धान खरीदी मामला:मिलर्स की मांगों पर बनी सहमति, आढ़ती अड़े तो सरकार सीधे करेगी धान खरीद, सीएम के साथ वार्ता में मिलिंग चार्ज 10 से बढ़ा 25 रुपए करने का फैसला मंडी का गेट जबरदस्ती बंद करने वालों पर पुलिस करेगी कार्रवाई
अब आज से धान उठान के साथ खरीद में तेजी आने की संभावनाप्रदेश में धान खरीद 4 दिन बाद बुधवार को भी तेजी नहीं पकड़ पाई। दिनभर आढ़ती, मिलर्स व किसान अपनी-अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन-धरने व रोड जाम करते रहे। शाम को सीएम मनोहर लाल ने चावल मिलर्स के साथ वार्ता की। इसमें मिलर्स का मिलिंग चार्जेज 10 रु. से बढ़ाकर 25 रुपए प्रति क्विंटल करने का फैसला लिया गया है।
हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन ज्वैल सिंगला ने कहा कि सीएम के साथ वार्ता में अधिकांश मांगों पर सहमति बनी है। किसानों को किसी सूरत में परेशान नहीं होने दिया जाएगा। अब गुरुवार से धान उठान के साथ खरीद में तेजी आने की संभावना है। उधर, आढ़ती अब भी मांगों पर अड़े हैं। ऐसे में सरकार किसानों से सीधे खरीद करने की भी तैयारी कर रही है। आढ़ती खरीद नहीं करते तो किसान मार्केट कमेटी अधिकारियों को कह सकते हैं कि धान सीधे खरीदा जाए। इसकी पेमेंट सीधे किसान के खाते में होगी। मंडी गेट जबरदस्ती बंद करने वालों पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
उठान ठेकेदार ही करेंगे
धान से मंडियों का उठान ठेकेदार के माध्यम से ही कराया जाएगा। यदि चावल मिलों में धान नहीं जाता तो जहां गेहूं रखा गया था, उन्हीं फड़ों पर धान रखा जाएगा। क्योंकि कोरोना काल में अधिकांश गेहूं का उठान हो चुका है।
आढ़तियों की ये तीन मांगें
आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान अशोक गुप्ता के अनुसार आढ़तियों की 3 प्रमुख मांगें हैं। इनमें बारदाना सही मात्रा में उपलब्ध कराया जाए। 18-19 फीसदी नमी वाली धान भी खरीदने की इजाजत दी जाए। 24 घंटे में मंडी से धान का उठान कराया जाए।
यदि आढ़ती खरीद नहीं करते तो सरकार 17% तक नमी वाली धान सीधे खरीदेगी। मंडियों में नया बारदाना उपलब्ध कराया जाएगा। अब 75% किसानों को स्टेट मुख्यालय व 25% को मार्केट कमेटी स्तर पर खरीद की शेड्यूलिंग होगी। -पीके दास, अतिरिक्त मुख्य सचिव, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग हरियाणा