राजनीति:चुनाव आयोग की बैठक के बाद बरोदा उपचुनाव की घोषणा हो सकती है आज, सीएम ने बुलाई विधायकों की बैठक शाम 6 बजे हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर करेंगे विधायकों से चंडीगढ़ में मुलाकात
देशभर में उपचुनाव को लेकर भारतीय चुनाव आयोग की रिव्यू मीटिंग होगी आजकोरोना के बीच बरोदा विधानसभा में उपचुनाव जल्द हो सकते हैं। चुनाव की तारीखों का ऐलान आज भारतीय चुनाव आयोग कर सकता है। देशभर के अलग-अलग राज्यों में खाली हुई 64 विधानसभा सीटों और 1 लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव होना है। इसको लेकर चुनाव आयोग ने रिव्यू मीटिंग बुलाई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस रिव्यू मीटिंग के बाद चुनाव आयोग हरियाणा की एक बरोदा विधानसभा सीट के लिए तारीखों का ऐलान कर सकता है।
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बुलाई विधायकों की बैठक
बरोदा उपचुनाव के मद्देनजर हरियाणा के सीएम ने मंगलवार को चंडीगढ़ में भाजपा विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में चुनाव की रणनीति पर चर्चा हो सकती है। हालांकि विधायकों के कुछ अपने मुद्दे व विधानसभा क्षेत्रों से जुड़े काम भी हैं, उन पर भी सीएम चर्चा करेंगे। इसके अलावा विधायकों की बरोदा उपचुनाव में प्रचार की ड्यूटी लग सकती है।
कांग्रेस के दबदबे वाली सीट रही है बरोदा
सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा सीट 1967 के चुनाव से ही है। अभी तक हुए 13 बार हुए चुनावों में इस विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा 5 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। 2009 से लगातार कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा तीन पर इस सीट से जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे थे। वे 2009, 2014 और 2019 में जीते थे।
श्रीकृष्ण हुड्डा की मौत के बाद खाली हुई सीट
12 अप्रैल 2020 को विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा का निधन हो गया था। वे 74 वर्ष के थे। हुड्डा छह बार के विधायक थे। 2019 के चुनाव में पहलवान योगेश्वर दत्त को हराकर छठी बार विधानसभा पहुंचे थे।
कांग्रेस और भाजपा किसे उतारेंगी चुनाव मैदान में यह भी साफ नहीं
चुनाव के मद्देनजर सत्ताधारी दल भाजपा-जजपा ने इस विधानसभा क्षेत्र के लिए सरकारी योजनाओं की झड़ी लगा रखी है। इसके बाद भी भाजपा-जजपा के लिए यहां चुनाव किसी चुनौती से कम नहीं है। कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट पर कांटे की टक्कर होगी। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से पहलवान योगेश्वर दत्त को चुनाव में उतारा था। श्रीकृष्ण हुड्डा ने योगेश्वर को महज 4840 वोट से हराया था। अब देखना यह भी विशेष रहेगा कि भाजपा और कांग्रेस किस उम्मीदवार को मैदान में उतारती है। जजपा पहले ही साफ कर चुकी है कि उपचुनाव में उनका भाजपा को पूरा समर्थन है लेकिन उम्मीदवार भाजपा का होगा।
कृषि विधेयकों के चलते सत्ताधारी दल का हो रहा विरोध
केंद्र सरकार द्वारा किसानों से जुड़े कृषि विधेयक संसद में पास कर दिए जाने के बाद प्रदेशभर में किसान भाजपा और जजपा का विरोध कर रहे हैं। इस विरोध के बीच चुनाव होना कहीं न कहीं भाजपा और जजपा दोनों के लिए कड़ी चुनौती है। ऐसे में दोनों पार्टियां चुनाव की क्या रणनीति बनाते हैं, यह भी देखने लायक होगी। बरोदा सीट किसान बाहुल्य सीट है।