भारत-चीन विवाद सुलझाने की कोशिश:विदेश मंत्रालय ने कहा- लद्दाख में दोनों ओर से डिसएंगेजमेंट की कोशिश जारी, लेकिन ऐसा करना मुश्किल विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा- सेना कमांडर्स के छठे स्टेज की बातचीत में मौजूदा स्थिति में किसी तरह का बदलाव रोकने की कोशिश जारी
लद्दाख सीमा पर तनाव के बीच भारत-चीन के कॉर्प्स कमांडर की छठी मीटिंग 22 सितंबर को हुई थी, इसमें विदेश मंत्रालय के अफसर भी शामिल हुए थेलद्दाख में चीन के साथ चल रहे विवाद पर कमांडर लेवल की बातचीत में दोनों पक्षों ने एलएसी पर डिसएंगेजमेंट में दिलचस्पी दिखाई है। छठे स्टेज की बातचीत में दोनों देशों के सीनियर कमांडर्स को अपनी बातों को गहराई से रखने और दूसरे पक्षों को समझने का मौका मिला है। मौजूदा स्थिति में किसी भी तरह का बदलाव रोकने की कोशिश जारी है।
यह तय करना जरूरी है कि वहां जमीनी स्तर पर स्थिरता कायम रहे। दोनों ओर से सभी तनाव वाले इलाकों में डिसएंगेजमेंट के लिए काम किया जा रहा है, लेकिन ऐसा करना मुश्किल है। इसमें दोनों ओर से सेना की टुकड़ियों को फॉरवर्ड लोकेशन्स से नियमित पोस्ट पर भेजना होता है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह बात कही।
कमांडर लेवल की छठी मीटिंग 22 सितंबर को हुई थी
लद्दाख सीमा पर तनाव के बीच भारत-चीन के कॉर्प्स कमांडर की छठी मीटिंग 22 सितंबर को हुई थी।चीन की तरफ चुशूल सेक्टर के मोल्डो में यह बातचीत हुई थी। न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक मीटिंग में विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी भी शामिल हुए थे। यह पहला मौका था जब कॉर्प्स कमांडर लेवल की मीटिंग में कोई डिप्लोमेट शामिल हुआ था। भारत-चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर के बीच पिछली मीटिंग करीब एक महीने पहले हुई थी। इसके अलावा ग्राउंड कमांडर स्तर की बातचीत करीब-करीब हर रोज हो रही है।
बातचीत के बावजूद चीनी की घुसपैठ की कोशिशें जारी
बातचीत के बावजूद चीन पूर्वी लद्दाख में बार-बार घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। 29-30 अगस्त की रात पैंगॉन्ग झील इलाके के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर चीन ने कब्जा करने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय जवानों ने नाकाम कर दी। इसके बाद चीन ने 2 बार फिर ऐसी ही कार्रवाई की। 29 अगस्त से लेकर 8 सितंबर तक दोनों तरफ से 3 बार हवा में गोलियां भी चली थीं।