बड़ा झूठ बेनकाब:एनजीटी में ईओ ने कहा- सेक्टर 18 से शराब ठेका हटा दिया, सच्चाई: शिकायत के वक्त छोटा था, अब और बड़ा हुआ ठेका प्लॉट आवंटन में धांधली के लिए बदनाम हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) का एक और बड़ा झूठ सामने आया है। एचएसवीपी के संपदा अधिकारी (ईओ) विकास ढांडा ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को लिखकर दिया है कि सेक्टर-18 की रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) की शिकायत के मुताबिक शराब का ठेका हटा दिया गया।
लेकिन सच्चाई है कि शिकायत के समय जो शराब ठेका छोटा था, अब उसे और बड़ा कर दिया गया है। इस पर एचएसवीपी के ईओ विकास ढांडा सफाई दे रहे हैं कि ग्रीन बेल्ट में शराब ठेका नहीं है। यह ठेका तो काॅमर्शियल जमीन पर बना है। इस पर भी आरडब्ल्यूए के प्रधान सूरजभान राठी ने सवाल खड़ा कर दिया। राठी ने कहा कि एचएसवीपी ने जमीन अभी बेची नहीं है। आरोप लगाया कि पैसे लेकर एचएसवीपी के अफसर अवैध रूप से शराब ठेका चलवा रहे हैं।
ईओ का कुतर्क जानिए: काेरोना के कारण अतिक्रमण नहीं हटा सके
एचएसवीपी की बिल्डिंग में ही डीटीपी बैठते हैं। वही डीटीपी, जो ताबड़तोड़ अवैध फैक्ट्रियां गिरा रहे हैं। दूसरी ओर उसी बिल्डिंग में एचएसवीपी के ईओ रहते हैं। जिन्होंने एनजीटी में कुतर्क दिया है कि कोरोना के कारण ग्रीन बेल्ट से अतिक्रमण नहीं हटा सके। ईओ ने एनजीटी में 6 अक्टूबर को स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है। लिखकर दिया है कि हाउस नंबर 1234 के सामने से गार्ड रूम हटा दिए। प्लॉट नंबर 2708-2709 के सामने का अतिक्रमण आंशिक रूप से हटाया है। पुलिस की मदद से जल्दी ही पूरा अतिक्रमण हटाएंगे। एनजीटी से कुछ दिनों की मोहलत मांगी है।
दो ग्रीन बेल्ट व एक रोड किनारे पर हैं ठेके
आरडब्ल्यूए प्रधान सूरजभान राठी ने कहा कि एक ठेका सीआईए-2 के सामने भी ग्रीन बेल्ट में है। दूसरा- अंसल की ओर ग्रीन बेल्ट में ही है। वहीं तीसरा एचएसवीपी बिल्डिंग के सामने सेक्टर के रोड किनारे है। शिकायत के बाद यह जो तीसरा ठेका है, इसे ग्रीन बेल्ट से 10 कदम दूर सड़क किनारे रख दिया।
प्रधान बोले: टेक्निकल बातों में उलझा रहे ईओ, क्या एचएसवीपी वैसे ही काॅमर्शियल जमीन यूज करने देता है
राठी ने कहा कि ईओ टेक्निकल बातों में केस को उलझा रहे हैं। जोकि पूरी तरह से झूठ है, क्योंकि एचएसवीपी अपनी कॉमर्शियल जमीन यूं ही किसी को यूज करने को देता है क्या? इतना ही नहीं क्या एचएसवीपी ने शराब ठेके वाली जमीन बेच दी है क्या? प्रधान ने कहा कि अगली सुनवाई एनजीटी के सामने ईओ के झूठ को रखेंगे।