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बाजरा खरीद की कछुआ चाल:7 दिन में 14 केंद्रों पर 1400 किसानों का बाजरा ही खरीदा है एजेंसी ने

बाजरा खरीद की कछुआ चाल:7 दिन में 14 केंद्रों पर 1400 किसानों का बाजरा ही खरीदा है एजेंसी ने, यूं तो 9 माह में भी पूरी नहीं होगी सरकारी खरीद 1 अक्टूबर से शुरू हुई खरीद प्रक्रिया 15 नवंबर तक चलेगी
47 हजार किसानों ने करवा रखा है अपनी फसल का पंजीकरणजिले की अनाज मंडियों व कच्चे खरीद केंद्रों पर बाजरा की सरकारी खरीद प्रक्रिया धीमी चल रही हैं। अगर इसी कछुआ चाल से खरीद प्रक्रिया चलती रही तो एजेंसियां 15 नवंबर की बजाए जनवरी 2021 तक भी पंजीकृत किसानों के बाजरा की खरीद नहीं कर पाएगी। आठ दिन में एजेंसी जिले के 14 खरीद केंद्रों लगभग 1400 किसानों के लगभग 5383 मीट्रिक टन बाजरा की ही खरीद कर पाई है, जबकि जिले में लगभग 47 हजार किसानों ने बाजरा के लिए पंजीकरण करवाया हुआ है।

जिले में एक अक्टूबर से समर्थन मूल्य पर बाजार की खरीद शुरू हुई थी। खरीद एजेंसी 14 में से पांच केंद्रों पर तो पहले दिन बाजरा की खरीद ही शुरू नहीं कर पाई थी। जिन 9 अनाज मंडियों में खरीद शुरू की गई थी उन पर भी चार दिन तक केवल 10 से 30 किसानों को ही शेड्यूल के अनुसार मंडियों में बाजरा लेकर बुलाया गया। हालांकि पिछले दो दिन से मंडियों में खरीद प्रक्रिया में तेजी आई है और 60 से 70 किसानों को बुलाया जा रहा हैं। इसके बावजूद भी मंडियों में बाजरा की खरीद प्रक्रिया धीमी है।

ये हैं बाजरे की धीमी खरीद की वजह

ई-पोर्टल में तकनीकी खामी बनी हुई है।
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल साइट बंद से किसानों को टोकन जारी होने में दिक्कतें आ रही हैं।
मार्केट कमेटी अधिकारियों का आशंका है कि अगर 100 या इससे अधिक किसानों को एक दिन में एक मंडी में फसल लेकर बुला लिया जाए और पोर्टल में खामी के कारण किसानों को टोकन जारी नहीं हो पाए तो मंडी में किसानों की भीड़ जमा हो सकती है। इसलिए प्रतिदिन 30 से 70 किसानों का ही शेड्यूल जारी किया जा रहा है।
इन केंद्रों पर हो चुकी 5383 मीट्रिक टन खरीद
जिला की मंडियों में अभी तक 5383 मीट्रिक टन बाजरा की 2150 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर बाजरा की खरीद हो चुकी है। जुई में 736 मीट्रिक टन, लोहारू में 706, ढिगावा में 174, बहल में 844, सिवानी में 882, भिवानी में 686, तोशाम में 663, व बवानी खेड़ा में 166 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद हुई है। इसके अलावा ओबरा में 120, बुद्धशैली में 149, मिट्‌ठी में 203, और बड़वा में 54 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा गया है। वहीं सिवानी में 58 मीट्रिक टन, लोहारू में 3, तोशाम में 17 तथा भिवानी मंडी में 2 मीट्रिक टन मूंग खरीदा जा चुका है।

इस तरह धीमी गति से चल रही खरीद की प्रक्रिया

  1. भिवानी व बवानीखेड़ा के 12 हजार किसानों ने बाजरा बिक्री के लिए पंजीकरण करवाया हुआ है लेकिन पिछले छह दिन में केवल 450 किसानों के ही लगभग 10 हजार क्विंटल बाजरा की खरीद की गई है। अगर इसी गति से भिवानी अनाज मंडी में खरीद प्रकिया चलती रही तो जनवरी माह तक भी एजेंसी खरीद प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाएगी, जबकि बाजरा की सरकारी खरीद 15 नवंबर तक की जानी है।
  2. जुई में 7818 किसानों ने बाजरा के लिए पंजीकरण करवाया हैं जबकि अभी तक केवल 278 किसानों का 7500 क्विंटल बाजरा ही खरीदा गया है। अगर इसी कछुआ चाल से बाजरा की खरीद की गई तो खरीद प्रक्रिया पूरी होने में छह महीने से भी ज्यादा का समय लगेगा।
  3. लोहारू व ढिगावा क्षेत्र के 7961 किसानों ने बाजरा के लिए पंजीकरण करवाया हुआ है। जबकि पिछले छह दिन में 340 किसानों के 8457 क्विंटल बाजरा की ही खरीद हुई है।
  4. बहल क्षेत्र में पिछले 8 दिन में 400 पंजीकृत किसानों के 9000 क्विंटल बाजरा की ही खरीद हुई, जबकि क्षेत्र के सात हजार किसानों ने बाजरा खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है। अगर बहल मंडी में इस चाल से बाजरा खरीद चलती रही तो एजेंसी दस महीने में भी पंजीकृत सात हजार किसानों के बाजरे की खरीद पूरी नहीं कर पाएंगी।

इस तरह लाई जा सकती है खरीद में तेजी
अगर इसी कछुआ चाल से जिले की मंडियों व खरीद केंद्रों पर बाजरा की खरीद चलती रही तो कुछ मंडियों में छह महीने में खरीद प्रक्रिया पूरी नहीं होगी। इसलिए मार्केट कमेटी व खरीद एजेंसियों को चाहिए कि वे प्रक्रिया में तेजी लाते हुए प्रतिदिन प्रत्येक खरीद केंद्र पर लगभग 400 से 500 किसानों का बाजरा खरीदे। इसके अलावा मार्केट गेहूं व सरसों की तर्ज पर बाजरा की खरीद प्रति दिन दो से तीन गांवों के किसानों की एक दिन में एक मंडी में खरीद करे।

खरीद सुचारू, पोर्टल में गड़बड़ी आने से टोकन जारी होने में होती है परेशानी
खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक ने अनिल कालड़ा ने बताया कि जिला में बाजरा व मूंग की खरीद के लिए भिवानी मुख्यालय स्थित मंडी के अलावा 14 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। खरीद केंद्रों पर सुचारू रूप से खरीद चल रही है। धीमी प्रक्रिया पर कहा कि पोर्टल में दिक्कत आने से टोकन जारी होने में समस्या बन जाती है।

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