धान खरीद पर रार:4 जिलों की मंडियों में पड़ा 11 लाख क्विंटल से ज्यादा धान, आज से खरीद शुरू होने पर भी हालात सामान्य होने में लगेंगे कई दिन प्रदेश में 5 दिनों से धान की खरीद सुचारू न होने से किसान परेशान
बुधवार को करीब 1 लाख क्विंटल पीआर धान सरकार ने सीधी खरीदीप्रदेशभर में 5 दिन से धान की खरीद सुचारू न होने से किसान परेशान हैं। करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र और अम्बाला की अनाज मंडियां धान से फुल हैं। इन 4 जिलों की मंंडियों में ही 11 लाख क्विंटल से ज्यादा धान पड़ा हुआ है, जबकि बुधवार शाम सरकार ने सीधे करीब 1 लाख क्विंटल धान की खरीद की। बुधवार को सरकार और मिलर्स के बीच बातचीत हुई। मिलर्स खरीद के लिए तैयार हो गए हैं, जबकि आढ़ती मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। आज से भी धान खरीद सुचारू होती है तो भी हालात सामान्य होने में कई दिन लगेंगे।
वहीं, धान खरीद न होने के विरोध में किसान 3 दिन से सड़कों पर उतर रहे हैं। बुधवार को भी करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, जींद, अम्बाला, यमुनानगर समेत कई जिलों में भाकियू के साथ किसानों ने प्रदर्शन कर रोड जाम किए। करनाल में पीआर धान की खरीद नहीं होने पर इंद्री, घरौंडा, करनाल, गढ़ीबीरबल, निगदू मंडियों में किसानों ने धरना प्रदर्शन किया। डीएसपी व थाना प्रभारी ने किसान नेताओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे सड़क पर डटे रहे। बता दें कि प्रदेश के 4 जिलों में सरकार ने 27 सितंबर से धान खरीद शुरू की थी, लेकिन उसी दिन मिलर्स व आढ़ती हड़ताल पर चले गए।
थानेसर में विरोध के चलते बिना खरीद वापस लौटे अधिकारी व कर्मचारी
शाहाबाद, बाबैन, लाडवा व पिहोवा में बुधवार को 35 हजार क्विंटल धान की खरीद हुई। 17 प्रतिशत नमी वाली धान खरीद करने पहुंची एजेंसी का आढ़ती व किसानों ने विरोध किया। सुबह कुछ घंटे के बाद एजेंसी के इंस्पेक्टर चले गए। मंडियों के बाहर किसानों ने 5 घंटे सड़कें जाम रखीं। इस्माइलाबाद में मार्केट कमेटी कार्यालय व मंडी गेट पर ताला जड़कर 3 जगह सड़कें जाम कर विरोध जताया। थानेसर में विरोध के चलते एजेंसी अधिकारी व कर्मचारियों को वापस लौटना पड़ा। लाडवा मंडी के सामने साढ़े 4 घंटे जाम लगाया गया। पिहोवा में भी अम्बाला हिसार रोड जाम रखा। थानेसर में मंडी के सामने केडीबी 100 फुटा रोड करीब चार घंटे किसानों ने जाम रखा।
इंद्री, घरौंडा, करनाल, गढ़ीबीरबल, निगदू में लगाए जाम
करनाल में सरकारी घोषणा के बावजूद बीते तीन दिनों में धान की खरीद शुरू नहीं हुई। धान नहीं बिकने व सरकार की धान खरीद नीति से गुस्साए किसानों और आढ़तियों ने नेशनल हाईवे के सर्विस रोड पर जाम लगा दिया। करनाल, कुंजपुरा, इंद्री में खरीद एजेंसियों ने 112.5 एमटी पीआर धान की खरीद की गई, जबकि पूरे करनाल जिले की मंडियों में 3 लाख क्विंटल से ज्यादा धान पड़ा है।
मांग : मैसेज भेजने के बजाए सीधी खरीद हो
अम्बाला की सिटी नई अनाज मंडी के सामने अम्बाला-हिसार हाइवे पर किसानाें ने भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में धान की खरीद न हाेने पर जाम लगा दिया। सुबह 8 बजे से जाम लगाया गया। वाहनाें काे पुलिस ने विभिन्न जगहाें से डायवर्ट किया। किसान हाइवे पर ही टेंट लगाकर बैठ गए। शाम तक भी खरीद काे लेकर काेई कार्रवाई नहीं हुई थी। भाकियू के जिला प्रधान ने सरकार से मांग की है कि किसानाें के पास मैसेज आने की बजाए खुली खरीद मंडी में की जाए और 17 प्रतिशत नमी की बजाए 22 प्रतिशत नमी वाली फसल खरीदी जाए।
कैथल में एजेंसी कर्मियों की आनाकानी
कैथल जिले की मंडियों में करीब एक लाख क्विंटल धान पड़ा हुआ है। मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर किसानों ने नारेबाजी की। कमेटी सचिव ने एजेंसी कर्मचारियों को नमी जांच कर खरीद को कहा तो उन्होंने आनाकानी कर दी। देर शाम एसडीएम संजय कुमार ने मंडी में जाकर बिना आढ़तियों के डायरेक्ट एजेंसी से खरीद कराई। कुछ ढेरियों को खरीदा गया। पूंडरी में जाम लगाया। राजौंद में धान की खरीद नहीं हो पाई। खरीद न होने पर ढांड में मजदूरों ने प्रदर्शन किया।