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विराट-मोदी की फिटनेस पर चर्चा:कोहली बोले- फिटनेस के लिए छोले-भटूरे छोड़े; प्रधानमंत्री ने कहा

विराट-मोदी की फिटनेस पर चर्चा:कोहली बोले- फिटनेस के लिए छोले-भटूरे छोड़े; प्रधानमंत्री ने कहा- आपको और अनुष्का को आने वाली ‘शुभ घड़ी’ की शुभकामनाएं प्रधानमंत्री और विराट कोहली के बीच योयो टेस्ट पर भी बातचीत हुई, विराट ने रोचक जवाब दिया
विराट के मुताबिक, टीम इंडिया का फिटनेस लेवल हालिया वक्त में काफी बेहतर हुआ हैबुधवार यानी 24 सितंबर को फिट इंडिया मूवमेंट का एक साल पूरा हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कुछ सेलिब्रिटीज से वर्चुअली रूबरू हुए। इनमें टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली भी शामिल थे। कोहली को सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में सबसे फिट क्रिकेटर्स में से एक माना जाता है। मोदी ने विराट से उनकी फिटनेस पर रोचक बातचीत की। इस दौरान योयो टेस्ट का भी जिक्र हुआ।

योयो टेस्ट पर कोहली ने कहा- हम अपना फिटनेस लेवल बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए योयो टेस्ट जरूरी है। मैं भी इसमें फेल हुआ तो सिलेक्शन नहीं हो पाएगा। बातचीत के आखिर में मोदी ने कहा- मैं आपको और अनुष्का को आने वाली शुभ घड़ी के लिए बहुत शुभकामनाएं देता हूं। यहां हम आपको बता रहे हैं प्रधानमंत्री के सवाल और कोहली के जवाब।

मोदी- दुबई से समय निकालकर जुड़े। आपका तो नाम ही विराट है। फिटनेस पर क्या कहेंगे?
विराट- मैं भी जिंदगी में ट्रांजिशन से गुजरा। मुझे एक्सपीरियंस मिला कि रुटीन सही नहीं था, क्योंकि खेल काफी आगे बढ़ चुका था। जो सेल्फ रियलाइजेशन की बात थी। मुझे भी लगा कि फिटनेस प्रायोरिटी होनी चाहिए। प्रैक्टिस मिस हो जाए तो खराब नहीं लगता। फिटनेस सेशन मिस हो जाए तो बहुत बुरा लगता है।

योयो टेस्ट की बात करें तो बाकी टीमों से हमारा फिटनेस लेवल कम है। आज टी-20 या वनडे हुआ तो ये तो एक दिन में खत्म हो जाते हैं। टेस्ट क्रिकेट 5 दिन चलता है। इसके लिए ज्यादा फिटनेस जरूरी है। योयो टेस्ट के लिए सबसे पहले मैं ही भागता हूं। अगर इसमें मैं भी फेल हो जाता हूं तो मैं भी सिलेक्ट नहीं हो पाऊंगा।

मोदी- दिल्ली के छोले-भटूरे मिस करते हैं?
विराट- जहां से आता हूं, वहां का खान-पान बहुत असर नहीं डालता। हालांकि, अब फिटनेस के लिए बहुत कुछ बदलना पड़ा। अगर हम फिटनेस को इम्प्रूव नहीं करेंगे तो खेल में पीछे छूटते चले जाएंगे। शरीर और दिमाग दोनों का स्वस्थ रहना जरूरी है। रात को मीठा खाकर बिना कोई एक्टिविटी किए सो गए, ये गलत होता है। दिमाग में ये क्लीयर होना जरूरी है कि आप किसके लिए फिट रहना चाहते हैं? खाने के बीच में समय देना बहुत जरूरी है। हम दिनभर खाते रहते हैं। पहले रात में 12.30 बजे तक डिनर लेता था। रात में मीठा खाकर सो जाता था। प्रायोरिटी तय करनी जरूरी है कि आपको करना क्या है।

फिटनेस के फायदे हमें रोजमर्रा की जिंदगी में दिखते हैं। आज शरीर कितना तंदुरुस्त है और दिमाग कितना तंदुरुस्त है, ये दोनों चीजें मायने रखती हैं। इसका ध्यान रखना जरूरी है कि मुझे क्या बदलना है अपने अंदर। मेरी नानी की हेल्थ हमेशा फिट रहीं, क्योंकि उन्होंने हमेशा घर का सिंपल खाना खाया।

मोदी- आप लगातार एक्टिविटीज करते हैं, थकते नहीं हैं?
विराट- कोई भी एक्टीविटी करने पर थकना लाजिमी है। मैं भी थकता हूं। लेकिन थकने के बाद मैं एक मिनट में दोबारा तैयार हो जाता हूं तो यह बड़ी बात होती है। टेस्ट क्रिकेट थकाऊ होता है। तीन दिन में प्लेयर्स को थकान होने लगती है। अगर खिलाड़ी फिट है तो वह तीसरे-चौथे-पांचवें दिन भी एफर्ट डाल सकता है। हमारे पास पहले भी स्किल थी, यही हमारी ताकत है। लेकिन पहले खिलाड़ी थकने की वजह से एफर्ट नहीं डाल पाते थे, लिहाजा कई बार हमारी टीम हार जाती थी।

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