पिछले 30 दिन का विश्लेषण:पहले 15 दिन में हर घंटे में 6 से ज्यादा पाॅजिटिव केस मिल रहे थे, अब 2 से भी कम संक्रमित आ रहे, लेकिन ठीक हाेने वाले में दाेगुना अंतर कोरोना के 2966 केस मिले, 36 लाेगाें ने जान गंवाई ताे वहीं 3855 स्वस्थ हुए
सीएमओ डाॅ. संतलाल वर्मा ने कहा- जिले में केसाें की संख्या कम हाे रही है, किसी को भी काेराेना के लक्षण हो तो जांच कराएंजिले में काेराेना के मरीजाें की रफ्तार अब पहले के मुकाबले कम हाे गए है, अच्छी बात ये है कि ठीक हाेने वाले केसाें में रफ्तार बढ़ गई है। भास्कर ने पिछले 30 दिनाें का जिले में मिल रहे केसाें व ठीक हाे रहे केसाें का विशलेषण किया है। इसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए। पहले 15 दिनाें में हर घंटे में 6 से ज्यादा पाॅजिटिव केस मिल रहे थे, और इसी रफ्तार से केस ठीक हाे रहे थे। लेकिन अब घंटे में 2 से भी कम केस आ रहे, लेकिन ठीक हाेने वाले केसाें में दाेगुना अंतर आ गया है। 7 से 21 सितंबर के बीच इन 15 दिनाें में जिले में 149 से भी ज्यादा की औसत से 2249 केस मिले हैं। यानी हर घंटे में 6 से ज्यादा केस मिले।
वहीं इसी बीच 2232 केस ठीक भी हुए। यानी जिस रफ्तार से केस मिल रहे थे। उसी रफ्तार से ठीक भी हाे रहे थे, लेकिन एक्टिव केस लगभग 1300 से ज्यादा रहे। इन 15 दिनाें में एक्टिव केसाें में 134 केसाें की बढ़ाेतरी हुई ताे वहीं 22 लाेगाें ने अपनी जान भी गंवाई। लेकिन अंतिम 15 दिनाें 47 की औसत से केस मिले है, यानी हर घंटे में 2 से भी कम केस। लेकिन मिलने वाले नए केसाें और ठीक हाेने वाले केसाें में दाेगुणा अंतर आ गया है। इन 15 दिनाें में 1523 केस ठीक हुए हैं। एक्टिव केसाें में भी 797 केसाें की कमी आई। 14 लाेगाें ने अपनी जान भी गंवाई।
15 दिनाें से टेस्टिंग भी कम
सैंपलाें की टेस्टिंग पेड हाेने के बाद सैंपलाें में कमी आई। सैंपलाें की रफ्तार 15 प्रतिशत कम हाे गई है। पहले 1181 औसतन एक दिन में सैंपल लिए जाते थे, लेकिन अब 850 की औसत से सैंपल हाे रहे हैं। दूसरा अब पाॅजिटिव मिलने वाले केस के संपर्क वालाें काे ट्रेस नहीं किया जा रहा न ही एकदम उनका सैंपल लिया जाता है। पाॅजिटिव मरीज के नजदीकी का तभी सैंपल लिया जाता है। जब उसकी तबियत खराब हाे या काेई लक्षण दिखाई दें।
वैज्ञानिकाें का कहना अब दूसरी लहर आएगी
पानीपत जिले सहित पूरे देश में काेराेना केसाें में भारी कमी आई है। वैज्ञानिकाें व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियाें काे कहना है कि इसे काेराेना का पीक नहीं कह सकते लेकिन केसाें में कमी जरूर आई है। ऐसे में अब काेराेना की दूसरी लहर आ सकती है। यानी सतर्क नहीं रहे ताे केसाें में कई गुणा तक बढ़ाेतरी हाे सकती है। अब लाेगाें काे ऊपर है कि वाे घर से बाहर जाते समय मास्क का प्रयाेग कर रहे है या नहीं। साेशल डिस्टेसिंग का पालन कर रहे है या नहीं।
मास्क पहनें और सतर्क रहें
सीएमओ डाॅ. संतलाल वर्मा ने कहा कि जिले में केसाें की संख्या लगातार कम हाे रही है, लेकिन इसे हल्के में भी नहीं ले सकते। किसी भी मरीज के अंदर काेराेना के लक्षण दिखाई दे ताे वह जांच जरूर कराएं। अगर जांच न कराई ताे स्थिति बिगड़ सकती है।