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गैंगरेप केस में हंगामे का तीसरा दिन:मीडिया को तीसरे दिन पीड़ित के गांव में एंट्री मिली

गैंगरेप केस में हंगामे का तीसरा दिन:मीडिया को तीसरे दिन पीड़ित के गांव में एंट्री मिली; राहुल-प्रियंका आज फिर हाथरस रवाना होंगे, 2 दिन पहले उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था हाथरस गैंगरेप मामले में मीडिया को पीड़ित के गांव (बुलीगढ़) में जाने की इजाजत दे दी गई है। इससे पहले SIT जांच का हवाला देकर पुलिस ने 2 दिन से मीडिया को रोक रखा था। उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज फिर हाथरस के लिए रवाना होंगे। इससे पहले गुरुवार को राहुल और प्रियंका को हाथरस जाते वक्त ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर रोक दिया गया था। दोनों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनसे कहा कि आपने धारा 188 का वॉयलेशन किया है।

पुलिस ने राहुल की कॉलर भी पकड़ी थी। धक्कामुक्की में वे नीचे गिर गए, और हाथ में चोट लग गई। राहुल और प्रियंका को 4 घंटे हिरासत में रखने के बाद छोड़ा गया। दोनों हाथरस के बुलीगढ़ गांव जाकर गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलना चाहते थे।पीड़ित के गांव के बाहर पुलिस का पहरा
राहुल को पुलिस आज फिर रोकेगी, क्योंकि पूरे हाथरस जिले में धारा 144 लागू है, सीमाएं सील हैं और विपक्षी दलों के नेताओं को गैंगरेप पीड़ित के गांव में एंट्री नहीं दी जा रही। सरकार ने हाथरस की घटना से जुड़े थाने के पुलिसकर्मियों और आरोपियों के साथ ही पीड़ित परिवार के लोगों का भी नार्को टेस्ट कराने का फैसला किया है। परिवार के सदस्यों ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि वे नार्को टेस्ट नहीं करवाएंगे, क्योंकि सच बोल रहे हैं, हमारी बजाय डीएम का नार्को टेस्ट होना चाहिए।तृणमूल सांसदों को भी पुलिस ने धक्के मारकर भगा दिया था
शुक्रवार को तृणमूल के सांसदों को भी गांव के बाहर ही रोक दिया गया। सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को पुलिस ने धक्के देकर गिरा दिया। तृणमूल सांसद प्रतिमा मंडल और पूर्व सांसद ममता ठाकुर ने हाथरस सदर के एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा के खिलाफ बदसलूकी का मामला दर्ज करवाया है।

हाथरस के एसपी समेत 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड
हाथरस मामले में पुलिस-प्रशासन के रवैये के विरोध में देशभर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच योगी सरकार ने पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की है। शुक्रवार को सरकार ने हाथरस के एसपी विक्रांत वीर समेत 5 पुलिस अफसरों को सस्पेंड कर दिया। डीएम के खिलाफ अभी तक एक्शन नहीं
गैंगरेप की शिकार हुई लड़की का शव जल्दबाजी में जलाने के बाद से पुलिस-प्रशासन पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। परिवार ने आरोप लगाया था कि डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने दबाव बनाया था और कहा था कि लड़की कोरोना से मर जाती तो क्या मुआवजा मिलता? हालांकि, सरकार ने डीएम के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

क्या है पूरा मामला?
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की युवती से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था।

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