासन को दिखा सकता हूं जहां अवैध खनन हो रहा, बंध कमजोर हो चुका है
यदि प्रशासन अवैध खनन रोकने को गंभीर है तो मैं वो जगह दिखा सकता हूं जहां रात के अंधेरे में खनन होता है। कई जगह से टांगरी बंध टूटने वाला है। 1976 में भी पंजाब के गांव नगला के पास से बंध टूटने से सदर बाजार तक बाढ़ का पानी पहुंच गया था। जिस जगह पर अवैध खनन हो रहा है, वहां की लोकेशन ऐसी है जो आसानी से सड़क पर से नहीं दिखती।
उसके लिए काफी अंदर जाना पड़ता है। पिछले दिनों पंजाब माइनिंग विभाग के अधिकारी ने निरीक्षण किया था और वहां की फोटोग्राफी भी करवाई थी। यह जगह जटवाड़, बुढाखेड़ा व सिंहपुर के संयुक्त पॉइंट के पास है। हमारे पास इसकी वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी है। रायवाली से पहले शामड़ू-बुढाखेड़ा गांव के बीच में भी माइनिंग माफिया ने टांगरी में रास्ता बना रखा है।