बाजरा, मूंग और मक्का की फसल के लिए होंगे अतिरिक्त खरीद केंद्र किसान नहीं होंगे परेशान
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कांग्रेस का कृषि बिलों के विरोध में पैदल मार्च, कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर छोड़ा

ज्ञापन सौंपा:कांग्रेस का कृषि बिलों के विरोध में पैदल मार्च, कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर छोड़ा हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने हरियाणा के राज्यपाल को महामहिम राष्ट्रपति के लिए एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मोदी सरकार के तीन काले कानूनों की निंदा की गई है। ज्ञापन में मांग की गई है कि महामहिम अपने पद की गरिमा के प्रभाव से भाजपा सरकार को कृषि विरोधी काले कानूनों को निरस्त करने के लिए कार्यवाही करें, क्योंकि इन काले कानूनों के कारण किसान, श्रमिक व आढ़ती बर्बाद हो जायेंगे।ज्ञापन में यह कहा गया है कि कृषि उपज के क्रय-विक्रय के लिए मंडी व्यवस्था को समाप्त करने से कृषि उपज का व्यापार बिल्कुल नष्ट हो जाएगा और देश के लिए इसके परिणाम भयावह होंगे। इस दौरान कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल, प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में सैकड़ों पार्टी नेता और कार्यकर्ता राज भवन की ओर पैदल मार्च करने लगे तो थोड़ी दूर ही चंडीगढ़ पुलिस ने उनको रोक लिया और केवल 6 नेताओं को ही राज भवन की ओर जाने दिया।

पार्टी के हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे एकजुट होकर मोदी सरकार के तीन काले कानूनों के विरुद्ध जोरदार रोष व्यक्त करें। कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार का ये काले कानून लाने से प्रारंभ से ही विरोध किया है।

कांग्रेस पार्टी ने ये तीन काले अध्यादेश जारी करने, राज्य सभा में में धोखाधड़ी से पास करवाने और बाद में राष्ट्रपति द्वारा इन पर हस्ताक्षर करने के समय डटकर विरोध किया था परंतु मोदी सरकार ने इन काले कानूनों को जबरदस्ती लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों, मजदूरों और आढ़तियों के लिए अत्यावश्यक है परंतु भारतीय जनता पार्टी की सरकार धक्के से कृषि मंडी उपज कानून समाप्त करने पर तुली हुई है।

सत्य को कांग्रेसी झूठ से नहीं हारने देंगे: धनखड़

हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने तीनों कृषि विधेयकों के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन पर कहा कि कुछ लोग पूरे मामले में बार-बार झूठ बोल रहे है। पहले झूठ बोलते थे कि इन कानूनों के लागू हो जाने के बाद फसलों की सरकारी खरीद नहीं होगी, लेकिन सरकार ने खरीद शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा। लेकिन सरकार ने अगले सीजन के न्यूनतम समर्थन मूल्य की भी घोषणा कर दी और उनका झूठ सामने आ गया। उन्होंने कहा कि नए तीन कृषि कानून कुछ प्रगतिशील किसानों के लिए हैं, जो खुले बाजार में अपनी फसले बेचना चाहते हैं। पंजाब में कांग्रेस की तरफ से विरोध प्रदर्शन पर धनखड़ ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब में धान की खरीद के लिए 22000 करोड़ रुपए देगी जिसमें से पंजाब सरकार को 1320 करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा और आढ़तियों में साढ़े पांच सौ करोड रुपए मिलेंगे। इसके बावजूद भी कांग्रेस नेता प्रदर्शन में लगे हैं।

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